कैसे शुया कामिकुबो को मार्शल आर्ट्स में आने की प्रेरणा मिली
शुया कामिकुबो भले ही नई पीढ़ी के जापानी मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट हों लेकिन उनकी जड़ें अपने पुराने मूल्यों से जुड़ी हुई हैं।
25 साल के एथलीट को उनके कोच और कॉर्नरमैन जेन इसोनो ने “स्टेल्थ” निकनेम दिया है क्योंकि वो ज्यादा बात नहीं करते हैं। उनका बैकग्राउंड पारंपरिक जूडो का है, साथ ही साथ वो ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ब्राउन बेल्ट धारक भी हैं।
इस धांसू ग्रैपलिंग के मेल से योकोहामा के रहने वाले एथलीट का शानदार प्रोफेशलन रिकॉर्ड 11-1-1 हो गया है। इस वजह से वो ONE Championship के बेंटमवेट डिविजन में ऊपरी श्रेणी के एथलीट्स में शामिल हो गए हैं।
अब वो वापसी करने से पहले अपनी स्किल्स को TRY H Studio और Itadaki Jiu-Jitsu में लगातार बेहतर कर रहे हैं। ऐसे में हमारे पास मौका है ये जानने का कि वो कौन सा रास्ता था, जिस पर चलकर कामिकुबो ने The Home Of Martial Arts तक का सफर तय किया।
बचपन रहा काफी सक्रिय
कामिकुबो को बड़े प्यार से जापान के योकोहामा में उनके माता-पिता ने पाला। परिवार में उनसे 12 साल बड़ी एक बहन और दो साल छोटा भाई भी है।
बेंटमवेट दावेदार बचपन में बहुत नटखट थे और अपने पड़ोस के बच्चों के साथ अक्सर खेला करते थे। जब छोटे थे तो वो अपने करियर की ज्यादा फिक्र नहीं किया करते थे। वो ईमानदारी से अपना मन पढ़ाई में लगाते थे, ताकि उनके पास आगे चलकर कई सारे काम करने के विकल्प हों।
जल्द ही मार्शल आर्ट्स में एंट्री भी उनके विकल्पों में शामिल हो गई।
कामिकुबो ने एलिमेंट्री स्कूल में एक साल तक कराटे सीखा लेकिन जब जापानी एथलीट कोसी इनोयू ने साल 2000 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी शहर में आयोजित ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता तो उनका मन जूडो में ज्यादा लगने लगा।
योकोहामा के एथलीट ने जूनियर हाईस्कूल में जल्द ही जूडो क्लब जॉइन कर लिया और हफ्ते में छह दिन प्रैक्टिस करने लगे। साथ में वो हर सप्ताह के अंत में नियमित मुकाबले भी करते रहते थे। जीत या हार की चिंता किए बगैर वो कई कड़े मुकाबलों में भी शामिल हुए थे।
वास्तव में, उन्हें ये खेल इतना पसंद आने लगा कि उन्होंने स्कूल से बाहर judojo जॉइन कर लिया। वहां सप्ताह के तीन दिन ट्रेनिंग करने लगे और अपने कई साथियों को वहां ले जाने लगे।
उन्होंने बताया, “ट्रेनिंग सामान्य तौर पर जीवन का हिस्सा बन गई थी। मुझे थ्रो और ग्राउंड तकनीक बहुत अच्छी लगती थीं।”
कामिकुबो इसके बाद टोक्यो की निहॉन यूनिवर्सिटी में जापानी साहित्य की पढ़ाई करने चले गए। वो कॉलेज अपने जूडो क्लब के लिए भी जाना जाता था। उन्होंने उसे फौरन जॉइन कर लिया।
हालांकि, जब “स्टेल्थ” फ्रेशमैन ईयर में ही थे तो वो अपनी मार्शल आर्ट्स की यात्रा के एक मोड़ पर पहुंच गए।
वो टोक्यो के शिनजुकु इलाके में हनी ट्रैप जिम (जो अब ट्राई एच स्टूडियों के नाम से जाना जाता है) में जिउ-जित्सु की ट्रेनिंग करने लगे थे। ऐसे में उनके मन में “द जेंटल आर्ट” के लिए प्यार पनपने लगा। साथ ही पहले सेमेस्टर में उन्होंने एमेच्योर मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स बाउट में जाना स्वीकार किया और वो बाउट जीत गए।
