कैसे मुश्किलों में भी खुद को मजबूत बनाकर अच्छी मार्शल आर्टिस्ट बनीं वू चाओ चेन
“मिस रेड” वू चाओ चेन आपको मार्शल आर्ट्स के ऊंचे स्तर पर बाउट करने वाली कुछ संभावित एथलीटों में से एक नजर आ सकती हैं। इस स्पोर्ट में अपनी सफलता को लेकर दृढ़ संकल्पित होने की वजह से वो ONE: KING OF THE JUNGLE में सबसे खतरनाक प्रतिद्वंदी ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट का सामना करने वाली हैं।
चीनी एथलीट ने अपने जीवन की शुरुआत एक शर्मीली और उदास लड़की के रूप में की थी लेकिन वो जब मार्शल आर्ट्स की खोज में बाहर आईं तो उनके जुनून ने उन्हें ग्लोबल स्टेज तक का सफर करवा दिया।
सिंगापुर में अपने डेब्यू से पहले iFighting Martial Fitness प्रतिनिधि ने ONE Championship के लिए बड़ी मुश्किलों से अपना रास्ता बनाया है।
अलग-थलग पड़ीं
वू का जन्म और पालन पोषण चीनी ताइपे के काउशुंग में हुआ था। वो कहती थीं कि उनके पिता आर्म्ड फोर्स में थे और मां सिविल सर्वेंट के रूप में काम करती थीं।
वो जब छोटी थीं, तभी उनके माता-पिता का तलाक हो गया था लेकिन “मिस रेड” ने उन अनुभवों से भी बहुत सी सकारात्मकता चीजें सीखीं।
वो कहती हैं, “वैसे, एक तरफ मुझे लगता है कि ये बहुत अच्छा हुआ कि दोनों ने तलाक ले लिया था। अगर दोनों एक-दूसरे के साथ रह नहीं सकते थे या अगर वे एक-दूसरे को समझ नहीं सकते थे तो एकसाथ रहकर क्यों परेशान होते थे?”
“दूसरी ओर मेरा पालन-पोषण दादा-दादी ने किया था इसलिए मैंने सीखा कि कैसे स्वतंत्र रहना है और खुद की जिम्मेदारी लेनी है।”
वू जब बच्चे के रूप में खुद को बुली (तंग) की जाने की बात कहती हैं तो भी उनका हमेशा सकारात्मक और उज्ज्वल पक्ष ही दिखता है। हालांकि, वो समय उनके लिए बहुत दर्दनाक रहा होगा। वो गर्व महसूस करती हैं कि उन्हें अतीत को अपनी युवावस्था में मिला लिया था।
वो बताती है, “मैं जब छोटी थी, तो मुझे टीवी देखना बिल्कुल पसंद नहीं था। मैं तब पियानो सीखती थी। इस वजह से ज्यादातर क्लासमेट्स के साथ मेरी बनती नहीं थी।”
“मैं हमेशा अलग-थलग रहती थी। दूसरी तरफ मैं जैसे-जैसे बड़ी हो रही थी, वैसे-वैसे हेल्दी होती जा रही थी। इसने मुझे मजबूत बनाने में मदद की। ये दिखाता है कि मैं पीछे नहीं हट रही थी क्योंकि इसने मेरा हौसला बनाए रखने में मदद की।”
एक अद्भुत हथियार
वू मानती हैं कि वो जब एक बच्ची थीं, तब उन्होंने बहुत सारे खेलों में हिस्सा नहीं लिया था। लेकिन चीजें तब बदल गईं, जब वो बड़ी होने लगीं।
सबसे पहले वो सिर्फ अपने शरीर को अच्छे शेप में रखना चाहती थीं लेकिन इस दौरान उन्होंने एक ऐसी चीज की खोज की, जिसने उन्हें सच में उसके प्रति जुनूनी बना दिया।
वो कहती हैं, “मैं जिम में थी। वहां बहुत सारी फ्री मार्शल आर्ट्स क्लासेज – बॉक्सिंग, सांडा, जिउ-जित्सू – चल रही थीं और मैंने पाया कि मैं वहां खूब एंजॉय कर रही थी।”
कई तरह के डिसिप्लिंस की प्रैक्टिस करने के बाद वो शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हो गईं। इसने जीवन के सभी पहलुओं पर उनकी भरपूर मदद की।
उन्होंने बताया, “मैं जब अपने जीवन में किसी बुरे वक्त से गुजरती हूं तो मैं आसानी से हार नहीं मानती। मैं उसे पूरा करने की कोशिश करती हूं।”
“अपने पुराने बुरे वक्त को अगर मैं अब भी बनाकर रखती तो उस वक्त मैं मार्शल आर्ट्स के साथ कभी जुड़ नहीं पाती। हालांकि, अब मेरे पास ये अमेजिंग हथियार – मार्शल आर्ट्स – है। ये मुझे किसी भी मुश्किल से निकालने और मजबूत बनाने में मदद कर सकता है।
सब कुछ एक साथ रखना
वो जैसे-जैसे अपनी ट्रेनिंग में आगे बढ़ती गईं, “मिस रेड” ने अपने द्वारा सीखी गईं हर चीज को संयोजित करना चाहा। उन्हें जब महसूस हुआ कि ये एक ऐसा स्पोर्ट है, जो उन्हें हर चीज की अनुमति देता है तो वो बेहद खुश हो गईं।
