कैसे सेकसन स्कूल में तंग किए गए बच्चे से दुनिया के सबसे खतरनाक मॉय थाई फाइटर्स में से एक बने

Seksan Or Kwanmuang Amir Naseri ONE Friday Fights 34 39

सेकसन ओर क्वानमुआंग दुनिया के सबसे मशहूर मॉय थाई फाइटर्स में से एक बन गए हैं और अगले मैच में शानदार प्रदर्शन से और भी आगे बढ़ सकते हैं।

वो ONE Friday Fights इवेंट सीरीज में 6-0 का शानदार रिकॉर्ड कायम करने के बाद 4 नवंबर को होने वाले ONE Fight Night 16: Haggerty vs. Andrade में जोहान एस्टुपिनन के खिलाफ उतरने जा रहे हैं।

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में वापसी करने से पहले 34 वर्षीय स्टार के बारे में जानते हैं कि कैसे उन्होंने यहां तक का सफर तय किया।

शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए मॉय थाई सीखा

अब इस बात की कल्पना करना कठिन है, लेकिन सेकसन को बचपन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

उन्हें स्कूल में बहुत परेशान किया जाता था और इस वजह से उन्होंने 9 साल की उम्र में मॉय थाई सीखने का मन बनाया।

उन्होंने इस बारे में बात करते हुए कहा:

“मैं जब स्कूल में था तो मुझे तंग किया जाता था। मैं घर रोता हुआ आता और मेरे पिता पूछते थे कि क्या हुआ। मैं कहता था कि मुझे तंग किया गया है और रोने लगता था। तब उन्होंने मुझे मॉय थाई की ट्रेनिंग करने भेज दिया। उन्होंने मुझे सिखाया और मैं उस दिन से अब तक ट्रेनिंग करता आ रहा हूं।”

सेकसन को तब अंदाजा नहीं था, लेकिन मॉय थाई से छोटी उम्र में जुड़ने की वजह से ही वो इतने बड़े स्टार बने हैं।

जब उन्होंने मुकाबला करना शुरु किया तो वो खुश थे कि पैसे कमाकर परिवार को दे रहे हैं। ये आगे चलकर और महत्वपूर्ण चीज में तब्दील होता जा रहा था:

“ट्रेनिंग से मुझमें साहस आया और कोई डर ना होना सिखाया। ये मुझे बहुत पसंद आया।

“जब मैं मुकाबले करता तो चीजें खरीदने के लिए पैसा कमाता और अपने माता-पिता को देता। मैं तब से फाइट कर रहा हूं।”

बड़े शहर में आकर बसे

लोकल लेवल पर अपना नाम बनाने के लिए बाद सेकसन ने करियर को नया आयाम देने के लिए बड़ा कदम उठाया।

15 साल की उम्र में मॉय थाई में कामयाबी हासिल करने के लिए बैंकॉक आ गए और गांव के बच्चे के लिए इतने बड़े शहर में आकर तालमेल बैठाना जरा भी आसान नहीं था।

उन्होंने कहा:

“पहले मैं हर दिन रोता था। मैं अपने माता-पिता को फोन कर रोता ही रहता था। मैं ट्रेनिंग के दौरान, बेडरूम और नहाते हुए भी रोता था।

“मुझे बैंकॉक में तालमेल बैठाने में कई महीने लगे। मैं अपने परिवार से कभी इतना दूर नहीं रहा था तो मुझे इन सबका आदी होने में काफी समय लग गया।”

आखिर में, सेकसन नए वातावरण से तालमेल बैठाने में कामयाब रहे।

जिम में अनुभवी फाइटर्स और कोचों से मिले समर्थन की वजह से उनका जीवन आसान हो गया:

“मैंने रोना बंद कर दिया था क्योंकि मेरे ट्रेनर्स और सीनियर्स ने मुझे ट्रेनिंग के लिए सलाह दी और कहा कि संयम रखो क्योंकि मैं अपने परिवार और अपने भविष्य के लिए फाइट कर रहा हूं।”

‘द मैन हू यील्ड्स टू नो वन’ बने

सेकसन ने बैंकॉक के सबसे बड़े स्टेडियमों में परफॉर्म करते हुए जबरदस्त कामयाबी हासिल की।

उन्होंने चार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतीं, जिनमें Rajadamnern Stadium और WBC मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल शामिल हैं और साथ ही साथ “द मैन हू यील्ड्स टू नो वन” निकनेम भी हासिल किया।

अपनी कामयाबी को याद करते हुए उन्होंने बताया:

“मैंने 2011 में राजादमनर्न स्टेडियम में फाइट ऑफ द ईयर का खिताब जीता था। मैं उस फाइट में दो बार नॉकडाउन हुआ। उसके बाद मैंने विरोधी को नॉकडाउन किया और फिर नॉकआउट से जीत हासिल की। वहां से मैंने आक्रामक तरीके से फाइट की और किसी के आगे नहीं झुका, इस वजह से मुझे ये निकनेम मिला।

“2018 में Rajadamnern Stadium मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल जीत ने मुझे प्रेरित किया। वो मेरी जिंदगी का अच्छा समय था।”

कामयाबी पाने में बहुत लंबा समय लगता है और ये सेकसन ने 300 मुकाबले करने के बाद सीखा है।

जिन लोगों ने उन्हें ढेर सारा प्यार दिया, वो उनको साथ रखने और प्यार करने का महत्व जान गए हैं:

“जब मैं लगातार कई सारी फाइट्स हार रहा था। उस दौरान बहुत बुरा लगता था। लेकिन मेरे पास प्रोत्साहन देने के लिए मेरे माता-पिता और परिवार थे।

“उन्होंने मुझे उठने और फाइट करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने मुझे जीत की लय हासिल करने में मदद की।”

ONE में आकर जीवन बदला

सेकसन को अपनी स्किल्स की वजह से ONE Championship रोस्टर में जगह मिली और उन्होंने ONE Friday Fights के पहले इवेंट में हिस्सा लिया।

तब से लेकर अब तक “द मैन हू यील्ड्स टू नो वन” में लगातार सुधार हुआ। उन्होंने छह फाइट जीतीं और 6 अंकों की राशि वाला कॉन्ट्रैक्ट हासिल किया और पांच बोनस भी अपने नाम किए।

यहां से उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई। जहां वो रिटायर होने का फैसला लेने ही वाले थे, आज नए प्लेटफॉर्म की वजह से ग्लोबल सुपरस्टार बन गए हैं।

34 वर्षीय स्टार ने कहा:

“मेरा परिवार ही मेरी प्रेरणा है। ONE की मेरी बाउट्स ने मेरे परिवार की जिंदगी बदल दी। अब वो अच्छी और आराम की जिंदगी जी सकते हैं।

“मेरे पास अपने बच्चों को कॉलेज भेजने के लिए पैसे हैं। मेरे पास अपने माता-पिता के लिए पैसे हैं। मैंने एक घर भी खरीदा है। मैं ONE में बहुत कामयाब रहा हूं।

“मैं 34 या 35 साल की उम्र में फाइटिंग रोकने का फैसला लेने वाला था। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पास इतना पैसा होगा। मैं बहुत खुश हूं।”

मॉय थाई में और

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2002
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