टायफुन ओज़्कान ने बचपन के डरावने दिनों को किया याद – ‘हर समय हमें पीटा जाता था’
टायफुन ओज़्कान अपने डरावने बचपन को खुद की पहचान नहीं बनने देना चाहते हैं।
इसकी जगह #5 रैंक के फेदरवेट किकबॉक्सर अपने मुश्किल बचपन को प्रोत्साहन के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं। ऐसा वो ना सिर्फ वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए बल्कि ऐसा पिता बनने के लिए भी करना चाहते हैं, जो उन्हें कभी नहीं मिला था।
अमेरिकी प्राइमटाइम पर शुक्रवार, 30 सितंबर (भारत में शनिवार, 1 अक्टूबर) को ONE Fight Night 2 में #2 रैंक के कंटेंडर मरात ग्रिगोरियन के खिलाफ होने वाले मुकाबले से पहले ओज़्कान ने अपने हिंसक पिता के साथ बचपन के संघर्ष भरे दिनों के बारे में बताया।
तुर्की के स्ट्राइकर ने बताया:
“मेरी स्थिति काफी अलग थी क्योंकि घर में कई सारे बच्चे थे और मेरे पिता शराबी थे। हमारे पास पैसे नहीं हुआ करते थे। मेरे पास बचपन की कोई फोटो कभी नहीं रही। मेरी पहली फोटो तब खींची गई थी, जब मैं 4 साल का था।
“हमारे घर पर केवल लड़ाई और ड्रग्स की चीजें ही हुआ करती थीं। घर में हर समय नकारात्मकता छाई रहती थी और हमें हर समय पीटा जाता था।”
जब ओज़्कान के पिता बच्चों से दुर्व्यवहार नहीं कर रहे होते थे तो इसका मतलब था कि वो घर में नहीं होते थे। इसके चलते “टरबाइन” और उनके भाई-बहनों को गरीबी की परेशानियों और गृह कलेशों से बाहर निकालने के लिए खुद मेहनत करने को अकेला छोड़ दिया गया था।
अब बड़े हो चुके 31 साल के एथलीट को अब ये अहसास होता है कि उनका घर पर जीवन कितना मुश्किल हुआ करता था।
ओज़्कान ने कहा:
“जब आप बच्चे होते हैं तो आप चाहते हैं कि आपके पिता आपसे बात करें। एक ऐसा पिता, जो आपको ट्रेनिंग पर ले जा सके। आपको एक ऐसे पिता की जरूरत होती है, जो आपको स्कूल ले जा सके। आपको ऐसे पिता की जरूरत होती है, जो किसी बुरे दिन पर ये बता सके कि मानसिक तौर पर मजबूत कैसे बना जा सकता है, लेकिन मेरे पास ऐसा कुछ भी नहीं था।”
शुरुआती दिनों में ओज़्कान को फुटबॉल खेलना पसंद था, लेकिन परिवार के मुश्किल हालातों के चलते वो क्लब की फीस देने में असमर्थ थे।
अन्य विकल्पों को देखते हुए युवा एथलीट ने किकबॉक्सिंग करने का प्रयास किया, मगर वो फिर उसी परेशानी में घिर गए।
भाग्यवश, कोच उनकी इस स्थिति को जानते थे इसलिए उन्हें फ्री में ट्रेनिंग देने का प्रस्ताव दिया। ये एक ऐसा फैसला था, जिसने आखिरकार “टरबाइन” के जीवन को हमेशा के लिए बदल दिया।
ओज़्कान को याद है:
“ट्रेनर मेरे पास आए और कहा कि मैं काफी प्रतिभाशाली हूं। उन्होंने मुझसे कहा कि टायफुन मैं आपके पिता को जानता हूं और आपकी परिस्थितियों को समझता हूं। तुर्की के सभी लोग एक-दूसरे को समझते हैं इसलिए वो पहले से ही मेरे बारे में जानते थे। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे फीस देने की जरूरत नहीं है। आप बेहतर तरीके से ट्रेनिंग करिए और मैं आपको ट्रेनिंग दूंगा।”
“यही मेरे जीवन की बचत थी क्योंकि अगर वो ये कहते कि मुझे फीस देने होगी तो मैं किकबॉक्सिंग की ट्रेनिंग बिल्कुल भी नहीं कर पाता।”
प्रताड़ना के चंगुल से बाहर निकलकर बढ़े आगे
पिता के प्रति गुस्से की आग में तपने की जगह ओज़्कान अपने परेशानी भरे बचपने से सबक लेते हुए बेहतर पिता बनने के प्रयास में लगे हैं।
Siam Gym के प्रतिनिधि ने कहा:
“पिता के पास ना होने के कारण मुझे काफी सारी चीजों की कमी महसूस हुई। ऐसे में मुझे जिन चीजों की कमी महसूस हुई, अब मैं वो चीजें अपने बेटे को दे रहा हूं। मुझे लगता है कि ये चीजें मुझे उबरने में मदद कर रही हैं। मेरे पिता ने मुझे जो दर्द और तकलीफें दी हैं, उन्हें मैं महसूस कर सकता हूं, लेकिन वो कमियां जब मैं अपने बेटे में पूरी करता हूं तो मुझे लगता है कि मैं उससे उबर रहा हूं। ये चीजें मुझे बेहतर बना रही हैं।
“आप जो चाहें मुझे दे सकते हैं, आप चाहें तो मुझे कार दे सकते हैं, आप चाहें मुझे कपड़े दे सकते हैं, लेकिन मुझे जो चीज चाहिए थी, वो था अपने पिता का साथ। मुझे ये कभी नहीं मिला इसलिए मैं अपने बेटे को अपना साथ देना चाहता हूं।”
अब खुशहाल शादीशुदा जीवन और गर्व से भरे पिता बनने का सुख पाने के बाद ओज़्कान का जीवन प्रेम से भर गया है और उन्होंने जीवन में जिन चीजों के सपने देखे थे, उसे वो जी रहे हैं।
उन्हें ये जीवन पूरी तरह से किकबॉक्सिंग के खेल में मिली अपार सफलता से हासिल हुआ है।
इसके साथ ही विडंबना ये है कि “टरबाइन” के घर में जो परेशानियां थीं, उसने उन्हें और कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इससे अंतत: उन्हें वो स्थिरता मिली, जो एक बच्चे के रूप में उनके पास नहीं थी।
उन्होंने आगे बताया:
“आपको बताता हूं कि उस समय मैं जब भी ट्रेनिंग के लिए जाता था तो यही सोचता था कि मैं अपने लिए एक अच्छा सा घर चाहता हूं। एक अच्छा सा परिवार चाहता हूं।
“जब भी मैं जिम जाता था, तब मैं ईश्वर से प्रार्थना करता था कि मुझे एक अच्छा सा परिवार दे दीजिए। मुझे एक कार दे दीजिए, ताकि मैं ट्रेनिंग पर ड्राइव करके जा सकूं। मैं बिल्कुल भी तनाव में नहीं रहना चाहता हूं।”