इन चीजों के चलते उन्होंने यूनिवर्सिटी के जूडो क्लब को छोड़ दिया, ताकि वो ग्रैपलिंग की बारीकियों पर ज्यादा ध्यान दे सकें।
फिर आई मुसीबत
जब वो निहॉन यूनिवर्सिटी में थे, तभी कामिकुबो ने अपना प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर शुरू कर दिया।
“स्टेल्थ” ने सितंबर 2014 में सबमिशन के जरिए तीन मिनट से भी कम समय में जीत हासिल करके अपना शानदार प्रोफेशनल डेब्यू किया। वो अपनी अगली पांच बाउट्स जीतकर 2004 के DEEP Future King टूर्नामेंट के चैंपियन बन गए। ये सब वो कॉलेज की जिम्मेदारियों से जूझते हुए कर रहे थे।
2016 में ग्रेजुएशन पूरा करने के बाद कामिकुबो बिना समय गंवाए मार्शल आर्ट्स के सपने को पाने में जुट गए। उन्होंने बिल्डिंग मेंटेनेंस और कई तरह के मेहनत वाले कामों को चुना, ताकि वो अपनी ट्रेनिंग का लाइफस्टाइल से तालमेल बनाए रख सकें।
हालांकि, साल के अंत में एक ट्रेनिंग सेशन के दौरान उन पर मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा। वो अपनी गर्दन चोटिल कर बैठे, जिसने उन्हें तुरंत बिस्तर पर पहुंचा दिया।
चोट की पहले स्टेज की रिकवरी काफी दर्द भरी रही। उन्हें इतना दर्द होता था कि वो ठीक से सो भी नहीं पाते थे। शुरुआत में तो वो अपनी मार्शल आर्ट्स में वापसी के बारे में भूल ही गए थे लेकिन उनके अंदर ऐसा करने की आग शांत नहीं हुई थी। उन्हें विश्वास था कि दर्द से छुटकारा मिलने के बाद वो ऐसा कर पाएंगे।
उन्होंने बताया, “मैं तीन-चार महीनों बाद जब हिलने-डुलने के लायक हुआ तो मैंने जिउ-जित्सु फिर से शुरू किया लेकिन इस बार बिना स्पारिंग के। वहां से फिर मैंने अपनी फिटनेस धीरे-धीरे पानी शुरू की। मैंने सोचा कि अगर मैं मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स नहीं कर पा रहा हूं तो मैं जिउ-जित्सु जारी रखूंगा।”
अपने जुनून और दृढ़ संकल्प के जरिए उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स और जिउ-जित्सु मुकाबलों में पहले से कहीं ज्यादा तगड़ी वापसी की।
अक्टूबर 2017 में उन्होंने द ट्राइब टोक्यो फाइट चैलेंज में सर्वसम्मत निर्णय से जीत हासिल की और 2018 में ऑल जापान ब्राजीलियन जिउ-जित्सु चैपियनशिप में सिल्वर मेडल हासिल किया।
“स्टेल्थ” ने सिर्फ वापसी ही नहीं की थी बल्कि वो पहले से कहीं ज्यादा बेहतर हो चुके थे।
ग्लोबल स्टेज का बुलावा
जुलाई 2018 में कामिकुबो को चीन के ग्वांगझाओ में ONE: BATTLE FOR THE HEAVENS में अपना प्रोमोशनल डेब्यू करने के लिए ऑफर मिला।
हालांकि, ये बाउट उन्हें चंद दिनों के नोटिस पर ही मिली थी लेकिन उन्होंने बिना किसी झिझक के मैच स्वीकार कर लिया।
उन्होंने बताया, “ये बहुत ही अचानक हुआ। मेरे पास तैयारी के लिए चार हफ्तों से भी कम समय बचा था। मेरे पास दूसरी जगह की एक फाइट थी, जो कैंसिल हो गई थी। ऐसे में इसकी टाइमिंग एकदम सही थी।”
“मुझे आखिरी मैच खेले काफी समय हो चुका था लेकिन मुझे याद है कि तत्सुमित्सु वाडा भी उसी कार्ड में शामिल थे इसलिए मुझे अच्छा जुड़ाव महसूस हुआ।”
