उन लोगों से मिलिए जिन्होंने पेटमोराकोट को इतना बड़ा स्टार बनाया
ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन पेटमोराकोट पेटयिंडी एकेडमी को गर्व है कि वो ONE वर्ल्ड चैंपियन हैं और वो इस स्पोर्ट के महान एथलीट्स में से एक के खिलाफ अपने टाइटल को सफलतापूर्वक डिफेंड कर पाने की उम्मीद कर रहे हैं।
31 जुलाई को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में होने वाले ONE: NO SURRENDER में 26 वर्षीय स्टार को “द बॉक्सिंग कंप्यूटर” योडसंकलाई IWE फेयरटेक्स के खिलाफ अपने टाइटल का बचाव करना होगा।
योडसंकलाई के खिलाफ एक जीत पेटमोराकोट को मॉय थाई का अगला लैजेंड सुपरस्टार बना सकती है। लेकिन उबोन राचाथानी के निवासी एथलीट के लिए अकेले इस मुकाम पर पहुंच पाना बहुत मुश्किल था और इस सफर में उन्हें सफलता दिलाने में कई लोगों का योगदान रहा है।
सिया बोट
10 साल पहले पेटमोराकोट बेहद कठिन दौर से गुजर रहे थे।
वो मॉय थाई कॉम्पिटिशन से दूर होते जा रहे थे, अपने दोस्तों के साथ मस्ती करने के लिए नियमित रूप से ट्रेनिंग सेशंस को छोड़ रहे थे और पार्टी लाइफ स्टाइल उनपर हावी होता जा रहा था।
ऐसा प्रतीत होने लगा था कि युवा एथलीट मार्शल आर्ट्स को छोड़ने वाले हैं लेकिन कुछ समय बाद देर रात घूमने के प्रति उनके मन में ऊब पैदा होने लगी थी और मॉय थाई में वापस आना चाहते थे।
इससे पहले कि देर हो जाती Rajadamnern Stadium के प्रोमोटर मित्र नाकोर्न ने उन्हें एक अवसर प्रदान किया।
पेटमोराकोट ने कहा, “उस समय मेरे पास कुछ नहीं था, ना पैसा था और ना सुरक्षित भविष्य। मुझे अहसास होने लगा था कि आगे बढ़ने के लिए मुझे कुछ ना कुछ तो करना ही होगा इसलिए मैंने नाकोर्न से सहायता मांगी और वो मुझे Petchyindee Academy लेकर गए।”
Petchyindee Academy में उनकी मुलाकात उस व्यक्ति से हुई, जो उनके करियर को एक नई राह दिखाने वाला था। नटादज वाचिरारटानावोंग जिन्हें सिया बोट के नाम से भी जाना जाता है और वो इस वर्ल्ड-क्लास जिम में हर रोज ट्रेनिंग देते थे।
सिया बोट ने अपने साथ जुड़े हर एक एथलीट के जीवन में अहम भूमिका निभाई और साथ ही वो एक दोस्त, एक भाई और कभी-कभी पिता की तरह का व्यवहार कर पेटमोराकोट को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते थे।
मॉय थाई स्टार ने कहा, “सिया बोट से मुझे बहुत कुछ सीखने को मिला है।”
“वो हमेशा हमसे कहते थे कि जो भी प्यार हमें इस कैंप में मिला है उसका मोल चुकाना ही होगा। हमें लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने चाहिए और अपने बारे में भी पता होना चाहिए कि हम जिंदगी के किस पड़ाव पर खड़े हैं। चाहे लोग उम्र में हमसे बड़े हों या समुदाय के प्रभावशाली लोग, हमें हमेशा हर किसी का सम्मान करना चाहिए। अगर हम इस सिद्धांत को याद नहीं रखेंगे तो हमें अन्य लोगों की तरह सफलता नहीं मिल पाएगी।
“सिया हमेशा हमें ये याद दिलाते कि वो हमें एक परिवार की तरह प्यार करते हैं और भविष्य में एक अच्छा इंसान बनाना चाहते हैं।”
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नोंग-ओ और सैम-ए
जब पेटमोराकोट पहली बार Petchyindee Academy में आए थे तो वो बहुत अकेला महसूस किया करते थे। इसका एक कारण ये भी था कि उनके प्रिय मित्र पेचडम उबोन राचाथानी प्रांत में रहकर ही ट्रेनिंग कर रहे थे।
लेकिन जब उनकी मुलाकात अपने कुछ पुराने दोस्तों से हुई तो उन्हें जल्द ही बदलाव का अहसास होना शुरू होने लगा था।
उन्होंने कहा, “सौभाग्य से, मैं नोंग-ओ गैयानघादाओ और सैम-ए गैयानघादाओ को पहले से ही जानता था इसलिए उनका साथ पाकर मुझे अच्छा महसूस होने लगा था।”
नोंग-ओ और सैम-ए उनसे उम्र में बड़े हैं और कुछ समय बाद ही वो युवा पेटमोराकोट को चीजों को सीखने में मदद करने लगे थे। साथ ही दोनों ने पेटमोराकोट को बैंकॉक स्टेडियम सर्किट के सबसे खतरनाक एथलीट्स में से एक बनने में भी मदद की थी।
नोंग-ओ और सैम-ए जिम में पेटमोराकोट के साथ ज्यादा समय बिताया करते थे। अक्सर अपने युवा साथी को कड़ी मेहनत और रेगुलर सेशन के समाप्त होने के बाद भी ट्रेनिंग को जारी रखने के लिए मजबूर भी किया करते थे।
स्पष्ट शब्दों में इस बात को समझा जाए तो वो पेटमोराकोट को एक बेहतर एथलीट बनाना चाहते थे।
पेटमोराकोट ने कहा, “मैं उनके साथ ट्रेनिंग करने का अवसर मिलने और उनसे कई चीजें सीखने को लेकर बहुत उत्साहित महसूस करता था। वो मुझे अक्सर सिखाते थे कि क्या सही है और क्या गलत। वो मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा।”
“ट्रेनिंग में मैंने ये भी सीखा कि किस तरह और कब अपने मूव्स का सही तरीके से इस्तेमाल करना चाहिए। वो हमेशा मुझे ऐसी चीजें सिखाते रहते थे।”
पेटमोराकोट के Lumpinee Stadium के मैचों से पहले भी सैम-ए और नोंग-ओ लॉकर रूम में उन्हें दिशा-निर्देश दिया करते थे।
उन्होंने कहा, “नोंग-ओ और सैम-ए हमेशा मुझे अपनी रणनीति के बारे में समझाते रहे थे। यहां तक कि जिस दिन मेरा मैच होता था, उस दिन भी वो मेरे मार्गदर्शक बनकर साथ खड़े रहते थे।”
आखिरकार एक ऐसा भी समय आया, जब दोनों एथलीट्स Petchyindee Academy का साथ छोड़ सिंगापुर में स्थित Evolve MMA टीम से जा जुड़े और आगे चलकर ONE वर्ल्ड चैंपियंस भी बने।
लेकिन उनकी सिखाई चीजें हमेशा पेटमोराकोट के साथ रहीं, जो बाद में चलकर कई बार के मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बने। इसी कारण आज वो ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन भी बन पाए हैं।
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