कैसे टॉमी लेंगाकर की ‘समुराई’ मानसिकता ने उन्हें ग्रैपलिंग वर्ल्ड के टॉप पर पहुंचाया
टॉमी लेंगाकर को लंबे समय से यूरोप का टॉप ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) एथलीट का दर्जा प्राप्त रहा है और अब वो अपने करियर के सबसे महत्वपूर्ण मुकाबले से कुछ ही दिन दूर खड़े हैं।
10 जून को ONE Fight Night 11: Eersel vs. Menshikov के को-मेन इवेंट में नॉर्वे के ब्लैक बेल्ट होल्डर 20 वर्षीय सनसनी केड रुओटोलो को ONE लाइटवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए चैलेंज करेंगे।
ये मुकाबला थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होगा और लेंगाकर ONE में तीसरी बार फाइट कर रहे होंगे।
ONE का ग्लोबल फैनबेस 29 वर्षीय सबमिशन स्टार को देखने के लिए उत्सुक है कि उन्हें क्यों दुनिया के टॉप पाउंड-फोर-पाउंड ग्रैपलर का चैलेंजर बनाया गया है।
पारंपरिक जिउ-जित्सु से शुरुआत
लेंगाकर नॉर्वे के होगसंड नाम के इलाके में पले-बढ़े, जहां उन्होंने बहुत छोटी उम्र में सख्त रहना और कॉम्बैट खेलों में दिलचस्पी दिखानी शुरू कर दी थी। वो 3 भाइयों में सबसे छोटे हैं और दोनों बड़े भाइयों को भी उनकी सफलता का श्रेय जाता है।
उन्होंने ONEFC.com से कहा:
“मेरे 2 बड़े भाई हैं और शायद उन्हीं की वजह से मुझे मार्शल आर्ट्स में आने की प्रेरणा मिली। वो ज्यादातर मेरे ऊपर हावी होते रहते थे और थोड़ा-बहुत पीटते भी थे।”
उन्हें भाइयों से बहुत प्यार मिल रहा था, जिसके कुछ समय बाद ही उन्होंने जिउ-जित्सु सीखना शुरू किया और यूरोप के कई फुल कॉन्टैक्ट टूर्नामेंट्स में भाग लिया।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु को एक ग्रैपलिंग आर्ट माना जाता है, लेकिन पारंपरिक जिउ-जित्सु में कराटे की स्ट्राइकिंग तकनीक, जूडो के थ्रो और टेकडाउन के अलावा ग्राउंड तकनीक भी सम्मिलित होती हैं।
हालांकि आगे चलकर उन्होंने ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में कदम रखा, लेकिन लेंगाकर पारंपरिक जिउ-जित्सु में अपने शुरुआती अनुभव को प्रोफेशनल करियर में सफलता का आधार मानते हैं।
उन्होंने कहा:
“मेरी किस्मत अच्छी थी कि मेरे मार्शल आर्ट्स में जाने के फैसले को मेरे माता-पिता ने सपोर्ट किया। मैंने आगे चलकर नेशनल टीम में जगह बनाई। मैंने BJJ में काफी देरी से शुरुआत की, उससे पहले मैंने पारंपरिक जिउ-जित्सु कॉम्पिटिशंस का हिस्सा बनते हुए काफी सफर किया। उस अनुभव ने मुझे कठिन परिस्थितियों से निपटना सिखाया था।”
BJJ से लगाव हुआ
वो जब 17 साल के थे, तब BJJ ने होगसंड में एंट्री ली, जिसके कुछ समय बाद ही लेंगाकर को इस खेल से लगाव हो चला था।
पारंपरिक जिउ-जित्सु की तरह उन्होंने यूरोप में कई फाइट्स कीं और निरंतर मैच पाने की तलाश में रहते थे। जैसे ही लेंगाकर और उनके हमवतन स्टार एस्पन मैथिसेन को मौका मिला, उन्होंने कैलिफोर्निया में स्थित Art of Jiu Jitsu Academy को जॉइन किया।
इस ट्रेनिंग सेशन ने ग्रैपलिंग स्टार के करियर को आगे बढ़ाने में अहम योगदान दिया, जिसने साबित किया कि वो दुनिया के टॉप BJJ फाइटर्स में से एक हैं।
लेंगाकर ने कहा:
“हमने 3 महीनों तक Art of Jiu Jitsu Academy में ट्रेनिंग की। वहां जाकर हम चौंक उठे क्योंकि यहां आकर हम जानना चाहते थे कि हमारा ग्रैपलिंग गेम किस लेवल का है।
“ये चौंकाने वाली बात रही कि हम जिम के एथलीट्स को टक्कर दे पा रहे थे। इससे हमारा आत्मविश्वास बढ़ा था। हम उन फाइटर्स को टक्कर दे पा रहे थे जो फुल टाइम ट्रेनिंग कर रहे थे।”
