मोरक्कन मॉय थाई स्टार ज़कारिया एल जमारी के बारे में जानें – ‘एक चैंपियन की मानसिकता’

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मोरक्कन मॉय थाई सनसनी ज़कारिया एल जमारी का जन्म एक फाइटर बनने के लिए ही हुआ था।

4 मई को ONE Fight Night 22: Sundell vs. Diachkova में वो ONE में अपनी दूसरी फाइट लड़ेंगे और अपनी पहली प्रमोशनल जीत की तलाश में होंगे, जब एक दिलचस्प स्ट्रॉवेट मॉय थाई मुकाबले में थोंगपून पीके साइन्चाई से भिड़ेंगे।

मध्य पूर्व की शीर्ष प्रतिभाओं में से एक के रूप में पहचाने जाने वाले 34 वर्षीय एल जमारी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं, अगर वो थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के प्रतिष्ठित लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में थाई फैन फेवरेट फाइटर को मात दे पाए।

ग्लोबल मंच पर लौटने से पहले आइए दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन तक एल जमारी के सफर पर करीब से नजर डालते हैं।

बचपन में सड़क पर लड़ना

एल जमारी का जन्म और पालन-पोषण मोरक्को की राजधानी रबात के तकद्दौम के मेहनती और मध्यमवर्गीय इलाके में हुआ था।

उन्होंने एक कठोर और कठिन बचपन को याद किया, जिसमें खूब लड़ाई-झगड़े होते थे। इस प्रतिभाशाली फाइटर ने onefc.com को बताया:

“मैं अन्य लड़कों के साथ सड़क पर फाइट में भाग लेता था जो इकट्ठा होकर घेरा बनाते थे और दो लोग एक-दूसरे से आमने-सामने लड़ते थे। उस आस-पड़ोस ने मुझे एक फाइटर बना दिया।”

एल जमारी के बड़े और छोटे दोनों भाई भी मार्शल आर्ट्स के अनुभवी हैं। उनके भाई मेहदी एल जमारी ने उच्च स्तर पर सफलता प्राप्त की है और वो मौजूदा WBC मॉय थाई इंटरनेशनल चैंपियन हैं।

एल जमारी ने अपने फाइटिंग परिवार के बारे में बताया:

“हम एक पारंपरिक रूढ़िवादी मोरक्कन परिवार हैं। हम एक-दूसरे के करीब हैं। हम एक-दूसरे से प्यार करते हैं। मैं और मेरे भाई एक साथ ट्रेनिंग करते हैं और एक-दूसरे की मदद करते हैं।

“मैं अपने छोटे भाई मेहदी के सबसे करीब हूं क्योंकि हमने एक साथ अभ्यास करना शुरू किया था। उनके स्पेन चले जाने तक एक साथ फाइट्स और फिल्में देखा करते थे।”

संगठित कॉम्बैट स्पोर्ट्स को पाना

अनगिनत आस-पड़ोस की लड़ाइयों के साथ मोरक्को के निवासी ने आमने-सामने की फाइट के लिए एक वास्तविक प्रतिभा दिखानी शुरू कर दी।

सड़कों पर एल जमारी के कारनामों ने एक स्थानीय बॉक्सिंग कोच का ध्यान आकर्षित किया, जिससे उन्हें अपनी फाइटिंग की क्षमताओं को जिम में ले जाने के लिए प्रेरित किया गया:

“जब मैं 13 साल का था, तब एक बॉक्सिंग कोच ने मुझे लड़ते हुए देखा और कहा कि एक फाइटर बनने के लिए मेरे पास सब कुछ है लेकिन मुझे लड़ने के नियम सीखने होंगे। मैं उनके साथ जुड़ गया और सीखा कि रिंग के अंदर कैसे फाइट की जाती है।”

एल जमारी ने जल्दी ही किकबॉक्सिंग और बॉक्सिंग में हाथ आजमाया और उन्हें इन खेलों से प्यार हो गया। लेकिन वो ओंग-बाक फिल्म सीरीज़ थी, जिसने उन्हें ‘द आर्ट ऑफ 8 लिंब्स’ की कला में उतारा।

केवल दो साल के प्रशिक्षण के बाद उन्होंने पहली बार मॉय थाई में प्रतिस्पर्धा की और नॉकआउट हासिल किया:

“मैंने किकबॉक्सिंग से शुरुआत की, फिर बॉक्सिंग में चला गया और अंततः मॉय थाई में आया। मैंने एक थाई टीवी कार्यक्रम में फाइट्स और ओंग-बाक फिल्म के दोनों हिस्सों की फाइट्स को देखने के बाद मॉय थाई को चुना।