वो कहती हैं, “शुरुआत में मैं जिम में सिर्फ सांडा और जिउ-जित्सु ही सीख रही थी। मुझे लगता था कि अगर हम सबको एक साथ मिला सकें तो ये ज्यादा बेहतर होगा। फिर वहां मेरा पाला मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स से पड़ा।”
“मुझे लगा कि ये बहुत फायदेमंद है क्योंकि इसमें आप अपने हथियारों को आसानी से स्विच और एक्सचेंज कर सकते हैं। हालांकि, शुरुआत में ये बिल्कुल भी आसान नहीं था। चूंकि, मेरा दिल इसी के लिए बना था इसलिए मुझे पता था कि मैं इसे कर सकती हूं।
“मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स ने मेरे जीवन को संपूर्ण बनाया। इससे पहले मैं बहुत ही सामान्य सी लड़की थी। मैं काम पर जाती थी, काम से छुट्टी मिलती थी तो घर आती थी और सो जाती थी। बस पूरे दिन मैं यही करती रहती थी। ऐसा लगा कि मेरे जीवन में कोई लक्ष्य ही नहीं है। पर अब मेरे पास मार्शल आर्ट्स है, जो मुझे वास्तव में बहुत पसंद है।
“यही वजह है कि मैं इसे जारी रखना चाहती हूं। मुझे लगता है कि मैं अब अपना असली जीवन जी रही हूं। ”
वू का उत्साह उनकी सफलता से मेल खाता था क्योंकि उन्होंने एक एमेच्योर के रूप में 8-0 का परफेक्ट रिकॉर्ड बनाया था। उन्होंने चीनी ताइपे किकबॉक्सिंग और सांडा टाइटल्स जीतकर दिखा दिया था, उनके पास सभी एरिया की स्किल्स मौजूद हैं। इसके अलावा उन्होंने JJIF Asian Jiu-Jitsu Championship में गोल्ड मेडल भी जीता था।
भविष्य
“मिस रेड” के लिए मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट के रूप में विकसित होना आसान नहीं था।
उन्हें अपनी नौकरी के बीच मिलने वाले खाली वक्त का भी त्याग करना पड़ा था। उन्होंने एक डेंटल असिस्टेंट, हॉस्पिटल नर्स और पियानो टीचर के रूप में नौकरी की थी। वो मानती हैं कि कभी-कभी दिन में वो सो जाती थी क्योंकि वो ट्रेनिंग से बहुत ज्यादा थक चुकी होती थीं।
फिर भी जब दिन पूरा हो जाता था तो हमेशा वो खुद को ऊर्जावान और तरोताजा महसूस करती थीं क्योंकि वो ट्रेन का इंतजार नहीं कर सकती थीं।
वो कहती हैं, “मुझे लगता है कि जब आप कुछ भी कोशिश करते हैं तो आपको एक त्याग करना पड़ता है। चलिए त्याग शब्द का इस्तेमाल नहीं करते हैं क्योंकि जब आप ट्रेनिंग करने की कोशिश करती हैं तो आपके पास शॉपिंग करने और खूबसूरत दिखने का समय नहीं होता है।”
“अगर एक चैंपियन बनना आसाना था तो ऐसा कुछ नहीं होगा, जिस पर मुझे गर्व करना चाहिए। हालांकि, इस तरह की मानसिकता हमें नहीं रखनी चाहिए। ये बहुत स्वाभाविक बात है कि आपको कुछ सेक्रिफाइज करने की जरूरत होती है। या जिस तरह से मैं कहती हूं आप वो भी इसे कह सकते हैं आम कोशिश।”
कड़ी मेहनत और शुरुआती तीन प्रोफेशनल बाउट्स में बेहतरीन जीत के बाद उन्हें The Home Of Martial Arts में बाउट करने के लिए अनुबंधित दिया गया था। वो ये दिखाने का इंतजार नहीं कर सकती थीं कि ग्लोबल स्टेज पर क्या करने में सक्षम हैं।
वो कहती हैं, “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि परिणाम क्या होगा। मैं सबसे बेहतर प्रदर्शन देने की कोशिश करूंगी।”
“मैं एक विनम्र इंसान हूं। मैं लोगों को दिखाना चाहती हूं कि सफलता या प्रतिभा न केवल आपको अहंकारी बना सकती है बल्कि ये आपको विनम्र और दयालु भी बना सकती है। सफलता का मकसद वाइल्ड होना नहीं है। आप सफलता के बावजूद धरती पर कदम रखकर चल सकते हैं और अपना एक अच्छा व्यक्तित्व बना सकते हैं। मैं सिर्फ आपमें से ही एक हूं।
“ONE में हरेक फाइटर मजबूत है और उनके पास बहुत सारा अनुभव भी है। मुझे लगता है कि मैं अपने करियर में कभी कोई पछतावा नहीं करूंगी। मैं खुद को भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे ONE Championship में बाउट करने का मौका मिला।”
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