फिलीपींस की वर्ल्ड फेमस Team Lakay की अनकही कहानी
जब भी फिलीपींस में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की बात आती है तो Team Lakay के अलावा कोई दूसरा जिम नहीं है, जो इसकी जिम्मेदारी को पूरी तरह निभा सके।
सबसे पहले उन्होंने बागियो शहर के पहाड़ों पर मार्शल आर्ट्स को स्थापित किया और उसके बाद वो पूरे देश में फैल गया। फिर उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर धमाकेदार वुशु ब्रैंड के जरिए स्पोर्ट में ऐसी चीजों का प्रदर्शन किया, जिसे इसकी प्रैक्टिस करने वाले एथलीट्स ने कभी नहीं देखा था।
इस फिलीपीनो टीम का अनुभव काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। इसमें वो जीते, उनके दिल टूटे पर वो फिर से उठ खड़े हुए। इस तरह की कहानी आने वाली पीढ़ियों को कई बार सुनाई जाएगी।
ऐसे में अगर हम उनकी असाधारण कहानी की तारीफ करना चाहते हैं तो हमें उनको शुरुआत से जानना होगा।
बेहद खास थी शुरुआत
सच कहें तो Team Lakay का जन्म एक तरह की दुर्घटना थी। ऐसा तब हुआ, जब मार्क “द मशीन” सांगियाओ एक कोच, स्टूडेंट और प्रोफेशनल एथलीट के तौर पर जरूरी आवश्यकताओं के लिए जद्दोजहद कर रहे थे।
वो 2001 में हुए साउथ ईस्ट एशियन गेम्स में सैनशोउ वुशु में गोल्ड मेडल जीतने के बाद मार्क बागियो शहर की यूनिवर्सिटी ऑफ द कॉर्डिलेरस में अपनी क्रिमिनोलॉजी की डिग्री पूर करने के लिए लौटे और वहां स्कूल की वुशु टीम को गाइड करने लगे।
लेकिन जल्द ही फिलीपीनो सोसाइटी में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स ने दस्तक दी। ऐसे में सांगियाओ भी इसकी प्रतिस्पर्धा से बच नहीं सके।
इस नए दिलचस्प कॉम्बैट स्पोर्ट में अपनी वुशु स्किल्स को लाने की इच्छा के चलते उन्होंने Team Lakay की नींव रखी। इसके बाद मार्शल आर्ट्स की दुनिया में फिलीपीनी मशाल जल उठी।
उन्होंने बताया, “2003 में हमने इस ग्रुप की शुरुआत यूनिवर्सिटी ऑफ द कॉर्डिलेरस में की थी।”
“उसी समय से मैंने मार्शल आर्ट्स में मुकाबला करना शुरू किया था। जल्दी ही मैंने URCC (यूनिवर्सिटी रियलिटी कॉम्बैट चैंपियनशिप) में मुकाबला करना शुरू कर दिया। ये फिलीपींस में नेशनल प्रोमोशन था और मुझे कहीं तो इसके लिए ट्रेनिंग करनी ही थी। ऐसे में मैंने एक जिम खोलने का फैसला किया।”
शुरुआत में इसका नाम Lakay Wushu था। सांगियाओ के इस नए बनाए गए ग्रुप में उनके कुछ शुरुआती वुशु स्टूडेंट भी शामिल थे। इसमें एडवर्ड “द फेरोशियस” केली और मार्क एडिवा शामिल थे।
इस टीम के पास कोई आधिकारिक सुविधाएं नहीं थीं, जिसे वो अपना कह सकें। Lakay Wushu भी तकनीकी तौर पर बिना रजिस्टर कराए चल रहा बिजनेस था। बाहर से ये नियम-कानून के तहत बसाई गई इकाई नहीं लगता था बल्कि किसी क्लब में जमावड़े जैसा लगता था।
