ONE Championship के बड़े सितारों की कामयाबी के पीछे छुपी मजबूत महिलाओं की प्रेरणा

ONE Championship के बेहतरीन एथलीट्स की कामयाबी के पीछे कई मजबूत महिलाओं की प्रेरणा शामिल हैं।
मार्शल आर्ट्स की ऊंचाइयों पर पहुंचने के लिए बेहद कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में ग्लोबल स्टेज पर कई बड़े नामों के पीछे उनकी मां और दादियों का पालन पोषण छिपा है, जिनसे उन्हें हिम्मत मिली और उनसे प्रेरणा पाकर वो अपनी यात्रा पर निकल सके।
आइए जानते हैं ऐसे ही 6 वर्ल्ड चैंपियनों के बारे में, जिन्होंने अपने बचपन में मां द्वारा किए गए पालन पोषण को सराहा और उनके जीवन में मां का प्रभावशाली असर पड़ा।
डिमिट्रियस जॉनसन
डिमिट्रियस “माइटी माउस” जॉनसन की मां कैरन ने अपने बेटे को कड़ी मेहतन से किसी भी बाधा को पार करने के बारे में बताया।
ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियन बताते हैं, “मेरी मां से मुझे प्रेरणा मिलती है। वो हमेशा कहती हैं कि तुम्हें जो भी पाना है, उसके लिए बस कदम बढ़ाओ और कड़ी मेहनत करो। उसके बाद वो चीज तुम्हें मिल जाएगी।”
कैरन जन्म से ही सुनने में अक्षम थीं लेकिन उन्होंने अपने बेटे की परवरिश खुद के दम पर की। उन्होंने मां होने की जिम्मेदारी को इतनी अच्छी तरह से निभाया कि युवा होने तक “माइटी माउस” को उनकी इस अक्षमता का पता भी नहीं चला।
जब उन्हें इस बात का पता चला तो वो सन्न रह गए लेकिन उससे उन्हें खुद को सफल बनाने के लिए और बल मिला।
अमेरिका के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स लैजेंड ने बताया, “मेरी मां मुझे हमेशा समझाती हैं कि जो एक चीज मेरे साथ हमेशा रहेगी वो है मेहनत। बस जमकर मेहनत करो। आप जीवन में जो भी पाना चाहते हो, वो सब मिल जाएगा। उनकी इस बात को मैं हमेशा अपने दिमाग में रखता हूं।”
जोशुआ पैचीओ
जोशुआ “द पैशन” पैचीओ सबसे प्रभावशाली ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन हैं। उन्हें लगता है कि उनकी मां के बिना ऐसा हो पाना संभव नहीं था।
Team Lakay के सुपरस्टार ने बताया, “मां ने मेरे जीवन में बहुत अहम रोल निभाया है। मैं उन्हें बहुत प्यार करता हूं।”
“उन्होंने बचपन से मेरा पूरा ध्यान रखा। मुझे बच्चे से एक अच्छा इंसान बनाने में मदद की। आज मैं जो भी हूं, उन्हीं की बदौलत हूं। उनके बिना तो मुझे पता भी नहीं कि मैं वर्ल्ड चैंपियन होता भी या नहीं।”
पैचीओ के पिता काम करने और पैसा कमाने के लिए अपने परिवार से दूर विदेश चले गए थे। इस वजह से उनकी मां ने उन्हें अपने दम पर ही बड़ा किया।
ये आसान नहीं था और यही कारण है कि “द पैशन” उनकी दोहरी जिम्मेदारी और कड़ी मेहनत की बहुत इज्जत करते हैं।
स्ट्रॉवेट किंग ने बताया, “सच कहूं तो मुझे जरा भी अंदाजा नहीं है कि वो ये सब कैसे कर पाईं। एक बच्चे को पालना आसान नहीं होता। शायद यही कारण है कि हम सबकी मां सुपरहीरो से कम नहीं होती हैं।”
