कैसे मार्टिन गुयेन ने अपनी मेहनत और लगन से सपनों को पूरा किया
मार्टिन “सीटू-एशियन” गुयेन इस समय The Home Of Martial Arts के सबसे टैलेंटेड एथलीट्स में से एक हैं लेकिन वो कभी भी अकेले अपने दम पर ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन नहीं बन पाते।
इस स्टार को अपने माता-पिता और समुदाय को ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए धन्यवाद करना होगा, क्योंकि उन्होंने ही गुयेन को चमकने के मौके दिए। उनके परिवार ने उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया और उनके कोच ने उन्हें अच्छे एथलीट के रूप में ढाला है।
जानिए कैसे अप्रवासी माता-पता का बेटा जमीन से उठकर मार्शल आर्ट्स की ऊंचाई पर पहुंच गया।
परिवार सबसे पहले
“सीटू-एशियन” के जन्म के पहले ही कई सारी चीज़ें बदल गई थी।
उनका परिवार वियतनाम में रहता था लेकिन 1970 के दशक में वियतनाम में युद्ध करीब आ रहा था, इस वजह से गुयेन के माता-पिता और कई दूसरे पड़ोसियों ने वहां से जाने और दूसरी जगह नई शुरुआत करने का निर्णय लिया।
ये सारे लोग नाव के जरिये मलेशिया चले गए और फिर उन्होंने इंडोनेशिया की ओर रुख किया जहां वो रिलोकेशन कैम्प का हिस्सा बने। जल्दी ही वे सब ऑस्ट्रेलिया चले गए और लिवरपूल, न्यू साउथ वेल्स में रहना शुरू किया।
गुयेन ने बताया, “आसपास के लोग और पड़ोसी जो आए थे, सब साथ रहे। वे एक बड़े ग्रुप में रहे और वहां एक समुदाय बना लिया।”
“देखा जाए तो समुदाय के लोग रिश्ते से अंकल, आंटी और चचेरे भाई नहीं थे। वो सब पारिवारिक दोस्त थे लेकिन फिर भी हम उन्हें अंकल, आंटी और चचेरे भाई मानते थे क्योंकि सब एक दूसरे से जुड़े हुए थे।”
सारे लोग एक दूसरे का ध्यान रखते थे और अच्छी खबरें देने के साथ, एक साथ जश्न भी मनाते थे। इस समय भी समुदाय का स्वभाव मजबूत है और सालों बाद भी रहेगा खासकर जब परिवार और दोस्त खाने, पीने और गाने के लिए साथ आते हैं।
उन्होंने हँसते हुए कहा, “जब वे सब साथ होते हैं, वहां बड़ा कॉन्सर्ट होता है। ये छोटे वियतनाम आइडल की तरह लगता है।”
“जब वे नशे में रहते हैं और उनके हाथ में माइक्रोफोन रहता है, तो उन्हें कोई भी नहीं रोक पता।”
नया जुनून
गुयेन ने बताया कि बचपन में उन्हें घर और क्लासरूम में काफी दिक्कत होती थी लेकिन उन्हें 10 साल की उम्र में खुदपर भरोसा हुआ जब उन्होंने रग्बी खेलना शुरू किया और जूनियर रग्बी क्लब में उन्होंने अच्छा काम किया।
वो अपने टीनेज में काफी जल्दी बड़े हुए और अपने 17वें जन्मदिन के कुछ समय पहले उनकी मुलाकात भविष्य की पत्नी, ब्रूक से हुई। तीन साल बाद, मई 2008 में उन्हें पहला बच्चा हुआ।
गुयेन ने कहा, “[बेटा होने से] एहसास हुआ कि मुझे परिवार के लिए आगे आना पड़ेगा। हमने बाहर जाना बंद कर दिया और अब सबकुछ हमारे बच्चे के लिए ही था।”
“पहले, मैं अपने साथियों के साथ था और बाहर जाना एक आदत थी। हमने सोचा कि हम अजेय है लेकिन फिर [ब्रूक] जिंदगी में आईं और मेरा बेटा भी। इसने मुझे एक सही पुरुष बनाया।”
जल्द ही इसके बाद उनके जीवन में एक अहम समय आया। कुछ चोटें लगने के बाद उन्होंने रग्बी के लिए रुचि खो दी और इस खेल को छोड़ दिया। इसके बाद उन्होंने वजन बढ़ने लगा, इस वजह से उन्होंने दूसरे खेल की ओर देखना शुरू किया जो उनके वजन को कम करने में मदद कर सके।
2019 में KMA Top Team में कदम रखने के बाद उन्हें एक नया शौक मिल गया और ज्यादा वजन कम करने का तरीका भी।
उन्होंने कहा,” मैंने वजन बढ़ने के बाद BJJ की क्लास में जाना शुरू किया।”
“रग्बी लीग्स जैसे कॉन्टेक्ट खेलों के बजाय मार्शल आर्ट्स से मिला अनुशासन अलग स्तर पर था।”
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु की वजह से गुयेन का आत्मविश्वास बढ़ा और उनमें फिर प्रतियोगी भाव जागा। उन्होंने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और प्रतियोगिता में तीसरे स्थान पर मौजूद रहे और फिर उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के लिए अपनी स्किल्स में सुधार किया।
