Throwback Thursday: थाईलैंड जाकर कैसे महमूदी के जीवन में आया बदलाव
इलायस “द स्नाइपर” महमूदी का पूरा जीवन मॉय थाई के इर्द-गिर्द गुजरा है।
फ्रेंच-अल्जीरियाई स्ट्राइकर उस परिवार का हिस्सा हैं जिनका खुद का मार्शल आर्ट्स जिम है लेकिन जब 11 साल की उम्र में वो थाईलैंड आए तब जाकर उनके करियर को एक नई रफ़्तार मिलनी शुरू हुई थी।
साल 2009 में वो अपने कोच (अंकल) के साथ थाईलैंड के पटाया शहर में आए, जहाँ उन्होंने 5 हफ्तों तक लैजेंड क्रू योटोंग सेनान की निगरानी में वर्ल्ड-फेमस सिटयोटोंग कैंप में ट्रेनिंग की।
हालांकि, इतनी छोटी उम्र में ये सफर उनके लिए आसान नहीं रहा, परिस्थितियों के अनुरूप उन्हें खुद को ढालना पड़ा, मॉय थाई के लिए भी और अपने जीवन में हो रहे बदलावों के लिए भी।
उन्होंने बताया, “वो मेरे लिए एक अच्छा अनुभव रहा लेकिन मैं उस समय उम्र में बहुत छोटा था इसलिए परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाना मुश्किल हो रहा था। मैं हमारे ग्रुप में सबसे युवा हुआ करता था।”
“वहाँ का खाना भी मुझे भा नहीं रहा था। पहले की तुलना में मेरी डाइट पूरी तरह बदल चुकी थी। वहीं सबसे अच्छी बात ये होती थी जब हम कैंप में दूसरे युवाओं के साथ अपने अनुभव को साझा किया करते और योटोंग सेनान के साथ फिशिंग ट्रिप्स भी यादगार होती थीं।”
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महमूदी के लिए पेरिस, फ्रांस में की गई ट्रेनिंग और यहाँ की ट्रेनिंग में जैसे जमीन-आसमान का अंतर था। वो सप्ताह के 6 दिन ट्रेनिंग किया करते और प्रत्येक दिन 6 घंटे कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना होता था, लेकिन उन्होंने शुरुआती दर्द को सहा और कुछ समय बाद इसके आदि हो गए।
उन्होंने याद करते हुए बताया, “हम सुबह 5:45 उठ जाते, 1 घंटे रनिंग और फिर 2 घंटे के लिए ट्रेनिंग पर जाते थे।”
“उसके बाद ब्रेकफास्ट करते, आराम करते, उसके बाद लंच और फिर करीब 45 मिनट बाद एक बार फिर रनिंग के लिए जाते। उसके 2 घंटे बाद तक हम ट्रेनिंग करते। पहले की तुलना में इस अनुभव ने मुझे पूरी तरह बदल कर रख दिया था।
“यहाँ मैंने कार्डियो की कई तकनीक सीखीं, वहीं ये भी देखा कि असली मॉय थाई में कितनी कड़ी मेहनत करनी होती है और एक प्रोफेशनल फाइटर बनने के लिए आपको कितने त्याग करने पड़ते हैं।”
27 जुलाई 2009 को सबसे कड़ी ट्रेनिंग से गुजरते हुए “द स्नाइपर” ने पहली बार मैच के लिए रिंग में कदम रखा और उस मैच में उन्होंने दूसरे राउंड में फ़्लाइंग नी लगाकर नॉकआउट जीत दर्ज की थी।
इस जीत ने उनके इस सफर को काफी हद तक सफल साबित कर दिया था।
उन्होंने बताया, “मैं इस फाइट के लिए पूरी तरह तैयार और प्रतिबद्ध था। थाईलैंड में फाइट और जीत दर्ज करना एक सुखद एहसास रहा।”
अब 3 बार के मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रह चुके महमूदी का अगला लक्ष्य ONE Super Series वर्ल्ड टाइटल है।
हालांकि, उनके करियर को शुरू हुए एक दशक से भी ज्यादा समय बीत चुका है, इसके बावजूद फ्रेंच-अल्जीरियाई स्टार उस मोमेंट को याद करते हुए कहते हैं कि वहीं से उनके मार्शल आर्ट्स सफर की असली शुरुआत हुई थी।
उन्होंने कहा, “ये जीत मेरे लिए बहुत अहम थी और उसी जीत ने मुझे इस मुकाम तक पहुंचने में मदद की है।”
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