वर्ल्ड चैंपियन एड्रियानो मोरेस के बचपन का जुनून जो आज भी उनके जीवन का अहम हिस्सा है
ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन एड्रियानो मोरेस पूरे सप्ताह कड़ी ट्रेंनिंग करते हैं। इसके बाद उन्हें स्केटबोर्ड पर नए तरह के करतब दिखाने का इंतजार रहता है क्योंकि उनके लिए रिलैक्स करने का इससे बेहतर कोई दूसरा तरीका हो नहीं हो सकता।
मोरेस शनिवार, 26 मार्च को ONE X में अपनी बेल्ट को युया वाकामत्सु के खिलाफ डिफेंड करने की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में लंबे समय से स्केटिंग कर रहे स्टार अपने व्यस्त शेड्यूल से समय निकाल ही लेते हैं।
“मिकीन्यो” ने इस खेल के प्रति अपने जुनून को बचपन में ब्राजील की गलियों में खोज निकाला था, जिसके जरिए उन्हें अपने दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करने का नया तरीका मिला था।
32 साल के MMA स्टार पिछले 20 साल से स्केटिंग करते आ रहे हैं और अब भी इस खेल के प्रति उनका जोश और जुनून जरा भी कम नहीं हुआ है।
मोरेस ने ONE Championship को बताया:
“मैंने स्केटबोर्डिंग काफी कम उम्र से ही शुरू कर दी थी, तब मैं 12 साल का था। मेरे क्षेत्र ब्राजीलिया में काफी सारे लोग स्केट करते थे और तभी मैंने भी स्केट करना शुरू कर दिया था। उस समय हम स्केट, कापोएरा और गलियों में लड़ाई-झगड़ा (हंसते हुए) किया करते थे। उस समय हम सभी चीजें स्केटबोर्डिंग के साथ किया करते थे, जिसमें स्केटबोर्ड से स्कूल और ट्रेनिंग पर जाना शामिल था। किशोरावस्था में स्केटबोर्डिंग मेरे जीवन के हिस्से के जैसा था।
“वहां पर वास्तव में काफी अच्छे लोग थे। मुझे अपने दोस्तों के साथ सड़कों पर समय बिताना अच्छा लगता था और फिर हम लोग स्केटबोर्डिंग के स्ट्रीट कल्चर में शामिल हो गए। मुझे हमेशा से (ब्राजीलियाई) रैप, हिप-हॉप, रेगे और रॉक पसंद है और इन सबका नाता स्केटबोर्डिंग कल्चर से जुड़ा था। ये कुछ ऐसी चीजें थीं, जो मुझे हमेशा से पसंद थीं।”
कई सारे लोगों की बचपन और किशोरावस्था वाली आदतें धीरे-धीरे चली जाती हैं, लेकिन स्केटबोर्डिंग मोरेस के साथ बनी रही। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि इससे उन्हें वैसी ही खुशी और सुकून मिलता है, जो उन्हें अपने पुराने दिनों में मिला करता था।
ये कॉम्बैट स्पोर्ट्स की तरह तो नहीं है, जो कि शुरुआत से ही उनके साथ रहा है, लेकिन इससे उन्हें जिम के बाहर मिलनसार बनने और रिलैक्स करने में मदद जरूर मिलती है।
“मुझे अपना MMA करियर बनाने में काफी सारा समय देना पड़ा। हालांकि, हर रविवार को मैं स्केट पार्क जाता हूं या फिर जब मैं जिम जाता हूं तो स्केट बोर्ड पर राइड करते हुए जाता हूं क्योंकि ऐसा करना मुझे पसंद है। कई बार मैं जिम से ऐसे दोस्तों के साथ मिलने-जुलने के लिए निकलता हूं, जिन्हें मेरी तरह ही स्केट करना अच्छा लगता है। ऐसे में सभी लोग आमतौर पर वीकेंड पर स्ट्रीट पार्क जाया करते हैं।
“ये (MMA की तुलना में) थोड़ा कम जोशीला खेल है। इसमें जो जोश है, वो रोमांच से भरा है। आप कॉन्क्रीट से बनी सड़कों पर सर्फिंग करते हैं और इस दौरान काफी सारे करतब दिखा पाते हैं। ऐसे में आप और आपका स्केटबोर्ड बिल्कुल एक तरह से ही काम करते हैं जैसे कि दोनों एक ही हैं। ये बहुत मजेदार होता है।”
एड्रियानो मोरेस ने अपने पसंदीदा खेल स्केटबोर्डिंग के बारे में बताया
क्या MMA में एड्रियानो मोरेस को स्केटबोर्डिंग से कोई मदद मिली?