“मां अपने बच्चों को बड़ा करने के लिए बहुत कड़ी मेहनत करती हैं। मेरे जैसे बच्चे को बड़ा करना तो बिल्कुल भी आसान नहीं था। यही कारण है कि मैं उन्हें बहुत मानता हूं। उन्होंने मेरे जीवन में माता और पिता दोनों की जिम्मेदारी निभाई है।”
योडसंकलाई IWE फेयरटेक्स
“द बॉक्सिंग कंप्यूटर” योडसंकलाई IWE फेयरटेक्स थाईलैंड के ग्रामीण इलाके में पले-बढ़े हैं। उनकी मां ने कई तरह के काम करते हुए उन्हें अकेले ही पाला-पोसा है।
वो उनका ध्यान रखती थीं, हर चीज मुहैया करवाती और बुराइयों से बचाती थीं। साथ ही हर वो चीज करती थीं, जो उनकी भलाई के लिए होती थी।
उन्होंने बताया, “मुझे याद है कि जब मैं पांच या छह साल का था, तो मेरी मां मुझे उन खेतों में ले गईं, जहां वो गन्ना काटने का काम करती थीं। वहां कई सारे कुत्ते मेरी ओर झपटे लेकिन मां ने उन्हें दूर भगा दिया।”
अब जब वो मॉय थाई और किकबॉक्सिंग में सफल होकर सुपरस्टार बन गए हैं तो योडसंकलाई अपनी मां को वो हर चीज देना चाहते हैं, जिसके लिए उन्होंने न जाने कितने त्याग किए थे।
थाई एथलीट का मानना है कि उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि द कंटेंडर एशिया को जीतना रही है। दरअसल, उसकी प्राइज मनी से ही वो अपनी मां के लिए उनके ही शहर नॉग बुआ लम्फु में घर बनवा पाए थे।
उन्होंने बताया, “मेरी मां ने मुझे बताया कि परिवार ही सब कुछ है इसलिए मुझे हमेशा अपने परिवार पर भरोसा करना चाहिए। मुझे बहुत खुशी है कि मैं अपनी मां को घर बनवाकर दे पाया। ये काफी समय से मेरा लक्ष्य बना हुआ था। इसी वजह से मैंने द कंटेंडर एशिया में जाने की योजना बनाई थी।”
एड्रियानो मोरेस
एड्रियानो “मिकीन्यो” मोरेस को ब्राजील के ब्राजीलिया में कोई जन्म के कुछ दिन बाद ही सड़क पर छोड़कर चला गया था। किस्मत से, उन्हें एक अनाथालय में ले जाया गया, जिसने उन्हें कई खतरों से बचा लिया।
जब वो तीन साल के हुए, उन्हें मिरटेस मोरेस ने गोद ले लिया। उन्होंने उन्हें अपना घर देने के साथ ही दुनिया भर का प्यार दिया।
मोरेस बताते हैं, “मुझे अगर बचपन में किसी ने सबसे ज्यादा प्रेरित किया है तो वो मेरी मां हैं क्योंकि उन्होंने मेरे लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने मुझे बहुत प्यार दिया और जिंदगी में हर अच्छी चीज को चुनने का रास्ता बताया।”
मिरटेस ने उन्हें स्पोर्ट्स चुनने को कहा, ताकि वो खुद को चुनौती देकर अपने आपको बेहतर बना सकें। युवावस्था के दौरान उन्हें कई तरीकों के खतरों का सामना भी करना पड़ा। हालांकि, उनकी मां को उन पर हमेशा विश्वास रहा और वो ब्राजीलियन जिउ-जित्सु की मदद से फिर से अपनी सही राह पर आ गए।
मार्शल आर्ट्स में सफल होने के लिए ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन को प्रेरणा अपनी मां से ही मिली। वो चाहते थे कि उनकी मां को उन पर गर्व महसूस हो।
उन्होंने बताया, “वो मेरे लिए सब कुछ हैं। वो ही मेरी आदर्श हैं। मैंने जो कुछ भी किया, उनके लिए ही किया। मैं आगे भी उनके लिए ही सब कुछ करता रहूंगा। उनके प्यार के लिए करता रहूंगा।”
कियामरियन अबासोव
