यून चांग मिन ‘बिग हार्ट’ ने अपने स्टारडम को दी ऊंचाई
ONE Championship में “द बिग हार्ट” यून चांग मिन के पहले दो मुकाबलों ने उन्हें बड़े दक्षिण कोरियाई मिक्सड मार्शल आर्ट सितारे के रूप में उभारा है। टीम एमएडी प्रतिनिधि ने अब तक बिना कोई गलती किए दो पहले राउंड की जीत दर्ज की है। अब उनके पास ONE: CENTURY PART I में एक और बड़ी छलांग लगाने का मौका है।
13 अक्टूबर को 25 वर्षीय म्यांमार नॉकआउट कलाकार फेदरवेट मैच में फो “बुशिडो” थाव का सामना करेंगे। अगर वो इतिहास के सबसे बड़ी मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में जीत हासिल कर लेते हैं तो वो अपने डिविजन के ऊपरी पायदान में पहुंचना सुनिश्चित कर लेंगे।
उनका प्रतिद्वंद्वी खतरनाक और अधिक अनुभवी हो सकता है लेकिन जैसा कि वह खुलासा करता हैं कि उन्होंने अपने जीवन में बाधाओं के खिलाफ सफल होने का दृढ़ संकल्प विकसित किया है। इसलिए उन्हें उम्मीद है कि यह उन्हें टोक्यो, जापान में जीवन बदलने वाली जीत दिलाने में मदद करेगा।
अपने जुनून की तलाश
यूून का जन्म और पालन-पोषण दक्षिणी पोर्ट शहर बुसान में उसके माता-पिता और बड़ी बहन के साथ हुआ था। वह बताते हैं कि मैं बचपन में शर्मीला था जिसका फायदा बड़े बच्चे उठाते थे। वे मुझसे रूखे अंदाज में बात करते और परेशान करते थे। इसलिए मुझमें मजबूत बनने की इच्छा पैदा हुई।”
इन परिस्थियों ने मुझे मार्शल आर्ट्स के माध्यम से खुद को बेहतर बनाने के लिए प्रेरित किया। टीवी में एथलीटों को लड़ते हुए देखकर उसे प्रेरणा मिली। इनमें से उन्हें एक रूसी हैवीवेट ने ज्यादा प्रभावित किया। उन्हाेंने बताया कि फेडर एमेलियानेंको ने मुझे मंत्रमुग्ध कर दिया। वह दूसरों की तुलना में अलग थे। मैचों के दौरान शांत रहने की शैली वास्तव में प्रभावशाली थी। इसलिए मैं एक दिन उसके जैसा बनना चाहता था।”
जब वो हाई स्कूल में थे तब मार्शल आर्ट्स में यून की बढ़ती रुचि ने उन्हें अपने गृह नगर में एक डोज की तलाश करने के लिए उकसाया। किकबॉक्सिंग और शौकिया मुक्केबाजी में प्रशिक्षित होने के बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
बिग हर्ट
21 वर्ष की आयु में यून को दो साल की अनिवार्य सैन्य सेवा के लिए सेना में शामिल किया गया। इस दौरान उन्हें ये पता चल गया कि मार्शल आर्ट ही उनके करियर की ताकत होगी। उन्हें वो दिन याद है जब करीब 180 सैनिकों ने 3 किलोमीटर की दौड़ में हिस्सा लिया और जीतने वाले आठ दिनों की छुट्टी का पुरस्कार मिला।
यून कहते हैं कि “मैंने भी इस प्रतियोगिता में पागलों की तरह दौड़ लगाई क्योंकि मैं दूसरे स्थान पर नहीं आना चाहता था। मैंने पहला स्थान पाया और आठ दिन की छुट्टी का पुरस्कार जीता। हालांकि इस दौड़ के बाद मैं गिर गया और 15 मिनट तक नहीं उठ सका। क्योंकि दौड़ के दौरान मेरी सांसें थम गई थी।”
इस जीत ने यह साबित कर दिया कि उनके अंदर सफल होने की इच्छा प्रबल के साथ प्राकृतिक एथलेटिक के रूप में मिला एक उपहार है। “द बिग हार्ट” ने मिलिट्री में सेवा देने के बाद खुद को एक मार्शल कलाकार के रूप में साबित करने के लिए प्रशिक्षण शुरू किया।