बहरहाल, इस तरह से टीम कॉलेज के जिम में प्रैक्टिस करके बॉउट्स के लिए अपने एथलीट्स को तैयार करती रही। मार्च 2003 में अपने डेब्यू बाउट के दूसरे राउंड में तकनीकी नॉकआउट से जीतने के बाद “द मशीन” हैरान रह गए।
उन्होंने माना, “उस समय मैं हर दिन ट्रेनिंग करना चाहता था।”
बागियो शहर से करीब 250 किमी दूर सांगियाओ के दोस्त और पूर्व वुशु टीममेट एडुअर्ड “लैंडस्लाइड” फोलायंग तब भी फिलीपींस की राजधानी में नेशनल वुशु टीम के साथ अपनी स्किल्स को निखार रहे थे।
फोलायंग मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में दिलचस्पी रखते थे और स्क्वॉड को को-लीड करना चाहते थे लेकिन इसके लिए वो किसी तरह का कोई कमिटमेंट करने को तैयार नहीं थे। कम से कम उस समय तो बिल्कुल भी नहीं क्योंकि उनका पूरा ध्यान पहले नेशनल एथलीट बनने पर लगा हुआ था।
इसे दिमाग में रखते हुए “द मशीन” ने फिलीपीन वुशु फेडरेशन-कॉर्डिलेरा एडमिनिस्ट्रेटिव रीजन चैप्टर के प्रेसिडेंट टोनी कैनडिलेरिया से हाथ मिला लिया।
सांगियाओ ने बताया, “शुरुआत में जब एडुअर्ड मनीला में ही थे, तभी मैंने तय कर लिया था कि मैं जिम वुशु प्रेसिडेंट के साथ खोलने जा रहा हूं, जो कि टोनी कैनडिलेरिया थे।”
“एडुअर्ड उस समय तक नेशनल वुशु टीम में सक्रिय थे लेकिन जब वो बागियो आए तो वो मेरे साथ वहां प्रशिक्षण देते थे। ऐसे में अगर वो वहां नहीं होते थे तो अकेले मैं ही सबको हर दिन प्रशिक्षण देता था।”
इसके बाद जल्द ही फोलायंग उत्तर में यूनिवर्सिटी ऑफ द कॉर्डिलेरस में डिग्री पूरी करने चले गए। उन्हें मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को पूरा करने की धुन चढ़ी थी, जिसके बाद वो उसे किसी भी तरह से बड़े स्तर पर इस्तेमाल करना चाहते थे।
जून 2007 में डेब्यू में उन्होंने ‘एलेन को’ को पहले ही राउंड में नॉकआउट करके URCC वेल्टरवेट टाइटल पर कब्जा कर लिया।
जब फिलीपींस में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स रफ्तार पकड़ने लगा और “लैंडस्लाइड” ने इस खेल में अपना ध्यान फिर से लगाया तो सांगियाओ को पता चल गया कि कुछ बदलाव करने होंगे।
आर्थिक पतन की कगार पर
देश में नई कला मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर दिए जा रहे ध्यान से फिलीपींस वुशु फेडरेशन के लिए मुसीबत खड़ी हो गई। ऐसे में इस संस्था ने खुद को इस खेल से अलग करने इच्छा जताई।
इस परिस्थिति ने सांगियाओ को अपने आगे बढ़ते कार्यक्रम में तेजी लाने और बदलाव करने को मजबूर कर दिया।
उन्होंने बताया, “2006 में वुशु फेडरेशन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के साथ खुद को जोड़े नहीं रखना चाहते थे। वो केवल वुशु पर ही ध्यान लगाना चाहते थे।”
“मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फिलीपींस में लोकप्रिय होने लगा था। ऐसे में तय किया कि हम कोई दूसरा नाम रख लेंगे, ताकि विवाद होने से पहले ही बचा जा सके। खुद को वुशु से अलग करने के लिए हमने Team Lakay नाम रखने का फैसला किया।”
