क्यों शरीफ मोहम्मद मिस्र में मार्शल आर्ट्स के सबसे बड़े दिग्गज हैं
शरीफ “द शार्क” मोहम्मद एक मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट के रूप में सफल होने की अपनी खोज से कभी भी नहीं भटके हैं।
वो एक ऐसे देश से आते हैं, जहां पर ये स्पोर्ट अब भी अपनी शुरुआती अवस्था में है। उन्हें अपनी पहली बाउट में ही तगड़े झटके का सामना करना पड़ा था। 37 वर्षीय मिस्र के कायरो (काहिरा) के एथलीट घरेलू स्तर पर शीर्ष पर पहुंचे और वहां से उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी सफलता का झंडा गाड़ दिया।
ONE: KING OF THE JUNGLE में वो अपने करियर की सबसे बड़ी बाउट योशिहीरो “सेक्सी यामा” अकियामा के खिलाफ करने जा रहे हैं। “द शार्क” बताते हैं कि कैसे अपने देश के एथलीटों के लिए एक मानक तय करने को उन्होंने कठिन परिश्रम किया है।
चुनौती की स्वीकार
मोहम्मद अपने पिता, माता और बड़े भाई, जो पूर्व ONE हीरो महमूद “एल डीप” मोहम्मद के साथ बड़े हुए हैं।
उनके पेरेंट्स – खासकर कि पिता, जो एक सरकारी अधिकारी थे – बहुत सख्त थे। उनके भाई को पढ़ाई में दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन “द शार्क” हमेशा अपनी पढ़ाई पर ही फोकस करते रहे।
उनका कहना है, “मैंने अपनी पढ़ाई पूरी की और बिजनेस स्कूल से ग्रेजुएशन किया।”
हालांकि, एक युवा के रूप में उन्होंने ब्रूस ली को देखा था इसलिए मोहम्मद की मार्शल आर्ट्स में हमेशा दिलचस्पी रही थी। उन्होंने खुद को परखने की कई बार इच्छा भी जताई थी।
युवावस्था में उनको ग्रैपलिंग की अच्छी समझ थी। उन्होंने अपने भाई के साथ देश के प्रमुख जिम Egyptian Top Team में पिछले दशक की शुरुआत में ट्रेनिंग लेनी शुरू कर दी थी।
37 वर्षीय एथलीट याद करते हुए बताते हैं, “मेरे पास पहले से ही रेसलिंग का बैकग्राउंड था इसलिए एक दिन मैंने खुद को जांचने के लिए इस नए खेल में उतरने का फैसला किया। इस तरह से मेरा मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स करियर शुरू हो गया।”
“मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में जाने की प्रेरणा मेरे लिए एक चैलेंज लेने के रूप में हुई। मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स कोई आसान खेल नहीं है। इसके लिए एक सच्चे फाइटर वाले जिगर की जरूरत होती है और मुझे भरोसा था कि वो जिगर मेरे पास है।”
पहली बाधा
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की कुछ महीनों की ट्रेनिंग के बाद ही कायरो के एथलीट ने खुद को परखने के लिए अपनी पहली प्रोफेशनल बाउट की तैयारी कर ली थी।
2012 में मिस्र में ये खेल अपने शुरुआती चरण में था इसलिए मोहम्मद कहते हैं कि खुद को परखने के लिए उन्हें शुरुआत करने की बस एक ही जगह दिख रही थी, वो थी Egyptian Fighting Championship, इसने पिछले साल ही प्रोफेशनल इवेंट्स की शुरुआत की है।
उनको अपनी ग्रैपलिंग क्षमता पर भरपूर विश्वास था लेकिन उनकी बाकी स्किल्स और कंडिशनिंग ने उन्हें निराश कर दिया। उन्हें दूसरे राउंड में तकनीकी नॉकआउट (TKO) के माध्यम से हार का मुंह देखना पड़ा।
वो कहते हैं, “मैंने रेसलिंग का इस्तेमाल किया लेकिन तब भी ये पर्याप्त नहीं था।”
“मुझे अपना डेब्यू अच्छी तरह से याद है। ये थोड़ा कठिन था क्योंकि मुझे 15 मिनट तक बाउट करने की आदत नहीं थी। मैच के दौरान लगा कि मेरी सबसे बड़ी कमजोरी कार्डियो है।”
मोहम्मद निराश जरूर थे लेकिन उन्होंने खुद को हतोत्साहित नहीं होने दिया। वो तुरंत अपने कोचों के साथ एक नए और बेहतर एथलीट बनने की तैयारियों में लग गए।