कगार पर धकेला
प्रशिक्षण में गहरी चोट लगने के कारण शुरू होने से पहले ही यून का करियर करीब-करीब खत्म हो गया था। एक नियमित मुक्केबाजी अभ्यास सत्र के दौरान उनकी आंख से सम्बंधित हड्डी फ्रेक्चर हो गई। यून कहते हैं कि ” जब मुझे गर्ने में सर्जरी कक्ष में देखकर मेरी बहन रो रही थी। उन्होंने मुझसे पूछा भी क्या यह वही है जो वो चाहते हैं।
यून मानते हैं कि उनकी बहन ने उन्हें कोई दूसरा काम तलाशने की भी सलाह दी। क्योंकि वो कोई मुकाबला नहीं लड़ सकते थे जिससे पैसा कमाया जा सके लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। वे कहते हैं कि “गरीबी के साथ-साथ घायल होना मेरे लिए बहुत मुश्किलभरा था लेकिन इन बीती बातों ने मुझे प्रशिक्षण और प्रतिस्पर्धा करने की ताकत और धीरज दिया है।”
वो कहते हैं कि “मैं हमेशा चुनौतियों के लिए आभारी रहने की कोशिश करता हूं।” यून एक साल पहले कोरियाई राजधानी सियोल में मुख्य कोच यांग सुंग हून के नेतृत्व में टीम एमएडी में प्रशिक्षित होने के लिए चले गए। जिम ने कई एथलीट तैयार किए हैं जो अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शन कर चुके हैं। यून उनके नक्शेकदम पर चलने का मौका पाकर उत्साहित थे।
इंतजार का महत्व
“द बिग हार्ट” ने जापान में रियलिटी टीवी शो फाइटिंग एजेंट वॉर में जो जीत दर्ज की उसने The Home Of Martial Arts के मैचमेकर्स का ध्यान आकर्षित किया। वो मार्च में ONE: A NEW ERA के मंच पर सुर्खियों में आ गए। लगातार दो पहले राउंड की फिनिश देने के बावजूद उन्हाेंने एक पेशेवर की तरह कोई घबराहट नहीं दिखाई।
उन्हाेंने फिर आठ बार के भारतीय मय थाई राष्ट्रीय चैंपियन बाला “द तुलुनद वारियर” शेट्टी को अपने डेब्यू में हराया और इसके बाद जून में ट्रेस्टल “जून मिनियन” टैन को शानदार नॉकआउट से परास्त किया। इन सफलताओं ने 25 वर्षीय फेदरवेट को आत्मविश्वास से भर दिया। उन्हाेंने ONE में शिखर पर पहुंचने की महत्वाकांक्षाओं को और बल दिया।
हालांकि वो जानते हैं कि इस महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए उन्हें लम्बा रास्ता तय करना है। अगर रयोगोकु कोकुगिकन में एक बार पराजित फो थाव पर बड़ी जीत हासिल कर वो अपने डिविजन में और उभर कर सामने आएगा। वो कहते हैं कि “मैं तीसरी, चौथी जीत और आखिर में विश्व खिताब हासिल करने की आकांक्षा से प्रेरित हूं, लेकिन अभी मेरा पूरा ध्यान तीसरी जीत हासिल करने पर केंद्रित है।
उन्होंने कहा कि “यह आत्मसंतुष्ट होने का समय नहीं है। मुझे जीत के लिए अपना जुनून बनाए रखना है। मैं उस खिलाड़ी का सामना करने को लेकर रोमांचित हुई जिससे मैं वास्तव में लड़ना चाहता था। जापान में मुकाबले को लेकर मैंने कुछ मान्यता बनाई है जो मुझे खुश कर सके।”
टोक्यो | 13 अक्टूबर | ONE: CENTURY | टीवी: वैश्विक प्रसारण के लिए स्थानीय सूची का अवलोकन करें| टिकट: https://onechampionship.zaiko.io/e/onecentury
ONE: CENTURY