और, उन्होंने खुद का जोड़ लिया।
ग्वांगझाओ टियांहे जिमनेजियम में फैंस की वाहवाही लूटते हुए उन्होंने अपने घातक पंचों से WKF इंडोनेशियाई चैंपियन “द टर्मिनेटर” सुनौटो को दूसरे राउंड में तकनीकी नॉकआउट के जरिए हरा दिया।
“स्टेल्थ” इसके बाद आगे की ओर बढ़ चले। उन्होंने मलेशिया के बेहतरीन एथलीट “जंगल कैट” मुहम्मद आइमान, पूर्व ONE वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर “ओट्टोगी” डे ह्वान किम और दो बार के No-Gi BJJ वर्ल्ड चैंपियन ब्रूनो “पुचीबुल” पुची को हराया।
योकोहामा के एथलीट को महसूस हुआ कि उनकी एथलेटिक काबिलियत लगातार ट्रेनिंग और सीख का नतीजा है। ऐसा उन्होंने हाल ही में ब्राजीलियन एथलीट पर जीत के साथ पूरी दुनिया को दिखा दिया।
उन्होंने कहा, “मैंने हाल ही में ब्रूनो पुची का सामना किया। इस दौरान मैंने ट्रेनिंग में जो भी सीखा था, उन सब तरीकों को आजमाया। उस मैच के दौरान मैं शांत रहा और जहां जरूरत पड़ी वहां एडजस्ट किया।”
अब आगे की ओर
कामिकुबो के मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की जड़े जूडो से जुड़ी हुई हैं लेकिन उनकी अपनी अलग तकनीक है।
इस एथलीट के तेज हाथ, घातक अटैक, जबरदस्त प्रेशर और शट डाउन तकनीकें किसी भी बेंटमवेट एथलीट के लिए खतरनाक साबित हो सकती हैं। जब भी वो सर्कल में जाते हैं तो इन चीजों को वो अपने जाने-पहचाने स्टाइल के तौर पर विरोधियों पर आजमाना चाहते हैं, ताकि विरोधी हार मान लें।
उन्होंने कहा, “मैं हमेशा अपनी स्किल्स को बढ़ाने के लिए ट्रेनिंग करता हूं। फिर चाहे मेरे मैच होने वाले हों या नहीं। मुझे लगता है कि ONE के ज्यादातर प्रशंसक मॉय थाई के एथलीट्स और स्ट्राइकर्स को पसंद करते हैं। मैं स्ट्राइक कर सकता हूं लेकिन ग्रैपलिंग और जिउ-जित्सु मेरा स्टाइल है।”
“मैं दिखाना चाहता हूं कि मेरी ग्रैपलिंग कितनी नेचुरल है। ये केवल सबमिशन के जरिए मैच खत्म करने के बारे में नहीं है बल्कि ये विरोधी को हार मानने के लिए मजबूर करने के लिए है। मैं हमेशा इसलिए बाउट करता हूं, ताकि मैं विरोधी पर शानदार जीत हासिल कर सकूं। मैं वैसा बनना चाहता हूं, जिससे मेरे प्रतिद्वंदी फाइट करने से डरें।”
दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में वो चार लगातार जीतों से सात बाउट जीत चुके हैं। ऐसे में कामिकुबो किसी भी एथलीट से मैच करने को तैयार हैं, जो उन्हें ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियनशिप का मौका दिलाने के करीब ले जा सके।
उन्होंने बताया, “ऐसा कोई भी खास एथलीट नहीं है, जिससे मैं मैच करना चाहता हूं। अगर कोई बहुत तगड़ा फाइट करता है, तो मैं तुरंत जोश से भर जाता हूं। हो सकता है कि युसुप सादुलेव जैसा कोई हो जो डे ह्वान किम को हरा चुका हो।”
“मुझे नहीं पता कि बिबियानो फर्नांडीस (चैंपियन) को अगली चुनौती कौन देने वाला है लेकिन जो भी वहां होगा, उसके पास अच्छा मिश्रण होगा।”
“स्टेल्थ” को अपने जबरदस्त प्रदर्शन को जारी रखना चाहिए। हो सकता है कि कुछ ही समय की बात हो और उन्हें अपने मनचाहे मैच में बेंटमवेट किंग से सामना करने को मिल जाए।
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