दिग्गज जिसने सुपरबोन के करियर को पूरी तरह पलटने में मदद की

Superbon

इस शुक्रवार, 31 जुलाई को थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित होने वाले ONE: NO SURRENDER में सुपरबोन अपना प्रोमोशनल डेब्यू करने वाले हैं।

इस स्टार किकबॉक्सर का सामना अपने पुराने विरोधी और हमवतन “द किलर किड” सिटीचाई सिटसोंगपीनोंग से तीसरे मुकाबले में होगा।

भले ही सुपरबोन ONE के #1 रैंक के फेदरवेट मॉय थाई और #2 रैंक के फेदरवेट किकबॉक्सिंग स्टार हैं लेकिन उनका शानदार सफर मुश्किलों से भरा हुआ रहा है।

यहां तक कि ये टैलेंटेड एथलीट कॉम्बैट स्पोर्ट्स को छोडने के करीब था लेकिन फिर उनकी मुलाकात ऐसे व्यक्ति से हुई, जिसने उनका करियर बदल दिया।

भविष्य पर छाए संकट के बादल

सुपरबोन का जन्म थाईलैंड के दक्षिणी फथालुंग प्रांत में हुआ था, जहां उन्होंने 5 साल की उम्र से मॉय थाई की ट्रेनिंग लेना शुरू कर दी थी और 6 साल की उम्र से वो मुकाबलों में हिस्सा लेने लग गए थे।

18 साल की उम्र में ये एथलीट बैंकॉक चला गया, जहां उन्होंने यूनिवर्सिटी में जाने के साथ ही स्टेडियम सर्किट में मुकाबला शुरू किया।

उन्होंने कहा, “ये काफी थकावट देने वाला काम था और मेरे पास किसी अन्य चीज़ के लिए समय भी नहीं था। मैं सुबह स्कूल जाने से पहले और वहां से आने के बाद शाम को ट्रेनिंग करता था।”

राजधानी में पढ़ाई और मुकाबले करने के दबाव की वजह से सुपरबोन को अपने मॉय थाई मैचों में संघर्ष करना पड़ रहा था।

उन्होंने कहा, “ये प्रतियोगिताएं काफी कठिन और सीरियस थी। इसने मेरे जीवन पर काफी बड़ा असर डाला था।”

इन मुश्किलों की वजह से थाई स्टार को स्कूल पास करने के बाद एक मुश्किलों से घिरे भविष्य का अहसास हुआ। उन्हें खेल से जरूरत के अनुसार पैसा नहीं मिल रहा था और उन्होंने एक नई चीज़ की तलाश करना शुरू कर दी और अपने माता-पिता के समर्थन के साथ पुलिस एकेडमी में एडमिशन ले लिया था।

उन्होंने कहा, “मैं जीवन बिताने के लिए कमा नहीं पा रहा था। मैं छोड़ना नहीं चाहता था। वो परिस्थिति ही ऐसी थी।”

इसके बावजूद अंत में सुपरबोन ने कॉम्बैट स्पोर्ट्स को नहीं छोड़ा और जल्द ही ऑस्ट्रेलिया में मिले एक मौके की वजह से चीज़ें बदल गई।

‘मुझे उम्मीद की किरण दिखी’

2013 में मुकाबला करते हुए सुपरबोन का दुनिया के सबसे प्रसिद्ध मॉय थाई और किकबॉक्सिंग स्टार्स में से एक बुआको बेंचामेक से परिचय हुआ।

सुपरबोन ने कहा, “मुझे उनके साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला। जब हम थाईलैंड वापस आए तो उन्होंने मुझसे उनके साथ ट्रेनिंग करने के लिए पूछा। उन्होंने कहा कि अगर मैं उनका जिम जॉइन करूंगा और बेंचामेक नाम लगा लूंगा तो वो मुझे अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डालेंगे।”

उस समय सुपरबोन किसी भी टीम के साथ साइन नहीं थे और उनके पास इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था। उन्होंने जल्द ही ऑफर की स्वीकारा और बेंचामेक को जॉइन किया।

उन्होंने कहा, “ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा मोड था। मैंने एक रोशनी को देखा, जिसने मेरे नए सफर की शुरुआत की।”

नए गुरु के नेतृत्व ने ट्रेनिंग करने के साथ सुपरबोन, बेंचामेक जिम में चले गए और यहां से उनके एथलेटिक किकबॉक्सिंग करियर के नए चरण की शुरुआत हुई।

सुपरबोन ने कहा, “मैंने बुआको की वजह से किकबॉक्सिंग की शुरुआत की। मैंने मॉय थाई की ट्रेनिंग पूरी तरह रोक दी।”

इस बदलाव का निर्णय उनके नए गुरु के प्रोत्साहन की वजह से लिया गया था, जिनका मानना था कि किकबॉक्सिंग उनके चेले को सफलता हासिल करने में ज्यादा बेहतर मौका देगी।

सुपरबोन ने बताया, “मॉय थाई एथलीट के रूप में थाईलैंड में मेरा ज्यादा अच्छा भविष्य नहीं था। इसके बावजूद मैंने नया और रोचक रास्ता खोज लिया।”