“मेरी अपनी पहली फाइट 15 साल की उम्र में लड़ी। वो मोरक्को में थी और मैंने वो मुकाबला नॉकआउट से जीता।”

मुश्किल परिस्थितियों पर काबू पाना

एक बार जब वो मॉय थाई में पूरी तरह से शामिल हो गए तो एल जमारी तेजी से आगे बढ़े। उन्होंने मॉय थाई और किकबॉक्सिंग दोनों में अरब टाइटल्स जीतकर खुद को क्षेत्र के सबसे तेजी से उभरते सितारों में से एक के रूप में स्थापित किया।

लेकिन जब उन्हें क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिल रही थी, तब युवा स्ट्राइकर पर्दे के पीछे संघर्ष कर रहे थे। जब वो 26 वर्ष के थे, तब उनके साथ एक दुखद घटना घटी:

“मुझे सबसे बड़ी कठिनाई मेरे पिता की मृत्यु के बाद हुई। वो किराने का काम करते थे। 2015 में उनकी मृत्यु हो गई।”

अभी भी अपने पिता के निधन का शोक मनाते हुए एल जमारी को अपने करियर में एक कश्मकश का सामना करना पड़ा। मोरक्को में रहने के बजाय जहां एक प्रोफेशनल एथलीट के रूप में अवसर सीमित थे, उन्होंने एक वर्ल्ड चैंपियन फाइटर बनने के अपने सपने को पूरा करने के लिए दुबई में स्थानांतरित होने का फैसला किया।

आखिरकार, संयुक्त अरब अमीरात में उनका ये कदम रंग लाया और जल्द ही एल जमारी के करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया:

“मुझे काम करना पड़ा। मेरे पिता की मृत्यु के चार महीने बाद मैंने मोरक्को छोड़ दिया और दुबई चला गया। ये 2016 की शुरुआत थी। मैंने एक निजी ट्रेनर के रूप में काम किया और फाइट्स की खोज करने लगा। मेरी नजर हमेशा एक प्रोफेशनल फाइटर बनने पर थी। मैं हमेशा अपने आप से कहता था: मैं एक कोच बन सकता हूं, लेकिन मैं एक चैंपियन हूं, सिर्फ एक कोच नहीं, मेरी मानसिकता एक चैंपियन की है।

“एक बार जब मुझे दुबई में मौका मिला, तब मैंने अपनी फाइट्स जीत ली। आखिरकार मैं एक प्रोफेशनल फाइटर बन गया और अपने रहने की स्थिति में सुधार किया। मुझे पता था कि मैं सही रास्ते पर हूं।”

एक गौरवान्वित मोरक्कन एथलीट

भले ही उन्होंने अपेक्षाकृत आसानी से अपने प्रतिद्वंदियों को परास्त कर करियर बनाया है, लेकिन एल जमारी का ONE तक का सफर आसान नहीं रहा है।

उन्होंने बताया:

“मोरक्को के फाइटर्स को बहुत धैर्य रखने की जरूरत है। हमारे पास स्पॉन्सरों और वित्तीय सहायता की कमी है। मुझे अकेले ही काम और ट्रेनिंग करनी पड़ी। एक मोरक्को के फाइटर के लिए प्रोफेशनल बनना आसान नहीं है।”

इन रुकावटों के बावजूद एल जमारी का मानना है कि मोरक्को में प्रतिभा की कमी नहीं है और उसी कठिन संघर्ष ने उन्हें एक उच्चस्तरीय फाइटर बनाया है:

“मोरक्को में बहुत सारी अच्छी प्रतिभा है। फाइटिंग हमारे खून में है। लोग किकबॉक्सिंग, मॉय थाई और सभी कॉम्बैट स्पोर्ट्स को पसंद करते हैं। लेकिन ये आसान नहीं है। मुझे काम और ट्रेनिंग के बीच अपना समय और ऊर्जा संतुलित करनी पड़ती थी।

“मैं सुबह दौड़ने जाता था, फिर स्कूल जाता था और फिर काम पर। एक प्रोफेशनल फाइटर बनने के लिए आपको कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। लेकिन इन कठिन परिस्थितियों में ही एक चैंपियन का जन्म होता है और न कि एक आराम की जिंदगी में। एक फाइटर को सही समय का इंतजार करना होगा और उस अवसर का लाभ उठाना होगा।”

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