साल 2006 में सांगियाओ ने Team Lakay को बिजनेस के तौर पर रजिस्टर कराया और उन्होंने प्रैक्टिस की जगह को यूनिवर्सिटी के जिम से हटाकर शहर के बाजार में एक मीट की दुकान के ऊपर शिफ्ट कर लिया।
ये कुछ खास चीजें नहीं थीं। असल में, उस दौरान सुविधा के रूप में ज्यादा संसाधन भी नहीं थे। यही वो वजह थी, जिसके कारण टीम की ग्रैपलिंग क्षमता को चमकने में इतनी देर लगी।
फोलायंग ने माना, “हमारे पास मैट नहीं थे। ऐसे में हमें ग्रैपलिंग की प्रैक्टिस करने के लिए संघर्ष करना पड़ता था। वो हमारे शुरुआती संघर्ष थे जैसे जन्म के समय होने वाली तकलीफें। हमें सच में फिर से जीरो से शुरुआत करनी पड़ी।”
जल्द ही संसाधनों की कमी के चलते बड़ी समस्या खड़ी होने लगीं।
जब “द मशीन” ने केज में अपनी सफलता हासिल की थी और नेशनल टाइटल जीता था, उस समय जिम की मेंबरशिप में गजब की तेजी देखी गई थी। हालांकि, वो तेजी जल्द ही गायब भी हो गई थी।
सांगियाओ ने याद करते हुए बताया, “उस समय मैं URCC बेंटमवेट चैंपियन था। मैं जब भी फाइट करता था और उसके बाद जिम जाता था तो लोग प्रेरित और प्रोत्साहित होकर जिम में ट्रेनिंग के लिए आ जाते थे।”
“हर फाइट के बाद जिम भरा रहता था लेकिन दो से तीन महीनों के बाद वहां कोई स्टूडेंट नहीं बचा। यही हमारी कहानी थी। जब भी हम फाइट करते थे तो वहां स्टूडेंट आते थे लेकिन कुछ समय बाद जिम खाली हो जाता था।”
इससे आर्थिक परिशानियां जारी रहीं। इस खेल की लोकप्रियता बढ़ने के बावजूद “द पर्ल ऑफ द ओरियंट” में लोकल प्रोमोटर्स नियमित तौर पर इवेंट नहीं करा पा रहे थे। इन चीजों के चलते एथलीट प्रतियोगिता से अपनी रोजी-रोटी तक नहीं चला पा रहे थे।
अपने URCC बेंटमवेट चैंपियनशिप के साथ ही सांगियाओ यूनिवर्सिटी ऑफ द कॉर्डिलेरस में बेसिक क्रिमिनोलॉजी पढ़ा रहे थे और वुशु टीम को भी कोचिंग दे रहे थे। इसके बावजूद भी सब मिलाकर उनकी आमदनी पूरी नहीं पड़ा रही थी।
उन्होंने खुलासा किया, “ये सब मजाक नहीं था। एक ऐसा समय था, जब मेरे पास सच में जिम जाकर प्रशिक्षण देने तक के पैसे नहीं हुआ करते थे। मैं जॉगिंग करके जिम में टीचिंग देने जाया करता था और इसी तरह वापस आता था। अब आपको समझ आया कि मैं मार्शल आर्ट्स को लेकर कितना जुनूनी था।”
“आर्थिक तौर हम लोग टूट चुके थे। हमारे पास इनकम का कोई जरिया नहीं था और हमें अपने परिवार का गुजारा भी करना होता था। ये सब मेरे लिए बहुत मुश्किल था क्योंकि जिम को चलाने की जिम्मेदारी मेरे हिस्से में थी।
“मुझे लगता है कि ये मेरा जुनून ही था कि मैंने दूसरे लोगों की तरह परिवार के लिए पैसे कमाने की जगह जिम में टीचिंग जारी रखी।”
जैसे-जैसे दिन गुजरते जा रहे थे तो मशाल में लौ जलाए रखना मुश्किल होता जा रहा था।
सबसे मुश्किल फैसला लेना
“द मशीन” भले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे थे लेकिन उन्हें अपने जुनून पर भरोसा था और वो उसमें उम्मीद देखते रहे।