वो आगे कहते हैं, “हार का कोई मतलब नहीं है। मैंने जब अपनी पहली ही बाउट गवां दी तो मैं दो दिन बाद वापस जिम गया। मुझे वहां जिस चीज पर मेहनत करने की जरूरत लगी, मैंने वो सब किया।”
“द शार्क” ने की वापसी
2014 में मोहम्मद एक्शन में वापस लौटे थे लेकिन इससे पहले दो साल तक उन्होंने दृढ़ संकल्प और अनुशासन की मदद से खुद को बिल्कुल अलग तरह का एथलीट बनाया।
इस बार उन्होंने पिछली बार की स्क्रिप्ट को पूरी तरह पलटते हुए शुरुआती दौर में ही अपने प्रतिद्वंदी को नॉकआउट कर दिया।
मिस्र के एथलीट कहते हैं, “अपना पहला मैच जीतना वास्तव में मेरे लिए खास पल था और मैं बहुत खुश था।”
वो सिर्फ उनकी शुरुआत थी। इसके बाद वो पहले की तरह जिम में और अधिक कठिन ट्रेनिंग करने में लग गए। उन्होंने ये भी सुनिश्चित किया कि वो अपनी सफलता को दोहरा सकें। मई की शुरुआत में उन्होंने एक रात में हुए दो मैचों में तकनीकी नॉकआउट से जीत दर्ज कीं।
जून में उनका मैच तीसरे राउंड तक गया। तब उनका कार्डियो बिल्कुल सही था और उन्होंने एक और नॉकआउट स्कोर किया। उन्हें EFC टाइटल के लिए मैच मिला। उन्होंने अपने विरोधी को एनाकोंडा चोक की मदद से दो मिनट से भी कम समय में सबमिट करवा दिया और चैंपियन का ताज अपने सिर पहना।
“द शार्क” फिर से सबमिशन के जरिए तीन बाउट्स जीतने में कामयाब हुए। हालांकि, 2015 में उन्होंने अपनी सफलता को देखते हुए The Shark Gym खोला और कुछ दिन के लिए अपने करियर को होल्ड पर रख दिया। उनको भरोसा था कि वो जब रिटायर होंगे तब ये जिम उनके जीने का सहारा बनेगा।
मोहम्मद ने अपना ज्यादातर वक्त ट्रेनिंग और नए ट्रेनिंग सेंटर को बनाने में लगाया। इस दौरान उन्हें अपने जीवन के अन्य क्षेत्रों से दूर होना पड़ा। हालांकि, उन्होंने जो कुछ हासिल किया और इस खेल को आगे बढ़ाने के लिए जो कुछ भी किया है, उससे वो खुश हैं।
वो कहते हैं, “चाहे कुछ भी होता, मैं कोई दूसरा रास्ता नहीं चुनता।”
“मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स का मिस्र में बहुत ज्यादा इतिहास नहीं है। मेरा मानना है कि ये 2010 में शुरू हुआ था और हम अब भी आगे बढ़ रहे हैं। ”
नया अध्याय
एक्शन से दो साल दूर रहने के बाद ONE Championship ने उनकी खोज की थी। वो ये जानते थे कि मिस्र में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के प्रति जागरूकता फैलाने का उनके पास ये सबसे अच्छा मौका है इसलिए उन्होंने प्रस्ताव को तुरंत स्वीकार कर लिया।
वो कहते हैं, “ये कुछ खास था। मुझे पता था कि वहां बेहतर एथलीट थे और ONE Championship के सबसे बड़े नाम थे, जिन पर मेरी नज़रें अटकी हुई थीं।”
“मेरे लिए ये एक बड़ा प्रोमोशन है, जिसमें कई शीर्ष एथलीट हैं। मुझे पता था कि ये मेरे लिए सच में एक बड़ी चुनौती होने वाला है।
“द शार्क” दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में अब अपनी तीसरी बाउट करने को तैयार हैं। वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के आइकन अकियामा के खिलाफ करियर की सबसे बड़ी जीत हासिल करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
ऐसा करने के पीछे उनका मकसद ये है कि ताकि वो दुनिया को दिखा सकें कि उनके देश के एथलीट क्या करने में सक्षम हैं। उनका ये कदम मिस्र के एथलीटों को उनके नक्श-ए-कदम पर चलने के लिए प्रेरित करेगा।
उन्होंने कहा, “मेरे साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फाइट करने वाले सभी मिस्र के एथलीट हमेशा एक अच्छा संदेश देने की ही कोशिश करते हैं।”
“हम ये दिखाना चाहते हैं कि मिस्र में उच्च गुणवत्ता वाले एथलीट हैं।”
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