स्टैम्प फेयरटेक्स ने पुरुषों के दबदबे के बीच से निकलकर खुद को सुपरस्टार बनाया
स्टैम्प फेयरटेक्स ने मॉय थाई को जब अपने जीवन में शामिल किया था, तब उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा था क्योंकि उस वक्त इसमें पुरुषों को दबदबा था। हालांकि, इसकी पुरुष प्रधान दुनिया में अपनी जगह बनाते हुए सफल होने के लिए उनके दृढ़ निश्चय ने उन्हें मार्शल आर्ट्स के सबसे बड़े सितारों में से एक बना दिया।
थाइलैंड की 22 वर्षीय युवा एथलीट ने बेहतरीन शुरुआत के साथ दो-स्पोर्ट ONE Super Series वर्ल्ड चैंपियन बनकर इतिहास बना दिया। अब वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में एक बार फिर टाइटल जीतने के लिए आगे बढ़ रही हैं।
अगले शुक्रवार, 28 फरवरी को सिंगापुर में ONE: KING OF THE JUNGLE में जेनेट “JT” टॉड के खिलाफ वो अपने ONE एटमवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल का बचाव करने की तैयारियों में जुटी हैं। स्टैम्प ने जाहिर किया कि किस तरह वो प्रभावशाली एथलीटों को पछाड़कर, पक्षपात पूर्ण रवैये से उबरकर और शीर्ष पर पहुंचने के संघर्ष से गुजरने के बाद यहां तक पहुंची हैं।
मॉय थाई परिवार की एक साधारण लड़की
मॉय थाई फैमिली की एक साधारण सी लड़की स्टैम्प की जर्नी रेयॉन्ग से शुरू होती है, जो थाइलैंड की खाड़ी के उत्तर-पूर्वी तट पर एक राज्य है। ये अपने खूबसूरत पार्कों और समुद्री तटों के लिए प्रसिद्ध है।
स्टैम्प कहती हैं, “रेयॉन्ग बड़ा शहर होने के साथ छुट्टियां मनाने के लिए बेहतरीन जगह है।”
“वहां पर स्थानीय लोग खेती के जरिए अपना जीवन यापन करते हैं। मेरे परिवार के पास रबर, ड्यूरियन और रैम्बूटन के खेत हैं।”
उनका परिवार भले ही फॉर्मिंग इंडस्ट्री के साथ एक आदर्श जीवन जी रहा हो लेकिन वे स्थानीय मॉय थाई परिदृश्य से मजबूती से जुड़े हुए थे।
उनके पिता एक प्रतिभाशाली मॉय थाई प्रैक्टिशनर थे। उनके चाचा ने छोटा सा जिम खोल रखा था, ताकि वहां परिवार के लोग ट्रेनिंग लेकर अपनी मॉय थाई स्किल्स को बरकरार रख सकें।
वो बताती हैं, “मेरे अंकल ने Kiat Boon Kern नाम से एक ट्रेनिंग कैंप चलाया। ये हमारी फैमिली के लिए एक ट्रेनिंग कैंप की तरह था, जहां हमारे रिलेटिव्स ट्रेनिंग के लिए आया करते थे।”
“मेरे पिता नी स्ट्राइक के लिए जाने जाते थे और मुझे उन्हें ऐसा करते हुए देखकर बहुत अच्छा लगता था।”
हालांकि, दो खेलों की वर्ल्ड चैंपियन के परिवार के सदस्यों में से कई ने “आठ अंगों की कला” की ट्रेनिंग भी ली थी लेकिन उन्हें तब भी इस खेल में नहीं शामिल किया गया था। इसकी बजाय उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई और खेती के प्रति अपने कर्तव्यों पर ध्यान केंद्रित किया।
स्टैम्प बताती हैं, “मैं एक साधारण सी लड़की थी, जो अपने माता-पिता की फल के खेतों में मदद करती थी। मेरा दाखिला वहां के एक बड़े स्कूल में हुआ था। मुझे फिजिकल एजुकेशन और म्यूजिक क्लासेज पसंद थीं।”
साधारण से असाधारण तक
जल्द ही थाई एथलीट के सामान्य जीवन में एक बड़ा बदलाव आया और उन्होंने महसूस किया उनका राष्ट्रीय खेल मार्शल आर्ट्स सीखना जरूरी है।
प्रारंभिक शिक्षा के दौरान उन्होंने इसका चयन किया था क्योंकि उनके क्लास के कुछ साथी उनका मजाक उड़ाते और उन्हें परेशान करते थे।
क्लासमेट्स के इस व्यवहार से तंग आकर वो आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए प्रेरित हुईं।
वो बताती हैं, “मुझे हर वक्त धमकाया जाता था। मैं हमेशा स्कूल से घर वापस चोट के साथ ही पहुंचती थी।”
“क्योंकि मेरे परिवार के पास ट्रेनिंग कैंप था इसलिए मैंने सोचा कि मैं उनसे लड़ने के लिए इसे सीख सकती हूं।”