उन्होंने एथलीट्स की एक फौज बनानी शुरू कर दी। इसके लिए आसपास के एजुकेशन इंस्टीट्यूट से जाने-पहचाने लोगों को चुनना शुरू कर दिया, जिनका बैकग्राउंड वुशु से था। इसमें कॉर्डिलेरा करियर डिवेलपमेंट कॉलेज से होनोरियो “द रॉक” बानारियो और यूनिवर्सिटी ऑफ कॉर्डिलेरस से जेहे “ग्रैविटी” युस्ताकियो भी शामिल थे।
सांगियाओ की टीम का लोकल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में दबदबा छा गया। फोलायंग, बानारियो, केविन “द सायलेन्सर” बेलिंगोन और रे डोक्योजेन इन सभी ने URCC में बेल्ट पर कब्जा जमाया और Team Lakay की रुकी मेंबरशिप में फिर से बहार आ गई।
ऐसे में उनके लीडर को फिर से कड़ी प्रतियोगिता में उतरना पड़ा। एक प्रतियोगी के तौर पर वो तब भी अपने करियर के अच्छे दौर में थे। फिलीपीनी एथलीट उस समय केवल 29 साल के ही थे और उनके करियर का सबसे शानदार समय बस आने ही वाला था।
हालांकि, किसी को तो पूरी स्क्वॉड की देखभाल करनी ही थी। जिम में मौजूद टैलेंट को फुल टाइम संवारना और पूरे समय ध्यान देना था, ताकि उनमें नई स्किल्स उभर पाएं। इन चीजों के लिए सांगियाओ को पता था कि उन्हें अंत में ये त्याग तो करना ही था।
उन्होंने बताया, “एडुअर्ड ने URCC में बेल्ट जीत ली, रे ने बेल्ट पर कब्जा कर लिया, केविन और होनोरियो के पास भी बेल्ट आ गई। हम फिर से लोगों को तैयार करने और ट्रेनिंग देने में व्यस्त हो गए।”
“धीरे-धीरे स्टूडेंट्स आने लगे और तब मुझे उनकी टीचिंग और कोचिंग पर ध्यान देना पड़ा। ये सच है कि खेल से रिटायर होना मुश्किल था। मेरा मन उस समय भी मुकाबला करने को बेताब था लेकिन तब मैं ट्रेनिंग पर ध्यान नहीं दे पाता।
“मैं टीचिंग पर इतना ज्यादा ध्यान दे रहा था कि मुझे टीचिंग और प्रतियोगिता में से किसी एक को चुनना, तो मैंने टीचिंग को चुना।”
इस फैसले ने चीजों का बदलकर रख दिया और टीम को नए स्तर पर पहुंचा दिया।
ONE में शानदार सफर
Team Lakay के फिलीपींस मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में दबदबे ने एशिया में प्रोमोटर्स का ध्यान अपनी ओर खींचा।
सांगियाओ ने बताया, “जल्द ही हमने देखा कि इंटरनेशनल प्रोमोशन आने लगे। हमारे पास Legend FC, PXC, और Martial Combat थे।”
बाद में इसने बाजी पलट कर रख दी। विक्टर कुई सिंगापुर के Martial Combat को संभाल रहे थे, जिसमें फोलायंग ने लगातार तीन बाउट्स जीतीं और दूसरे मैच में ही कंपनी की सुपरफाइट लाइटवेट चैंपियनशिप पर कब्जा भी कर लिया।
हालांकि, जुलाई 2011 में कुई ने अपना रास्ता बदल लिया और चाट्री सिटयोटोंग के साथ ONE Championship लॉन्च की। इन दोनों ने फोलायंग को तुरंत ही साइन कर लिया और अपने उद्घाटन शो में संगठन की अगुआई करवाई। फिर बागियो शहर की पूरी टीम को अपनी संस्था के साथ शामिल कर लिया।