सर्वश्रेष्ठ से सीखना

इस जवान एथलीट को किस्मत से, अलग रूल्स के साथ मुकाबला करने के बारे में सीखने के लिए स्ट्राइकिंग दिग्गज का साथ मिला।

सुपरबोन ने कहा, “बुआको किकबॉक्सिंग की काफी सालों से ट्रेनिंग कर रहे थे। वो मेरे किकबॉक्सिंग के गुरु थे।”

उनके गुरु के शानदार अनुभव की वजह से पूर्व मॉय थाई फाइटर को अच्छा महसूस होने लगा।

सुपरबोन ने कहा, “मैं किकबॉक्सिंग में ट्रेनिंग के द्वारा अच्छे से ढल गया। मैंने उसी तरह ट्रेनिंग की, जिस तरह बुआको ने की। तकनीकों से लेकर स्किल्स के उपयोग करने का तरीका, मैंने सब उनसे सीखा।”

2014 तक किकबॉक्सिंग की ओर रुख करने से उन्हें नतीजे मिलने लगे। अंतरराष्ट्रीय जगत में इस जवान थाई स्टार को लोकप्रियता मिली और वो प्रोफेशनल रैंक्स में मुकाबला करने लग गए।

इसके बाद 2016 में सुपरबोन ने विश्व भर के किकबॉक्सिंग समुदाय को हिलाकर रख दिया। वो कई बड़े विरोधियों को पराजित करके Kunlun Fight World MAX टूर्नामेंट के चैंपियन बन गए और इसने उन्हें सिटीचाई से पहली मुकालात में मिली हार के बाद बड़ी जीत भी दिलाई।

इस सफलता के साथ ही ये साफ होगा कि सुपरबोन का किकबॉक्सिंग को अपनाने और बुआको के साथ जुड़े रहने से उनके जीवन में एक शानदार मोड आया।

इस स्टार ने बताया, “मैं काफी खुशनसीब हूं कि मैं बुआको के इर्द-गिर्द रहा और उनसे किकबॉक्सिंग सीखी।”

विरासत कायम करना

पिछले कुछ सालों में सुपरबोन ने खुद को दुनिया के सबसे निडर किकबॉक्सिंग स्टार्स के रूप में कायम किया है।

ये उभरता हुआ स्टार कई बार किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके है, जिसमें 2019 IPCC किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल भी शामिल है। साथ ही उन्हें सिंगडम किआतमू9 और डेविट कीरिया जैसे स्टार्स पर जीत भी मिली है।

इस सफलता की वजह से सुपरबोन को ONE Championship में आने का मौका मिला और उनके सपना व ज्यादा ऊंचाई हासिल करना है।

उन्होंने कहा, “मेरा लक्ष्य है कि हर कोई मुझे सर्वश्रेष्ठ माने। मैं हर किसी से कहलवाना चाहता हूं कि मैं डिविजन में सर्वश्रेष्ठ हूं।”

इसमें कोई शक नहीं है कि वर्ल्ड टाइटल्स जीतने से सुपरबोन का करियर अगले स्तर पर चला जाएगा, साथ ही उन्हें उम्मीद है कि वो अपने गुरु की तरह प्रेरणादायक एथलीट बने।

उन्होंने कहा, “मैं बुआको को काफी मानता हूं।”

“मैं आदर्श के रूप में उनका आदर करता हूं और उनकी तारीफ करता हूं। अगर आप मुझसे पूछेंगे कि मैं खुद को कैसे याद रखा जाने की इच्छा रखता हूं, तो मैं चाहता हूं कि लोग मुझे बुआको की तरह याद रखें।”

वो भले ही अभी वहां तक ना पहुंचे हों लेकिन सुपरबोन अपने रास्ते पर अच्छे से जा रहे हैं। अगर वो ONE: NO SURRENDER में सिटीचाई को हरा देते हैं तो वो कॉम्बैट स्पोर्ट्स में अपनी शानदार विरासत कायम करेंगे।

ये भी पढ़ें: इन 5 कारणों से आपको ONE: NO SURRENDER को मिस नहीं करना चाहिए

किकबॉक्सिंग में और

Seksan Or Kwanmuang River Daz ONE Friday Fights 46 52 scaled
Rodtang Jitmuangnon Takeru Segawa ONE 172 12 scaled
Yuya Wakamatsu Adriano Moraes ONE 172 152 scaled
Rambong Sor Therapat Patakake Sinbimuaythai ONE Friday Fights 90 26 scaled
Masaaki Noiri Tawanchai PK Saenchai ONE 172 90 scaled
Rodtang Jitmuangnon ONE 172 4 scaled
Rodtang and Takeru face off for ONE 172 at Sataima Super Arena in Japan scaled
Rodtang Jitmuangnon Jacob Smith ONE 169 11 scaled
John Lineker Alexey Balyko ONE Fight Night 25 42 scaled
Nakrob at ONE Friday Fights 101 scaled
Takeru Segawa Thant Zin ONE Friday Fights 81 54
Rodtang Jitmuangnon Jacob Smith ONE 169 51