हालांकि, सबसे पहले उनकी मां अपनी छोटी बेटी को इसका प्रशिक्षण लेने की अनुमति देने में संकोच कर रही थीं। वो नहीं चाहती थीं कि उनकी बेटी को चोट लगे। फिर भी वो जल्द ही मान गईं और उन्हें अपना पूरा समर्थन दिया।
एक बार जब स्टैम्प फेयरटेक्स ने मॉय थाई सीखना शुरू कर दिया, तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका झुकाव भी इस कला की तरफ वैसे ही बढ़ गया, जैसा उनके परिवार के लोगों का था।
वो कहती हैं, “मैं हर सुबह 5 बजे उठकर दौड़ने जाती थी। फिर करीब सात बजे वापस आकर तैयार होती थी और स्कूल निकल जाती थी। हालांकि, सुबह की एक्टिविटिज का हिस्सा बनने में मुझे हमेशा बहुत देर हो जाती थी। ”
स्टैम्प को पांच साल की उम्र में पहली बाउट के लिए बुक किया गया। हालांकि, उन्हें उस मैच के परिणाम के अलावा ज्यादा कुछ ठीक तरह से याद नहीं है।
वो कहती हैं, “मैं पहले राउंड में नॉकआउट से जीती हूं। घंटी बजी और मैंने अपने विरोधी पर घुटने से हमला कर दिया और बस मैं जीत गई।”
एक बदलाव लाईं
स्टैम्प ने बचपन में बहुत प्रतिभा दिखाई। उन्होंने Buffalo Girls डॉक्यूमेंट्री स्टार के रूप में उभरकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोगों की अटेंशन हासिल की। उन्हें, और उनके जैसी लड़कियों, थाई मार्शल आर्ट्स कम्युनिटी में अपनी जगह बनाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा था।
वो कहती हैं, “जब छोटी थी, तब मैं अपने गांव के मॉय थाई जिम में अकेली महिला फाइटर थी।”
“उस वक्त लोगों की सोच प्रतिस्पर्धा करने वाली लड़कियों को लेकर ज्यादा खुली नहीं थी। उन्हें डर लगता था कि हम बुरी तरह से चोटिल हो सकते हैं। उन्हें लगता था कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में शारीरिक रूप से कमजोर होती हैं। फिर भी मेरे माता-पिता ने मेरे सपनों का समर्थन किया और मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया।”
स्टैम्प ने दर्जनों बाउट्स के अलावा नॉर्थ-ईस्टर्न थाइलैंड चैंपियनशिप जीतने के साथ-साथ लोगों के मन में अपने प्रति विश्वास जगाया। उनकी सफलता ने लोगों को बेहद प्रभावित किया। वो जब तक किशोरावस्था के आखिर तक पहुंचीं, तब तक लड़कियों के प्रति लोगों का दृष्टिकोण बदल चुका था। उन्हें पटाया में Fairtex टीम का हिस्सा बनाने के लिए हाथोंहाथ लिया गया।
इस बड़े बैनर की बदौलत वो ONE में शामिल हुईं। वहां उन्होंने “किलर बी” चुआंग काई टिंग को ONE एटमवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए पराजित करते हुए अपना शानदार डेब्यू कर इतिहास रच दिया। उसके बाद उन्होंने जेनेट “JT” टॉड को ONE एटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल में हरा दिया। इस तरह वो मार्शल आर्ट्स के पुरुष और महिला वर्ग की सबसे बड़ी स्टार बन गईं।
इसके अलावा, 22 वर्षीय एथलीट को मिक्सड मार्शल आर्ट्स की स्किल्स को विकसित करने का भी मौका मिल गया और इसमें उनका रिकॉर्ड 4-0 है। अब वो तीसरे खेल में एक और बेल्ट हासिल करने की फिराक में हैं।
अब जब स्टैम्प दुनिया की सबसे अच्छी एथलीट बन गई हैं तो वो महिलाओं को प्रेरित करती रहती हैं और दुनियाभर के लोगों को दिखाती हैं कि महिलाएं क्या कुछ करने में सक्षम हैं।
वो कहती हैं, “इन दिनों बहुत सारी महिला एथलीट ने अपनी पहचान बनाई है। अब इस खेल में महिला एथलीटों का होना सामान्य सी बात है।”
“मैं चाहती हूं कि दुनिया ये देखे कि थाई महिला एथलीट सिर्फ सुंदरता की मूरत ही नहीं बल्कि बेहतरीन एथलीट भी हैं।”
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