अगले कुछ साल में Team Lakay की सफलता ने आसमान छू लिया। उन्होंने एक और जिम ला त्रिनिदाद में खोल लिया और वो नेशनल हीरो बन गए। साथ ही में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के इतिहास के चुनिंदा क्षणों में शामिल हो गए।
बानारियो ने फरवरी 2013 में अपने हमवतन एरिक “द नेचुरल” केली को हराकर वो पहले ONE फेदरवेट वर्ल्ड चैंपियन बन गए। साथ ही वो ऐसा करने वाले पहले फिलीपीनी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के वर्ल्ड चैंपियन भी बन गए। हालांकि, दुर्भाग्यवश अगली ही बाउट में वो अपना गोल्ड हार गए।
फोलायंग ने तेजी से बढ़ रहे जापानी मार्शल आर्ट्स आइकॉन शिन्या “टोबीकन जुडन” एओकी को नॉकआउट करके नवंबर 2016 में ONE लाइटवेट वर्ल्ड टाइटल पर कब्जा जमा लिया। इसके एक साल बाद वो टाइटल पर कब्जा नहीं रख पाए लेकिन नवंबर 2018 में फिर उसे जीत लिया।
वहीं, युस्ताकियो ने एड्रियानो “मिकीन्यो” मोरेस को हराकर जून 2018 में अनडिस्प्यूटेड ONE फ्लाइवेट चैंपियन बन गए। जोशुआ “द पैशन” पैचीओ ने योशिताका “नोबिता” नाइटो को हराकर सितंबर में ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड टाइटल जीत लिया और बेलिंगोन, बिबियानो “द फ़्लैश” फर्नांडीस को पछाड़ते हुए दो महीने बाद ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन बन गए।
Team Lakay ने 2018 को चार ONE वर्ल्ड टाइटल्स के साथ खत्म किया। ये सालों पहले सांगियाओ द्वारा लिए गए कड़े फैसलों का ही नतीजा था।
41 साल के कोच ने बताया, “अब मुझे कोई पछतावा नहीं है। खासकर तब जब वो बेल्ट और इंटरनेशनल मुकाबले जीत रहे थे।”
“मैं उनके लिए खुश हूं, जो चीजें वो पा रहे हैं। उनकी खुशी मैं भी महसूस कर सकता हूं और उनके जैसा गर्व मुझे भी होता है।”
अब भविष्य की बारी है
सांगियाओ, फोलायंग और उनके साथियों ने Team Lakay की नींव करीब दो दशक पहले रखी थी लेकिन अब नई पीढ़ी इसमें शामिल होने को तैयार है।
पैचीओ सबसे आगे आकर फिलीपींस का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। साथ ही वो मात्र 24 साल की उम्र में कई बड़े खिलाड़ियों को स्ट्रॉवेट डिविजन में पीछे छोड़ चुके हैं।
स्ट्रॉवेट किंग ने भाग्यवश इस टीम को उस समय जॉइन किया था, जब वे सफलता के चरम पर थे। उस वक्त ये टीम संघर्ष कर रही थी। हालांकि, उस समय वो टीम के साथ भले ही नहीं थे लेकिन वो अच्छी तरह से जानते हैं कि इस जगह तक पहुंचने के लिए टीम को किन हालातों से गुजरना पड़ा था।
उन्होंने गौर करके बताया, “ये वो टीम है, जिसने अपने अच्छे और बुरे समय को देखा है। उन्होंने उसकी कई चीजों को अपने दिल से लगाए रखा है।”
“जब मैं आया था तो मैंने यहां भाईचारा देखा। अब हम यहां एक बड़ी सी फैमिली हैं। यही वो बात है जो इस टीम को स्पेशल बनाती है।”
पैचीओ के सबसे अच्छे दोस्त, डैनी “द किंग” किंगड भी अपने दम पर यहां आए थे।
