पिता से किए गए वादे को पूरा करने में कामयाब हुए योशिकी नाकाहारा
बहुत लोगों को पता नहीं रहता कि उन्हें अपने पूरे जीवन में क्या करना है लेकिन योशिकी नाकाहारा को हमेशा से पता था कि वो मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट बनना चाहते हैं।
जापानी दिग्गज हयातो “माच” सकुराई और नोरीफुमी “किड” यामामोटो जैसे दिग्गजों से प्रेरित इस सुपरस्टार ने वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए जल्द ही अपने सफर की शुरुआत कर दी।
ONE Championship के फेदरवेट डिविज़न में ये 27 वर्षीय हलचल मचा रहा है और वो अब इस खेल के टॉप पर पहुंचने के भी करीब हैं लेकिन करियर में कई मौकों पर उन पर काफी संकट आए।
जानें इस उभरते हुए स्टार के उलझन भरे रास्ते से लेकर The Home Of Martial Arts के सफर के बारे में और उनके रास्ते की मुश्किलों पर नजर और क्यों उन्होंने कभी हार नहीं मानी।
जूडो से बचपन का प्यार
जापान के हिरोशिमा में पैदा हुए नाकाहारा अपने परिवार के इकलौते एथलीट हैं। उनके माता-पिता और छोटी बहन को खेल में रुचि नहीं थी लेकिन उन्हें शारीरिक गतिविधियां पसंद थीं।
अपने स्कूल के शुरुआती दिनों में उन्होंने बेसबॉल और बास्केटबॉल में हाथ आजमाया लेकिन 12 साल की उम्र में उन्हें जूडो में रुचि आने लगी।
एक दोस्त ने उन्हें स्कूल में बेसबॉल क्लब में जुड़ने के लिए मनाया था और उसी दोस्त ने उन्हें फिर जूनियर हाई स्कूल में जूडो में हिस्सा लेने के लिए कहा।
हिरोशिमा के इस स्टार को “द जेंटल वे” का कंट्रोल और ताकत पसंद आई इसलिए वो इस मार्शल आर्ट्स की तकनीकों को जल्दी सीखने में सफल रहे और जाना कि कैसे बड़े प्रतिद्वंदी को पटका जा सकता है।
नाकाहारा ने इस खेल में शानदार प्रदर्शन किया और इस वजह से उन्हें छात्रवृत्ति के साथ अच्छे माध्यमिक विद्यालय में भेजा गया।
आपदा की वजह से नया शौक मिला
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जब उनके लिए सब कुछ सही जा रहा था तब जूडो में सफलता हासिल करने के सपने चूर हो गए।
हाई स्कूल की टीम में जगह बनाने के लिए हुए पहले मैच में ही उनहे ACL (घुटने में गंभीर चोट) में बुरी तरह चोट लगी। इसके तुरंत बाद उनकी सर्जरी हुई लेकिन उन्हें कहा गया था कि फिर से प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए उन्हें एक साल तक आराम करना होगा।
नाकाहारा को मजबूरन खेल से बाहर होना पड़ा और लगा कि उनके साथी उन्हें पीछे छोड़कर चले गए। जूडो के लिए उनका प्यार खत्म हो गया था और उनकी प्रेरणा बर्बाद हो गयी थी।
जल्द ही उन्होंने Shooto और K-1 दिग्गज नोरीफुमी “किड” यामामोटो को क्षेत्रीय मिक्स्ड मार्शल मार्शल सीन में देखा और उन्होंने इस स्टार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाते हुए देखा।
इसने उन्हें भी इस रास्ते पर अपने करियर को लेकर जाने के लिए प्रेरित किया लेकिन उन्हें पता था कि उनके लिए रास्ता कठिन रहेगा। उन्हें ठीक होने के दौरान काफी मुश्किलें आईं लेकिन उन्होंने नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदला और जीवन के लिए एक अहम सबक सीखा।
उन्होंने कहा, “मैंने सीखा कि आपको कठोर परिश्रम करना चाहिए और खुद हार नहीं माननी चाहिए, प्रेरणा का स्त्रोत ढूंढ़ लेना चाहिए। हमेशा खुद में कुछ सुधार करें।”
टोक्यो जाना रंग लाया
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चोट से उबरने के बाद नाकाहारा मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के सपने को पूरा करने के लिए प्रेरित थे।
उन्होंने हाई स्कूल के तीसरे साल से Paraestra Hiroshima जिम में अपने सफर की शुरुआत की थी। उस समय उन्होंने मुख्य रूप से ग्रैपलिंग पर ध्यान दिया।
भले ही Paraestra जिम ने देश को कई शानदार जिउ-जित्सु एथलीट्स दिए हैं लेकिन नाकाहारा अपने गेम में ग्राउंड स्किल्स और स्टैंडअप विशेषताओं को अच्छा बनाना चाहते थे।
इस चीज़ को ध्यान रखते हुए उन्होंने थोड़ी खोज की। अपने स्कूल की छुट्टियों में वो टोक्यो घूमने और भविष्य में ट्रेनिंग के लिए सही जगह खोजने के लिए गए।
उन्होंने Mach Dojo में कदम रखा और इसका वातावरण उनके पुराने जिम जैसा ही था। उन्हें ये पसंद आया क्योंकि उन्हें पूर्व Shooto मिडलवेट वर्ल्ड चैंपियन हयातो “मेच” सकुराई और दो डिविज़न के पूर्व Deep वर्ल्ड चैंपियन टाकाफूमी ओत्सुका के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिला।
