Throwback Thursday: थाईलैंड की ट्रिप जिसने अगस्टियन की जिंदगी बदल दी
सफलता अक्सर उस जगह मिलती है जहां हम अपना कम्फर्ट जोन छोड़कर उससे बाहर निकलते हैं और लगातार कुछ बेहतर करने की चाह मन में होती है। रूडी “द गोल्डन बॉय” अगस्टियन जानते थे कि उन्हें अपनी मेहनत की सीमाओं को पार कर ही मॉय थाई में सफलता मिल सकती है।
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Posted by ONE Championship on Friday, November 23, 2018
साल 2011 में वो मॉय थाई सीखने थाईलैंड आए। उस देश में जाना जहां मॉय थाई का जन्म हुआ, वहां उन्हें व्यक्तिगत तौर पर भी खुद में सुधार करने में मदद मिलती और अपने देश इंडोनेशिया में भी वो इस स्पोर्ट का प्रचार कर सकते थे।
हालांकि, ऐसा बहुत ही कम देखा जाता है कि इंडोनेशियाई एथलीट ट्रेनिंग के लिए अपने देश से बाहर जाएं। उनके अपने ही देश में ऐसी सुविधाएं हैं जहां वो खुद की स्किल्स में सुधार कर सकते हैं लेकिन अगस्टियन जानते थे कि उन्हें दूसरों से बेहतर बनने के लिए सीमाओं को पार करना ही होगा।
34 वर्षीय एथलीट ने बताया, “मैं खुद अपना जिम (Golden Camp) खोलना चाहता था और उस समय इंडोनेशिया में सिखाने वालों की कमी हुआ करती थी इसलिए मैंने वहीं से इस स्पोर्ट का ज्ञान लेना उचित समझा जहां से इसका जन्म हुआ था।”
“मैं पूर्णतः समझना चाहता था कि मॉय थाई है क्या इसलिए मैंने था माका जिले के सिटमोंचाई जिम को जॉइन किया।”
अगस्टियन के लिए ये एक नया अनुभव था। इससे पहले वो कभी बाहर नहीं गए थे और ना ही किसी थाई व्यक्ति से बात की थी और ना ही किसी के साथ ट्रेनिंग या फाइट की थी। ये कठिनाइयां भी उन्हें रोक पाने में विफल हो रही थीं।
उन्होंने बताया, “उस समय इंटरनेट सुविधा अच्छी नहीं थी और भाषा के कारण मुझे दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। मैं थाई भाषा नहीं बोल सकता था और जितने भी थाईलैंड के लोगों को मैं जानता था उनमें से अधिकतर अंग्रेजी नहीं बोलते थे।”
“बस में चढ़ने से पहले मैंने कई लोगों से पूछा कि क्या वो कंचनाबुरि जा रही है। वो सभी मुझ पर हंस रहे थे और आखिर में उन्होंने कहा ‘हाँ’। इसलिए मैं बस में चढ़ गया और बाद में पता चला कि वो गलत बस थी। मैं 4 घंटे तक इधर से उधर घूमता रहा तब जाकर मुझे सही बस मिली।”
गंतव्य तक पहुंचने के बाद मेरे अंदर निराशा का कोई भाव नहीं था क्योंकि इतनी घंटों की मशक्कत के बाद आखिरकार वो वहां पहुंच गए थे जहां उन्हें पहुंचना था। वहां जाकर उन्हें उनके आदर्श ने गले लगाया और अगले ही पल उन्हें अहसास हो चुका था कि उन्होंने सही फैसला लिया है।
उन्होंने आगे कहा, “जब मैं वहां पहुंचा तो निराशा और परेशानी सब दूर हो चुकी थी। सिटमोंचाई जिम के एक सुपरस्टार को मैं हमेशा अपने लिए एक बड़ी प्रेरणा के रूप में देखता आया था। Lumpinee Stadium और WMC मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन पोर्नसाने सिटमोंचाई ने मुझे गले लगाया।”
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“द गोल्डन बॉय” 3 महीने तक जिम में ही रहे जो बैंकॉक से करीब 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित था। हालांकि, इस दौरान उन्हें कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने वहां अपने पैर पसार लिए थे।
ट्रेनिंग शेड्यूल ऐसा था जैसा उन्हें इंडोनेशिया में मिल ही नहीं सकता था और इस ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने ज्यादा से ज्यादा चीजें सीखने का प्रयास किया।
अगस्टियन ने बताया, “ट्रेनिंग का माहौल अलग था और अनुशासन को देख मैं दंग रह गया।”
“सुबह हम 8 किमी की दौड़ लगाते और उसके बाद पैड वर्क करते। दोपहर बाद स्पारिंग और क्लिंचिंग सेशंस होते और आखिर में ये सब करने मजा आता था और साथ में थकान भी होती थी।”
जब वो घर वापस आए तो काफी चीजें सीख चुके थे। अगस्टियन की स्किल्स में अविश्वसनीय सुधार हो चुका था और नेशनल लेवल पर उन्होंने कई रिकॉर्ड अपने नाम किए और साथ ही WMF चैंपियनशिप्स में इंडोनेशिया का प्रतिनिधित्व भी किया।
सफलता पाकर उन्हें वो अनुभव प्राप्त हो चुका था जिससे वो इंडोनेशिया में मॉय थाई की अगली पीढ़ी को बड़ा स्टार बनने के लिए तैयार कर सकते थे।
उन्होंने रोज मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियंस के साथ ट्रेनिंग की थी और अपने हमवतन युवा स्टार्स को मॉय थाई के गुर सिखाने के लिए उन्हें इससे काफी प्रेरणा भी मिल रही थी।
उन्होंने बताया, “जब मैं ट्रेनिंग कर रहा था तो हमेशा कुछ नया सीखते रहने की कोशिश करता था। मैं उनकी बराबरी करना चाहता था जिसके लिए मुझे उनके जैसी ट्रेनिंग करने की जरूरत थी।”
“मुझे नया अनुभव प्राप्त हुआ, नई तकनीकें सीखीं और एक नया माहौल मिला। जो कुछ भी मैंने सीखा वही मैं अपने जिम में भी लोगों को सिखाने का प्रयास करूंगा।”
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