वुशु स्पेशलिस्ट ने फ्लाइवेट डिविजन को अपने चौतरफा फुर्तीले स्टाइल से पछाड़ दिया। हालांकि, वो ऑल टाइम ग्रेट डिमिट्रियस “माइटी माउस” जॉनसन से अक्टूबर 2019 में ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड ग्रां प्री चैंपियनशिप फाइनल में हार गए थे लेकिन उन्होंने 15 मिनट तक बिना रुके उनका मुकाबला किया था।
इस टीम में लिटो “थंडर किड” आदिवांग भी हैं, जो Team Lakay के लिए नई सफलता लेकर आए हैं। उन्होंने अपना सफर मलेशिया में एक अनजान ट्रेनर से शुरू किया था, अब वो रिच फ्रैंकलिन की ONE Warrior Series से The Home Of Martial Arts के सबसे बढ़िया युवा सितारे बन गए हैं।
आदिवांग ने बताया, “उनके साथ हर रोज मेहनत करना मेरे लिए सम्मान की बात है।”
“आपको वर्ल्ड चैंपियन के साथ ट्रेनिंग करने का मौका मिलता है। जो लोग सबसे टॉप पर हैं, वो आपको भी ऊंचाइयों पर पहुंचाने में मदद करते हैं। बेहतर करियर के लिए प्रोत्साहित करते हैं। ये मेरे करियर के लिए टर्निंग पॉइंट रहा।”
उनकी टीम की धांसू जीत और बढ़ती लोकप्रियता के चलते सांगियाओ ने ला त्रिनिदाद में अपनी पुरानी सुविधाएं बंद करके उसी शहर में अगस्त 2019 में नई और बड़ी फैसिलिटी शुरू कर दी।
यूनिवर्सिटी के ग्राउंड पर रेगुलर स्टूडेंट से वर्ल्ड चैंपियन बनाने तक और दूसरी मंजिल पर मीट शॉप के ऊपर जिम खोलने तक Team Lakay ने काफी लंबा सफर तय किया है।
अगर इस टीम के लीडर्स साथ मिलकर मुश्किल समय में आगे न बढ़ते रहते तो ये आज संभव नहीं हो पाता।
फोलायंग ने बताया, “हमने इस समय की कल्पना पहले ही कर ली थी। ये हमारी मेहनत का फल है। हम इस मौके का बहुत लंबे समय से इंतजार कर रहे थे। हमें ये नहीं पता था कि ऐसा कब होगा लेकिन अगर उस समय हमने इसकी कल्पना नहीं की होती तो ऐसा कभी भी न हो पाता।”
अगर अब कोई चीज Team Lakay को रोक सकती है तो वो है आत्मसंतुष्टि लेकिन सांगियाओ ने वादा किया है कि वो ऐसा न होने देने के लिए अपनी पूरी क्षमता से काम करेंगे।
उन्होंने बताया, “हम आगे बढ़ने के लिए कभी भी सीखना और नए दांव-पेंच ढूढ़ना बंद नहीं करेंगे। हम चाहे जो भी करें, जो भी पा लें लेकिन हम रुकेंगे नहीं। हम आगे बढ़ते रहेंगे और एथलीट्स की जरूरतों के बारे में सोचते रहेंगे।”
“दिन खत्म होने के बाद वो एथलीट ही होते हैं, जो केज में खड़े रहते हैं। ऐसे में हमें उन्हें हर मानसिक और शारीरिक चीजें देनी होती हैं। जब भी केज की बारी आती है तो उन्हें 100 प्रतिशत तैयार रहना होता है और यही कारण है कि हम टीम की तरह काम करते रहते हैं।”
अगर कुछ चीजें सुस्त पड़ जाती हैं तो सांगियाओ, फोलायंग और बाकी Team Lakay के लोग फुर्ती बनाए रखते हैं। उनका जुनून मार्शल आर्ट्स की वसीयत है। लोग जब भी उनकी कहानी फिर से सुनाएंगे तो उन्हें मालूम चल जाएगा कि मशाल अब भी जल रही है।
ये भी पढ़ें: 5 तरीके जिनसे मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग स्थिरता प्रदान करती है