Tip Tuesday: इलियट कॉम्पटन ने बताए सफल स्ट्राइकिंग के 5 तरीके
इलियट “द ड्रैगन” कॉम्पटन ONE Super Series के रोस्टर में सबसे अनोखे स्ट्राइकरों में से एक हैं लेकिन उनका मानना है कि ठोस बुनियादी बातों में ही सफलता का राज छिपा होता है।
Who should Elliot Compton face next in ONE Super Series?
Who should Elliot Compton face next in ONE Super Series?Download the ONE Super App now 👉 http://bit.ly/ONESuperApp
Posted by ONE Championship on Wednesday, August 8, 2018
इस ऑस्ट्रेलियन स्ट्राइकर ने अपनी यात्रा की शुरुआत मॉय थाई, जीत कून डो, विंग चन और फिलीपीनो मार्शल आर्ट्स से की थी। इसके बाद उन्होंने “आठ अंगों की कला” में अपनी शिक्षा जारी रखते हुए ब्राजीलियन जिउ-जित्सु और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को अपने हुनर में शामिल किया था।
20 साल से ज्यादा समय से ट्रेनिंग कर रहे कॉम्पटन ने कई ऐसे बुनियादी नियम सीखे हैं, जो किसी एक विधा से बंधे नहीं हैं। इन नियमों को वो अपनी फैमिली जिम में लोगों को भी सिखा रहे हैं। उनका जिम ऑस्ट्रेलिया के ब्रिसबेन में Team Compton Training Center के नाम से है।
अब “द ड्रैगन” मॉय थाई, किकबॉक्सिंग और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में स्ट्राइकिंग सुधारने के लिए पांच सबसे जरूरी बातें बताने जा रहे हैं।
#1 फुटवर्क है सबसे जरूरी
“सबसे पहला और मेरी नज़र में सबसे जरूरी है फुटवर्क।
इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपका पंच सबसे तगड़ा है या किक। हो सकता है कि आप अब तक के सबसे तगड़े व्यक्ति हों लेकिन अगर पावर डिलीवर करने वाला डिलीवरी सिस्टम नहीं है तो बाकी बातों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। फुटवर्क ही आपका डिलीवरी सिस्टम है। इस वजह से आपको सबसे पहले इसे ही सुधारने पर काम करना चाहिए।
#2 खास ड्रिलिंग पर दें ध्यान
“दूसरा है, लाइट स्पारिंग, डच ड्रिलिंग और लाइव ड्रिलिंग।
“ये वो चीजें हैं, जहां आप अपना डिलीवरी सिस्टम इस्तेमाल कर पाएंगे और जिम में सीखने वाली चीजें आजमा पाएंगे। यहां से आप बिना नॉकआउट हुए चीजें कर पाएंगे। इस वजह से हल्की स्पारिंग और हल्की ड्रिलिंग बने हैं। आपको पंचिंग पैड और पंचिंग बैग से ज्यादा अपने लक्ष्य को साधने की कोशिश करनी होती है। साथ में अपनी टाइमिंग पर भी ध्यान देना होता है।”
- म्यूजिक मंडे: गाने जो इलियट कॉम्पटन के दिल के सबसे करीब हैं
- Transformation Tuesday: शेनन विराचाई का लाइटवेट से फेदरवेट डिविजन में जाने का सफर
- घर पर रहकर रिच फ्रैंकलिन के वर्कऑउट प्लान से शानदार शेप बरकरार रखें
#3 लक्ष्य ध्यान में रखकर प्रैक्टिस करें
“हर दिन प्रैक्टिस करें और हर सत्र के लिए अलग लक्ष्य तैयार करें। आपको अपने हर सत्र में कुछ लक्ष्य तय करने होंगे और उसे पाने के लिए जी जान लगानी होगी। जिम जाकर इधर-उधर एक्सरसाइज करने से काम नहीं चलेगा।
“सब कुछ एक बार में ही करने की कोशिश करना और बहुत सारी चीजों से जुड़ने से आप कंफ्यूज हो जाएंगे। इससे बचने के लिए आप एक दिन में एक चीज पर ही ध्यान लगाएं जैसे कि आज मैं सिर्फ जैब की प्रैक्टिस करूंगा या आज मैं एंगल्स पर काम करूंगा।
“अंत में जब आप हर चीज सीख जाएंगे तो आपको सोचना नहीं पड़ेगा। आपको खेल का हरेक पहलू अच्छे से मालूम हो जाएगा और खेल समझ पाना आपके नेचर का दूसरा हिस्सा बन जाएगा।
#4 रेंज पर कंट्रोल मतलब मैच पर कंट्रोल
“रेंज और टाइमिंग के बीच में तालमेल को समझें।
“इसे फिर से समझें। हो सकता है कि आप दुनिया के ताकतवर व्यक्ति हों। ऐसे में आप अगर काफी दूर से या पास से पंच मारें लेकिन अगर किसी को पंच आखिर में नहीं लगता है तो सब बेकार है। रेंज और टाइमिंग की समझ से बाउट को समझने और अपना बचाव करने की क्षमता बढ़ती है। ऐसे में मैच में आपका ज्यादा नियंत्रण रहता है।”
#5 हड़बड़ी न करें
“अपनी तकनीक को बेहतर करने के लिए जरूरी है कि समय लें।
“हड़बड़ी में अच्छा काम नहीं हो पाता है। मतलब कोई भी पंच मार सकता है और तकनीक समझ सकता है। अगर आप क्लास में तकनीक से केवल शुरुआती पांच मिनट तक प्रैक्टिस करते हैं और उसके बाद तेजी से कड़े मुक्के मारने में लग जाते हैं, तो आप अपनी तकनीक को सुधारने पर काम नहीं कर रहे होते हैं। आप सिर्फ हाथ-पैर ही मार रहे होते हैं।
“इस बात को सुनिश्चित करें कि आपका पूरा ध्यान अपनी तकनीक की बारीकियों पर लग रहा हो। जब ऐसा हो जाए, उसके बाद आप तेजी और ताकत उसमें झोंके। फिर आपकी मांसपेशियां इसे याद कर लेंगी। तब जाकर आप गंभीर रूप से ताकत जमा कर पाएंगे।
ये भी पढ़ें: Tip Tuesday: बिबियानो फर्नांडीस के ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में सफल होने के 3 राज