2011 में उन्होंने अपने पहले टूर्नामेंट में हिस्सा लिया और बड़े प्रतिद्वंदी के खिलाफ सारे 4 मुकाबले जीते। एक साल तक फिर प्रयास करने के बाद “सीटू-एशियन” ने प्रोफेशनल बनने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा, “ये समय था जब मैं अपनी स्किल्स को केज में लाना चाहता था और देखना चाहता था कि मैं क्या कर सकता हूँ।”
मार्शल आर्ट्स में इतिहास बनाना
गुयेन ने जुलाई 2012 में अपना प्रोफेशनल डेब्यू किया था और जल्द ही वो ऑस्ट्रेलिया के सबसे अच्छे यंग सितारे बन गए।
पहले तीनों मुकाबलों में लगातार स्टॉपेज की मदद से जीत ने उन्हें नेशनल टाइटल तक पहुंचा दिया और इस वजह से उन्हें दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन के रोस्टर पर जगह मिली। उन्होंने एक शानदार जीत के साथ डेब्यू किया।
उन्हें प्रोफेशनल बनने के 5 सालों में सिर्फ एक हार मिली और ये मरात “कोबरा” गफूरोव के खिलाफ आई, जहां उन्होंने बताया कि उन्हें ONE अंतरिम फेदरवेट वर्ल्ड टाइटल मैच में बहुत जल्दी मिल गया था। ये उनका सर्कल में दूसरा मैच था और उन्होंने सिर्फ दो दिन के नोटिस पर मैच को स्वीकार किया था।
हालांकि, दो सालों तक अपनी स्किल्स को सुधारने और एक बढ़िया जीत की स्ट्रीक बनाने के बाद, “सीटू-एशियन” को अगस्त 2017 में बदला लेने का मौका मिला। रूस के स्टार के सबमिशन से बचाव करने के बाद वो गफूरोव को नॉकआउट कर ONE फेदरवेट वर्ल्ड टाइटल जीतने में सफल रहे।
ये गुयेन के सबसे अच्छे पल में से एक है और ज्यादा खास बन गया क्योंकि इस समय उनकी पत्नी उनके साथ मौजूद थीं।
उन्होंने कहा, “ये काफी यादगार था, मेरे प्रोमोशनल डेब्यू मैच में मेरी पत्नी मौजूद थी और जब गफूरोव को हराने के बाद जब मैंने मेरा हाथ उठाया, उस समय वो केज में ही थीं। जब मैं केज से कूदा, मैंने अपनी पत्नी को देखा और ये पल फिर देखने को मिला।”
गुयेन ने 3 महीने बाद अपनी शानदार प्रदर्शन को जारी रखा, जब वो एडुअर्ड फोलायंग को हराकर ONE लाइटवेेेट वर्ल्ड टाइटल पर कब्जा करने में सफल रहे।
भले की “द सीटू-एशियन” को चोट के कारण लाइटवेट बेल्ट छोड़नी पड़ी हो लेकिन डिफेंस की तिकड़ी के साथ वो ताकतवर होते गए हैं। साथ ही अब उन्होंने फ्लोरिडा के Hard Knock 365 में ट्रेनिंग को समय दिया है और वो काफी सालों तक टॉप स्टार बनकर रह सकते हैं।
उन्होंने कहा, “इसका अहम कारण था कि मेरे कम्फर्ट ज़ोन के बाहर आकर सबसे अच्छों के साथ ट्रेनिंग करना चाहता था।”
“तुम्हें शेर के साथ ट्रेनिंग करना पड़ती है और मैंने ये निर्णय लिया और मैंने इसके बाद कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। मैंने काफी ज्यादा आत्मविश्वास पा लिया है, न सिर्फ मेरी स्ट्राइकिंग पर, बल्कि मेरी रेसलिंग पर भी। इसने मेरे अंदर आग पैदा की है और मैं ये दर्शाने के लिए तैयार हूं।”
सबका आदर्श बनना
भले ही गुयेन इस खेल के टॉप पर पहुंच चुके हों लेकिन वो अभी भी संतुष्ट नहीं हैं।
वो अपनी सफलता से वियतनाम से लेकर ऑस्ट्रेलिया और पूरी दुनिया के लोगों का हौसला बढ़ाना चाहते हैं जिससे सब एक जैसी सोच को बढ़ावा दें, जो उनके पास है जिससे वो अपने सपनों को पूरा कर सकें।
उन्होंने कहा, “मैं लोगों को प्रेरित करना चाहता हूं।”
“अगर आप जीवन में कुछ चाहते हैं तो आपको उसके लिए कठिन परिश्रम करना होगा। आपको अपना सिर नीचे करना है, अपना लक्ष्य तय करना है और उसे हासिल करना है और यहीं मैं नई पीढ़ी की ओर देखना चाहता हूँ।”
उनके अनुसार, इस चीज़ को करने का सबसे अच्छा तरीका मार्शल आर्ट्स है। गुयेन की ट्रेनिंग ने उनकी सोच और उनके जीवन का रास्ता और सर्कल में उनका करियर तय किया है और वो उम्मीद करेंगे कि दूसरों के लिए भी ऐसी ही चीज़ें हों।
उन्होंने बताया, “सबसे अहम चीज़ जो मार्शल आर्ट्स ने मुझे दी है और वो है अनुशासन और जीवन में महत्व, न सिर्फ कॉम्बैट स्पोर्ट्स में बल्कि परिवार का महत्व और कैसे लोग जुड़ते हैं, दूसरे लोगों से मिलना, उनके सफर को सीखना और खुद के सफर का अनुभव करना।”
“इसने मेरे जीवन में काफी मदद की है और मेरी पत्नी के सहयोग से मार्शल आर्ट्स का करियर शानदार साबित हुआ है। अब तक ये सफर बहुत बढ़िया रहा है।”
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