ONE वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन कियामरियन “ब्रेज़ेन” अबासोव ने खुद को मार्शल आर्ट्स में और बेहतर बनाने पर जोर दिया था, ताकि वो अपनी मां नोना अलीवा को वो सब दे सकें, जितना उन्होंने चैंपियन के युवा होने पर किया था।
अबासोव जब तीन साल के थे तो उनके पिता परिवार को छोड़कर चले गए थे। ऐसे में उनकी मां को कई नौकरी और कई जिम्मेदारियों को निभाना पड़ा था, ताकि वो “ब्रेज़ेन” और उनकी बहन को बड़ा कर सकें।
उन्होंने बताया, “वो मेरी मां, पिता, सबसे अच्छी दोस्त, विश्वासपात्र और प्रेरणा हैं।”
“मेरे पिता ने कभी भी आर्थिक रूप से हमारी मदद नहीं की। कभी एक बार भी नहीं। मां ने हमारे लिए बहुत सी लड़ाइयां लड़ीं इसलिए अब मैं उनके लिए लड़ रहा हूं। मेरी जिम्मेदारी है कि मैं उनकी मदद करूं और उनका ध्यान रखूं।”
जैसमिन नाम की एक बच्ची के पिता बनने के बाद अबासोव को महसूस होता है कि उनकी मां को कितने घंटों तक काम करना पड़ता था और थककर चूर होने तक मेहनत करनी पड़ती थी, ताकि वो अपने बच्चों को पाल सकें।
उन्होंने बताया, “कई साल पहले जब मैं छोटा था तो मेरी मां मुझसे कहा करती थीं कि तुम मुझे तब बेहतर तरीके से समझ पाओगे, जब तुम्हारे खुद के बच्चे हो जाएंगे।”
“जब जैसमिन मेरी जिंदगी में आई, तब मुझे एहसास हुआ कि मेरी मां क्यों ऐसा कहा करती थीं। अपने बच्चों के लिए बड़ी जिम्मेदारी और उसे अच्छी शुरुआत देने की बात से मुझे ये एहसास हुआ।
“अब मेरे पास पहले से ज्यादा प्रेरणा है। मैं अपने परिवार की सभी महिलाओं का खुश रखना चाहता हूं। फिर चाहे वो मेरी मां हो, मेरी पत्नी हो या मेरी बेटी।”
नीकी होल्ज़कन
नीकी “द नेचुरल” होल्ज़कन का शुरुआती जीवन काफी उतार-चढ़ाव से भरा रहा। उनके माता-पिता अलग हो गए थे और उनकी घरेलू जिंदगी मां और सौतेले पिता के साथ कुछ खास नहीं रही।
इससे उनका व्यवहार काफी बुरा हो गया था। ये और भी बुरा हो जाता अगर दादी ने उनकी मदद न की होती।
उन्होंने बताया, “मैं अपनी दादी के घर पर बड़ा हुआ हूं। वो मेरे लिए बहुत खास हैं और मेरे दिल में उनके लिए बहुत खास जगह है।”
“ये मेरे लिए बहुत अच्छा था कि वो मुझे अपने साथ ले आई थीं। उनके पास पहले से ही पांच बच्चे थे तो हम सब आठ लोग मिलकर रहते थे।
“वो हमेशा मेरी मदद करती थीं और मुझे बचाती थीं। वो मेरी मां की तरह मेरे आसपास रहती थीं। मैं जब उनके घर पर होता था, तो उन्हें दादी नहीं बल्कि मां कहकर ही बुलाता था।”
होल्ज़कन ने किकबॉक्सिंग में अपनी अपार सफलता से दादी को जरूर गर्व महसूस कराया होगा। जो ज्ञान उन्हें अपने दादी से मिला, उसे भी वो अपनी सफलता के लिए महत्वपूर्ण मानते हैं।
उन्होंने बताया, “सबसे जरूरी चीज जो दादी ने मुझे सिखाई, वो ये है कि आप जैसे हो वैसे ही रहो। दिखावा करने की कोशिश मत करो।”
“दादी ने मुझे बताया कि तुम चाहे जिंदगी में जो भी हासिल कर लो लेकिन तुम नीकी होल्ज़कन ही रहोगे, ये बात याद रखना। अगर वो यहां न होतीं तो शायद मेरी जिंदगी किसी अलग ही दिशा में भटक रही होती।”
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