मॉय थाई लैजेंड्स जिन्होंने सुपरलैक को इस मुकाम पर पहुंचाया
“द किकिंग मशीन” सुपरलैक कियातमू9 को बहुत छोटी उम्र से ही अच्छे लोगों का साथ मिलता आया है।
अब ONE: FISTS OF FURY में थाई सुपरस्टार ONE फ्लाइवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन इलियास “ट्वीटी” एनाहाचि को उनके टाइटल के लिए चैलेंज करेंगे। बुरीराम शहर में स्थित अपने जिम में वो चैंपियन एथलीट्स के साथ ट्रेनिंग करते आए हैं और अब उन्हें भी भरोसा है कि वो भी चैंपियन बन सकते हैं।
उन टॉप एथलीट्स में से एक सिंगडैम कियातमू9 भी हैं, जो सुपरलैक के घर से केवल 300 मीटर दूर स्थित जिम में उन्हें ट्रेनिंग दिया करते थे।
सुपरलैक ने कहा, “मैं अपने मॉय थाई की शुरुआत से ही सिंगडैम के साथ ट्रेनिंग करता आ रहा हूं। वो मेरे आदर्श हैं।”
“उनके पास कई तरह की स्किल्स हैं, ताकतवर हैं और बहुत बड़े दिल वाले इंसान हैं। उनकी हर एक बात मुझे एक अच्छा फाइटर बनना सिखाती है।”
“द किकिंग मशीन” जब 8 साल के थे, तब उनके दादा उन्हें पहली बार जिम में ले गए थे। उस समय तक युवा स्टार इस खेल को केवल एक फैन के तौर पर फॉलो करते थे।
2002 में सिंगडैम स्पोर्ट्स राइटर्स द्वारा चयनित थाईलैंड फाइटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड विजेता रहे। वहीं उनके अंकल पानोमरंगलैक कियातमू9 खुद कई बार के Lumpinee Stadium मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन बनने के सफर पर निकल पड़े थे।
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सुपरलैक उन्हीं लैजेंड्स की तरह सफलता प्राप्त कर अपने परिवार की वित्तीय मदद करना चाहते थे। उन्हीं महान एथलीट्स के साथ से वो ऐसा करने में सफल भी रहे।
उन्होंने कहा, “मैंने अपने जिम में उन फाइटर्स को देखा, जो उस समय बड़े टूर्नामेंट्स में भाग लेने की तैयारी कर रहे थे। मैं सोचता था कि, ‘उनकी तरह ज्यादा पैसे कमाने के लिए मैं क्या कर सकता हूं?'”
“मैं उन्हीं की तरह ट्रेनिंग करने की कोशिश करता। मैं उनके साथ स्पारिंग करते वक्त उनसे नई तकनीक सीखने की कोशिश करता।”
सिंगडैम ने 2003 में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ थाईलैंड और Lumpinee Stadium फाइटर ऑफ द ईयर अवॉर्ड जीते। उसके बाद सुपरलैक उनके साथ और भी अधिक समय बिताने लगे थे।
उन्होंने युवा स्टार को नई तकनीकों के बारे में बताकर नहीं बल्कि प्रैक्टिकल रूप से करके दिखाया कि वो नए मूव्स का प्रयोग कैसे कर सकते हैं।
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इन दिनों “द किकिंग मशीन” अपने आदर्श को 37 साल की उम्र में भी परफॉर्म करते देख सकते हैं। इस उम्र तक कम ही एथलीट्स अपने करियर को जारी रख पाते हैं।
सुपरलैक ने बताया, “हम एक ही गांव से आते हैं और हमारा घर भी बहुत करीब है। हम काफी समय साथ में बिताते हैं।”
“मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने मुझे कुछ स्पेशल ट्रेनिंग नहीं दी बल्कि निरंतर आगे बढ़ने और खुद पर भरोसा जताए रखने की सलाह देते आए हैं।
“वो हर समय कुछ ना कुछ सुधार करने की कोशिश करते रहते हैं। वो नशा नहीं करते और युवा पीढ़ी के एथलीट्स के लिए एक प्रेरणा भी बन चुके हैं। वो बहुत अच्छे इंसान हैं और लंबे समय से मॉय थाई के सबसे सम्मानित व्यक्तियों में से एक रहे हैं।”
चाहे आज सुपरलैक भी युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुके हैं, लेकिन वो अहंकार को खुद से दूर रखते हुए अपने इर्द-गिर्द सभी लोगों से कुछ ना कुछ सीखने की कोशिश करते हैं।
इस तरह का रवैया Kiatmoo9 जिम के मेंबर के लिए कारगर रहा है। बैंकॉक की चकाचौंध से दूर अपने गांव के शांत माहौल में ट्रेनिंग करने से उन्हें बहुत फायदा भी पहुंचा है।
सुपरलैक उन लोगों का धन्यवाद करना कभी नहीं भूलते, जिन्होंने उन्हें इस मुकाम पर पहुंचाया है। अगर वो इस शुक्रवार ONE फ्लाइवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन बने तो उन्हीं लोगों के प्रति सबसे पहले सम्मान प्रकट करेंगे।
ONE वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर ने कहा, “Kiatmoo9 जिम में मेरे सभी साथी अच्छे हैं जैसे उनके किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन रहे अंकल, ओलंपिक एथलीट रहे फहसाई (ट्रेनर)।”
“साथ ही उन्हें ONE स्ट्रॉवेट मॉय थाई और किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन सैम-ए गैयानघादाओ का भी साथ मिलता आ रहा है।
“इन सभी से मुझे अच्छा प्रदर्शन करने का प्रोत्साहन मिलता है। हम सभी किसी ना किसी चीज में अच्छे होते हैं, एक-दूसरे से सीखने का प्रयास करते हैं और खुद में सुधार का प्रयास करते हैं।”
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