5 मार्शल आर्ट्स जिनमें बेल्ट रैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं होता
अधिकतर पारंपरिक मार्शल आर्ट्स में बेल्ट्स को एक फाइटर के स्किल सेट का पता लगाने के लिए उपयोग किया जाता है, लेकिन कुछ मार्शल आर्ट्स में बेल्ट रैंकिंग सिस्टम का इस्तेमाल नहीं किया जाता है।
शनिवार, 10 जून को ONE Fight Night 11 के मेन इवेंट में जबरदस्त मॉय थाई एक्शन देखने को मिलेगा। उस इवेंट में 2-स्पोर्ट ONE वर्ल्ड चैंपियन रेगिअन इरसल को दिमित्री मेन्शिकोव के खिलाफ लाइटवेट मॉय थाई बेल्ट को डिफेंड करना होगा।
लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में स्ट्राइकिंग इवेंट के शुरू होने से पहले यहां जानिए उन मार्शल आर्ट्स के बारे में, जहां बेल्ट रैंकिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल नहीं किया जाता।
मॉय थाई
मॉय थाई थाईलैंड से आने वाला सबसे पुराना मार्शल आर्ट है, जिसकी शुरुआत 16वीं सदी में हुई थी।
ये खेल एक व्यक्ति को सम्मान और अखंडता के बारे में सिखाता है, लेकिन इसमें बेल्ट रैंकिंग प्रक्रिया नहीं होती, जिससे हर तरह के स्टूडेंट्स किसी भी स्टेज पर इस खेल की ट्रेनिंग कर सकते हैं।
मॉय थाई से जुड़े युवाओं के लिए थाईलैंड आकर PK Saenchai Muaythaigym में ONE फेदरवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन तवनचाई पीके साइन्चाई के साथ ट्रेनिंग करना कोई असामान्य काम नहीं है।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में बॉक्सिंग, किकबॉक्सिंग, BJJ और रेसलिंग समेत कई खेलों का मिश्रण होता है इसलिए इस खेल में बेल्ट रैंकिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल करना असंभव है।
कई एथलीट्स ने दूसरे खेलों में सफलता के बाद MMA में एंट्री ली है और इस खेल में दुनिया के बेस्ट फाइटर्स आमने-सामने आते रहे हैं। इन स्किल्स के मिश्रण के कारण ही ONE फ्लाइवेट वर्ल्ड चैंपियन डिमिट्रियस जॉनसन जैसे महान एथलीट्स उभर कर सामने आए हैं, जिन्होंने हाल ही में एड्रियानो मोरेस को रीमैच में हराया है।
किकबॉक्सिंग
किकबॉक्सिंग भी उन स्ट्राइकिंग आर्ट्स में से एक है, जिनमें बेल्ट रैंकिंग सिस्टम लागू नहीं होता। इसलिए इस खेल के सबसे महान एथलीट्स भी कभी ब्लैक बेल्ट हासिल नहीं कर पाएंगे।
मॉय थाई की तरह ये स्ट्राइकिंग आर्ट भी नई तकनीकों के जरिए आगे बढ़ता है। इसलिए कौन सा फाइटर कितना महान बनेगा, ये उनकी कड़ी मेहनत पर निर्भर करता है।
इरसल, जिन्हें 10 जून को अपने ONE लाइटवेट मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल को दूसरी बार डिफेंड करना होगा, मौजूदा ONE लाइटवेट किकबॉक्सिंग किंग भी हैं। वो सबसे बड़ा उदाहरण हैं कि किस तरह बिना बेल्ट रैंकिंग प्रक्रिया के खुद को सबसे महान एथलीट्स में से एक बनाया जा सकता है।
रेसलिंग
जैसे-जैसे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स को लोकप्रियता मिली है, वैसे-वैसे रेसलिंग का इसमें महत्व बढ़ता गया है और MMA में सम्मिलित अन्य मार्शल आर्ट्स की तरह इसमें भी बेल्ट रैंकिंग सिस्टम नहीं है।
इस खेल ने मार्शल आर्ट्स वर्ल्ड को कई बेस्ट एथलीट्स दिए हैं, जिनमें ONE हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन ब्रेंडन वेरा, ONE अंतरिम हेवीवेट वर्ल्ड चैंपियन एनातोली मालिकिन और ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन जैरेड ब्रूक्स भी शामिल हैं।
बॉक्सिंग
बॉक्सिंग का खेल भी रेसलिंग के समान तरीके से अपने स्टूडेंट्स को आगे बढ़ना सिखाता है।
एथलीट्स को कोई बेल्ट नहीं दी जाती इसलिए एथलीट्स को स्किल्स को मास्टर करते हुए आगे बढ़ना होता है। इसके साथ ही उन्हें अपने अनुसार स्किल्स का रिंग में इस्तेमाल करना होता है।
इसलिए ये कोई चौंकाने वाली बात नहीं कि क्यों ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन जिओंग जिंग नान और कुछ अन्य फाइटर्स के पंच इतने दमदार होते हैं। मगर वो कभी बॉक्सिंग के खेल में बेल्ट रैंकिंग प्राप्त नहीं कर पाएंगे।