लेंगाकर बढ़े हुए आत्मविश्वास और एक प्रोफेशनल ग्रैपलर बनने की प्रतिबद्धता को साथ लिए नॉर्वे लौट आए और इस उम्मीद में ट्रेनिंग जारी रखी कि वो अपने देश में BJJ के खेल को एक नई पहचान दिला सकते हैं।
पुराने समय को याद कर उन्होंने कहा कि एक ही लक्ष्य पर ध्यान होना और ब्राजीलियन जिउ-जित्सु के लिए प्यार ने उन्हें सफलता दिलाई, फिर चाहे उन्हें कितनी ही कठिन चुनौतियां क्यों ना मिली हों।
लेंगाकर ने कहा:
“मैं एक समुराई हूं। मैं फाइट इसलिए करता हूं क्योंकि मुझे इस खेल से बहुत प्यार है और जीवन में यही करना चाहता हूं। ये मेरा फैसला है इसलिए मैं बिना सोचे आगे बढ़ता रहा हूं और कभी पैसों के बारे में नहीं सोचा। इससे मुझे फर्क नहीं पड़ता था क्योंकि इस खेल से जुड़े रहने से मेरी सभी समस्याएं अपने आप हल हो जाती थीं।”
वित्तीय समस्याएं
दुनिया के कई अन्य उभरते हुए प्रोफेशनल ग्रैपलर्स की तरह लेंगाकर को भी अपने करियर की शुरुआत में वित्तीय समस्याओं से जूझना पड़ा।
वित्तीय दिक्कतों के बावजूद उनकी इस खेल के प्रति प्रतिबद्धता ने उन्हें कठिनाई भरे दौर से निकलने में मदद की।
उन्होंने कहा:
“जैसा कि मैंने कहा कि मैं हर काम को लेकर जिद्दी बन जाता हूं। इसलिए मैं ट्रेनिंग और जुनून को सबसे अधिक तवज्जो देता हूं। मुझे लगता है कि जिउ-जित्सु से जुड़ने के बाद ऐसा करना बहुत मुश्किल होता है क्योंकि खासतौर पर करियर की शुरुआत में कमाई ज्यादा नहीं होती। अगर आप दूसरों की बराबरी करना चाहते हैं तो आपको इस खेल को बहुत समय देना होता है।”
ज्यादा कमाई ना होने के बावजूद नॉर्वे में BJJ को पहचान दिलाने की कोशिश के दौरान लेंगाकर ने कभी हार नहीं मानी।
काफी लोग सोच सकते हैं कि उन्होंने ऐसा क्यों किया, लेकिन लेंगाकर के सिद्धांत स्पष्ट हैं:
“मैं ऐसा इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं हमेशा इसकी तुलना एक अच्छे कारपेंटर से करता हूं। अगर आपका घर अच्छा है तो आप दिखाना चाहेंगे कि आपका काम अच्छा है। मैं अपने जिउ-जित्सु गेम पर गर्व करता हूं और जानता हूं कि मैं इसमें महारत रखता हूं और अगर कोई मुझसे बेहतर है तो मैं उसकी चुनौती को भी स्वीकार करूंगा। मैं रिंग में इसी मानसिकता के साथ एंट्री लेता हूं कि मेरा जिउ-जित्सु गेम मेरे विरोधी से बेहतर है।”
ONE में शानदार प्रदर्शन के लिए 2 बार मिला बोनस
लेंगाकर ने ONE में अभी तक 2 मैचों में शानदार प्रदर्शन किया है। पहले उन्होंने रेनाटो कनूटो को स्कोरकार्ड्स में और उसके बाद सैम्बो वर्ल्ड चैंपियन ऊअली कुरझेव को हील हुक सबमिशन मूव लगाकर हराया।
उन दोनों जीतों के लिए उन्हें ONE Championship के चेयरमैन और CEO चाट्री सिटयोटोंग से 50 हजार यूएस डॉलर्स का परफॉर्मेंस बोनस मिला था।
यूरोप के टॉप BJJ एथलीट होने से लेकर ONE सुपरस्टार बनने और अब वर्ल्ड टाइटल के लिए चैलेंज करने तक का सफर टॉमी लेंगाकर के लिए यादगार रहा है और अब वो बहुत खुश हैं।
उन्होंने कहा:
“मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा हूं और खुश हूं। मैं अब संतुष्ट हूं। मैं अपने पैसों का इस्तेमाल सही जगह करता हूं और अपना ब्रैंड बनाने की कोशिश कर रहा हूं।”
अब नॉर्वे के स्टार के सामने कोई वित्तीय समस्याएं नहीं हैं। वो अपने सबमिशन गेम को नए लेवल पर पहुंचाने पर फोकस कर सकते हैं और वो रुओटोलो की चुनौती के लिए तैयार हैं।
लेंगाकर ने कहा:
“मैं पैसों के मामले में चिंतित नहीं हूं इसलिए जीवन आसान हो गया है और ध्यान एक जगह पर केंद्रित कर सकता हूं। मैं अब केवल अपने गेम पर फोकस कर सकता हूं।”