साल 2013 में प्रोमोशन जॉइन करने के बाद से एड्रियानो मोरेस ONE फ्लाइवेट MMA डिविजन में सबसे प्रभावशाली एथलीट रहे हैं और इस सफलता का कुछ श्रेय वो स्केटबोर्डिंग को भी देते हैं।
हालांकि, इसने उन्हें डिमिट्रियस जॉनसन को नॉकआउट करने या डैनी किंगड को सबमिट कराने के गुर तो नहीं सिखाए हैं, लेकिन “मिकीन्यो” को लगता है कि इससे उन्हें जो एथलेटिक चीजें मिली हैं, वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में अच्छी तरह से ट्रांसफर हो गई हैं।
उन्होंने कहा:
“स्केटबोर्डिंग से आपको संतुलन बनाए रखने में काफी मदद मिलती है। इससे आपको दोनों हाथ और पैरों को लगातार हिलाने-डुलाने (नियमित अंतराल पर) और उनकी दिशा बदलते रहने में मदद मिलती है। साथ ही कभी-कभार इसका उल्टा (नियमित अंतराल पर) भी करना पड़ता है। इससे आपको अपनी दोनों तरफ की क्षमता बढ़ाने में मदद मिलती है।”
“स्केटबोर्डिंग से मुझे काफी मदद मिलती है। ये मुझे मेरी स्किल्स को और बेहतर बनाने में सहायता करता है। साथ ही शांत रखने, धैर्य रखने में और ज्यादा नियंत्रित रखने में भी मदद करता है। इन सबमें सबसे ज्यादा जरूरी है कि ये मुझे बैलेंस बनाने में मदद करता है। अगर आज के समय में किसी MMA एथलीट के पास अच्छा बैलेंस नहीं है तो वो ज्यादा देर तक इस खेल में नहीं टिक पाएगा। ऐसे में स्केटबोर्डिंग ने मुझे इसमें मदद की है क्योंकि ये अपने आप में एक पूरा स्पोर्ट है।”
ब्राजीलिया के निवासी ने हमेशा से ही अपने MMA करियर में सबसे अच्छा एथलीट बनने का प्रयास किया है और इस दिशा में वो अविश्वसनीय तौर पर सफल भी रहे हैं। अपने शुरुआती दिनों में उनके मन में स्केटबोर्डिंग को लेकर MMA जैसी ही इच्छा थी, ऐसे में उन्होंने महसूस किया कि वो दोनों खेलों में शानदार स्तर हासिल कर सकते हैं।
इसी के चलते MMA उनका करियर और स्केटबोर्डिंग उनका शौक बन गया है। इन दोनों ने आगे चलकर उन्हें काफी पहचान दिलाई है।
इस दौरान मोरेस ने अपने दूसरे सबसे पसंदीदा खेल को फलते-फूलते देखने का आनंद लिया। यहां तक कि स्केटबोर्ड 2020 में ओलंपिक स्तर तक भी पहुंच गया है।
उन्होंने बताया:
“मेरे शहर और उसके आस-पास के क्षेत्रों में हमेशा ही कोई न कोई टूर्नामेंट चला करते रहते थे। मुझे उनमें हिस्सा लेना अच्छा लगता था। मैंने कुछ कॉम्पिटिशन भी जीते थे और मैं हमेशा एक पदक अपने नाम कर लेता था। ये मेरे जीवन का सबसे अच्छा दौर था, लेकिन ऐसा नहीं है कि मैं किसी तरह से स्केटबोर्डिंग का वर्ल्ड चैंपियन बन सकता हूं।
“इन दिनों इस खेल का स्तर काफी बढ़ चुका है। बाकी लोग काफी ज्यादा ट्रेनिंग कर रहे हैं, जो कि मेरे लिए करीब-करीब असंभव जैसा लगता है। हमें एक जगह ही ध्यान लगाना होता है, ताकि उसे हम अपनी पूरी क्षमता से पूरा कर सकें। दो ऐसे खेलों में चैंपियन बनने का कोई तरीका नहीं है, जो कि एक-दूसरे से काफी अलग हों।
“मैं MMA में अपने करियर से काफी खुश और संतुष्ट हूं। साथ ही मैं इसलिए भी बहुत खुश हूं कि स्केटबोर्डिंग को एक ओलंपिक खेल बनते देख रहा हूं, जो बहुत सुकून देने वाली बात है। ऐसा इसलिए भी कि समाज आज स्केटबोर्डिंग को एक अलग नजरिए से देखता है।”