कौन हैं झांग चेंगलोंग के गुरु, जिनके कारण हासिल की इतनी सफलता?
झांग चेंगलोंग “मॉय थाई बॉय”, ONE: MARK OF GREATNESS में अपने करियर की सबसे महत्वपूर्ण फाइट्स में से एक लड़ने वाले हैं जहाँ उनकी भिड़ंत रूस के अलावेर्दी रामज़ानोव “बेबीफेस किलर” से होनी है।
जबसे झांग चेंगलोंग ने ONE में कदम रखा है वो अभी तक एक भी मैच हारे नहीं हैं। इसी साल दर्ज कर चुके 3 जीत के आंकड़े को वो और भी आगे ले जाना चाहते हैं जिससे वो चीन के पहले ONE सुपर सीरीज वर्ल्ड चैंपियन बन सकें लेकिन आने वाला सफर उनके लिए आसान तो बिलकुल भी नहीं होने वाला।
“मेरे भाई झांग चुनयू ने मुझे सीखने में काफी मदद की है, वो मेरे लिए भाई से भी बढ़कर हैं और मैं उन्हें अपना आदर्श भी मानता हूँ। इसके साथ-साथ वो मेरे टीम मेंबर हैं, मेरे कोच हैं और लगातार नई चीजें सीखने में मदद करते रहते हैं।“
एक समय हुआ करता था जब चेंगलोंग अपनी निराशा को अपने दोस्तों और यहाँ तक कि परिवार से भी छिपा कर रखते थे।
स्कूल के दिनों में उन्हें सीनियर बच्चे लगातार परेशान करते रहते थे और उस समय वो छोटे थे इसलिए सेल्फ डिफेंस में भी कुछ नहीं कर पाते थे।
“बचपन में मुझे काफी परेशानियां झेलनी पड़ी हैं, स्कूल से लेकर गांव में भी बड़े बच्चे मुझे तंग करते थे।
“ताकतवर नहीं था और ना ही पढ़ाई में ज्यादा अच्छा था, उस समय ऐसी शायद ही कोई चीज थी जिसमें मैं खुद को अच्छा मानता था। लगातार बड़े बच्चे परेशान करते रहते थे और आखिर में आकर मैंने स्कूल और पढ़ाई दोनों ही छोड़ने का फैसला लिया।
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“यहाँ तक कि इस बारे में मैंने अपने परिवार को भी नहीं बताया था और ना ही मैं उन्हें यह बता सकता था कि बाहर मेरी काफी पिटाई होती रही है। उनसे मैं केवल अच्छी बातें साझा किया करता था और खराब बातें मेरे अंदर रहकर मुझे लगातार झकझोर रही थीं।“
फिर एक दिन आया जब उनके बड़े भाई चुनयू(चेंगलोंग से 5 साल बड़े हैं) को एहसास हुआ कि उनके छोटे भाई को क्या परेशानी झेलनी पड़ रही है। चुनयू, चेंगलोंग से लंबाई में ज्यादा थे इसलिए उन्होंने मौके की गंभीरता को भांपते हुए अपने छोटे भाई की रक्षा के प्रति पहला कदम आगे बढ़ाया।
चुनयू किकबॉक्सिंग की ट्रेनिंग ले रहे थे, लंबाई और ताकतवर होने के कारण दूसरे लोग उनसे दूरी बनाए रखने में ही विश्वास रखते थे।
“उन्हें समझ आ चुका था कि मेरे साथ क्या चल रहा है इसलिए जब भी हम दोनों बाहर जाते तो साथ ही जाते जिससे लोग मुझे परेशान न कर सकें।“
इससे चेंगलोंग को यह सबक सीखने को मिला कि उन्हें भी सेल्फ डिफेंस के लिए कुछ करना चाहिए लेकिन उनके भाई और परिवार ने उनकी इस इच्छा के प्रति आपत्ति जताई।
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उनके बड़े भाई जानते थे कि किकबॉक्सर बनना और मॉय थाई की प्रैक्टिस करना कितना जटिल काम है इसलिए उन्होंने अपने छोटे भाई को कॉम्बैट स्पोर्ट्स में लाने से पहले 10 बार सोचा कि क्या उन्हें ऐसा करना चाहिए।
“शुरुआत में पूरा परिवार मेरे खिलाफ आ खड़ा हुआ था लेकिन मैंने उनकी कोई भी बात मानने से साफ इंकार कर दिया था।
“मेरे भाई का यह मानना था कि यह जितना आसान दिखता है उतना है नहीं इसलिए वो मुझे कॉम्बैट में नहीं लाना चाहते थे।
जितना वो मुझे ऐसा करने से इंकार कर रहे थे मेरी जिद उतनी ही बढ़ती जा रही थी इसलिए मैं रोया भी और असल में मुझे एक मौका देने के लिए उनसे भीख भी मांगी। आखिरकार उन्हें मानना ही पड़ा और आज शायद मैंने उन्हें कहीं ना कहीं गलत साबित भी कर दिया है।“
चेंगलोंग ने अपने बड़े भाई के साथ ट्रेनिंग शुरू कर दी और यह उसी का नतीजा है कि आज उनका किकबॉक्सिंग और मॉय थाई में रिकॉर्ड 49-12-1 का है और अब उनका लक्ष्य ONE का बड़ा स्टार एथलीट बनने का है।
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समय-समय पर दोनों भाइयों के बीच तुलना की जाती है और कहा जाता है कि चेंगलोंग अपने बड़े भाई से अच्छे परफ़ॉर्मर हैं। इस बात को चुनयू भी मान चुके हैं।
चुनयू का कहना है कि,”बहुत से लोग मानते हैं मेरे छोटे भाई मुझसे बेहतर एथलीट हैं और मैं हमेशा यही कहता हूँ कि अगर ऐसा है तो मुझे खुद पर गर्व है।
“जब वो उस मुकाम पर पहुँच जाएंगे जहाँ उन्हें हारने वाला कोई नहीं बचा होगा तो वह लम्हा मेरी जिंदगी का सबसे ज्यादा खुशी वाला लम्हा होगा।“
ONE बेंटमवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में वो अपने देश का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं जिसके लिए उन्हें रामज़ानोव पर जीत हासिल करनी है।
उनके पास मौका है कि वो विश्व चैंपियन बनें और अपने परिवार के साथ-साथ अपने देश का नाम भी रोशन करें।
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