हाई स्कूल के अंत और 18 वर्षीय होने के बाद नाकाहारा को कॉलेज में पढ़ने का मौका मिला और उन्हें जूडो सिखाने का लाइसेंस मिला। इसके बावजूद उन्होंने जापान की राजधानी में जाने और अपने लक्ष्य का पीछा करने का निर्णय लिया।
हालांकि, उनके निर्णय में एक अलग मोड़ आया।
भले ही नाकाहारा की माँ उनके विचारों के खिलाफ थीं लेकिन उनके पिता ने उनके निर्णय का साथ दिया उन्हें कॉलेज जाने का समय उन्हें अपनी तैयारी के लिए दे दिया।
उन्होंने बताया, “मैंने अपने पिता से वादा किया था कि अगर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर के पहले चार सालों में अगर मुझे नतीजे नहीं मिले तो मैं मार्शल आर्ट्स के सपने को छोड़ दूंगा।”
वादे को पूरा करना
नाकाहारा ने टोक्यो आने के बाद समय नहीं गंवाया और जल्द ही उन्होंने अपनी तैयारी शुरू कर दी।
सबसे पहले, वो Mach Dojo लिव-इन स्टूडेंट्स डोरमिट्री में रुके और एक पार्ट-टाइम जॉब ढूंढ़ी ताकि खर्चा-पानी निकाल पाएं और जिम को भी पैसा दे पाएं।
दो सालों तक Mach Dojo में ट्रेनिंग करने के बाद उन्होंने नवंबर 2012 में अपने सफर के दौरान एक बड़ा निर्णय लिया। उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में डेब्यू किया और हिरोटो उयेसाको के खिलाफ पहले राउंड में ही गिलोटिन चोक की मदद से उन्होंने जीत दर्ज की।
हिरोशिमा के स्टार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेते रहे और उन्होंने माता-पिता को दिए समय के अंदर अपने वादे को पूरा किया।
अप्रैल 2014 में उन्होंने हिडेकाजु आसाकुरा के खिलाफ खाली Gladiator फेदरवेट चैंपियनशिप के लिए मैच मिला। उस दिन उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी को नॉकआउट किया और गोल्ड पर कब्जा किया।
उन्होंने कहा, “मैंने अपने चौथे साल में मेरा पहला टाइटल जीता। मैं जीत पाकर खुश था लेकिन मैं ज्यादा खुश था क्योंकि मेरे लिए मार्शल आर्ट्स को जीवन का हिस्सा बनना सही निर्णय था। सही मायने में ये मेरे जीवन का सबसे बड़ा पल था।”
इसके बावजूद एक और बड़ा मौका उनका इंतजार कर रहा था।
ONE Championship में आना
सफल टाइटल डिफेंस के बाद नाकाहारा प्रसिद्ध Pancrase संगठन के साथ जुड़ गए।
2015 के अंत तक, उन्होंने लगातार 7 जीत हासिल की थी जिसमें से 3 जीत नॉकआउट की वजह से आई।
जब उन्हें जापान में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में सफलता मिल रही थी तो अचानक से उन्हें फरवरी 2019 में ग्लोबल स्टेज पर आने का मौका मिला।
नाकाहारा ने अपने देश के ही काज़ुकी टोकुडोम की जगह ली और थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित हुए ONE: CLASH OF LEGENDS में एमिलियो “द हनी बैजर” उरूतिया का सामना किया।
जापान के इस एथलीट ने मौके का फायदा उठाया और तीसरे राउंड में अमेरिकी फेदरवेट स्टार को TKO (तकनीकी नॉकआउट) की मदद से धराशाई किया।
भले ही उन्हें बाउट के लिए कम समय मिला लेकिन उन्होंने ONE Championship में हिस्सा लेने का मौका मिला और इसने उनके सालों के कठोर परिश्रम को सफल कर दिया।
उन्होंने कहा, “मैं काफी खुशनसीब हूँ, मैंने हर चीज़ पर विचार किया और अंत में मैं खुश हूँ कि मुझे दुनिया के सबसे अच्छे प्रमोशन में फाइट करने का मौका मिला।”
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भले ही वो ग्लोबल स्टेज पर अपने दूसरे मौके पर कई बार वर्ल्ड चैंपियन बन चुके गैरी “द लायन किलर” टोनन के खिलाफ सबमिट हो गए लेकिन अभी भी नाकाहारा ने हार नहीं मानी। उन्होंने पहले भी मुश्किलों का सामना किया है और वो फिर सामना करने के लिए तैयार हैं।
वो भविष्य में ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन के खिलाफ अपनी स्ट्राइकिंग स्किल्स को आजमाकर दावेदारीपेश करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “मुझे अपनी हार का बदला लेना है और फिर मुझे टाइटल मैच हासिल करने की स्थिति में आने के लिए शानदार प्रदर्शन करना होगा। मुझे फिनिश हासिल करने के लिए अपनी स्ट्राइकिंग का उपयोग करना होगा।”
“मैं मार्टिन गुयेन का सामना करना चाहता हूँ, भले ही वो वर्ल्ड चैंपियन न रहें लेकिन मैं उनके खिलाफ खुद की परीक्षा लेना चाहता हूँ। मैं उन्हें कांटे की टक्कर दूंगा। हम दोनों स्ट्राइकर्स हैं इसलिए वो जबरदस्त फाइट होगी। अगर मैं उन्हें दबोच लेता हूँ तो वो जमीन पर आ जाएंगे। अगर वो मुझे दबोच लेते हैं तो मेरे साथ भी ऐसा ही होगा। हम दोनों में से एक जरूर डाउन होगा।”
अगर नाकाहारा डाउन भी हो भी जाते हैं तो वो किसी तरह से बैकअप हासिल कर लेंगे और ये इतिहास ने दर्शाया है।
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