10 तरह के मार्शल आर्ट्स जो आपको ONE Circle में देखने को मिलेंगे
पिछले कई सालों से ONE Championship प्रतिभाशाली एथलीटों को अपने-अपने मार्शल आर्ट्स को दुनिया को दिखाने का मौका देती आ रही है।
ऐसा करने से एथलीटों के उन वैल्यू (मूल्यों) का भी प्रदर्शन होता है, जो उन्होंने मार्शल आर्ट्स से सीखे। इनमें अखंडता, विनम्रता, सम्मान, साहस, अनुशासन और करुणा शामिल है।
भले ही मार्शल आर्ट्स की शुरुआत युद्द के मैदान पर हुई है, लेकिन आज इसके कई सारे स्टाइल्स का खुद में सुधार लाने के लिए इस्तेमाल होते हैं। सीधे शब्दों में कहा जाए तो मार्शल आर्ट्स उनके जीवन को बेहतर बनाता है, जो इसका अभ्यास करते हैं।
इन्हीं बातों को ख्याल रखते हुए हम यहां 10 मार्शल आर्ट्स की बात करेंगे, जो ONE सर्कल में आप एथलीट्स को इस्तेमाल करते हुए देखेंगे।
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स
मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स युद्ध के जितनी ही पुराना है। यह प्राचीन ग्रीस, चीन, मिस्र, भारत, इटली और जापान में विभिन्न रूपों में प्रचलित था लेकिन हर देश में इसके कायदे-कानून अलग थे।
मॉडर्न मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में खड़े और जमीन पर रहकर ग्रैप्लिंग और स्ट्राइकिंग दोनों शामिल हैं। ONE Circle में होने वाले अधिकतर मैचों में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स मुकाबले होते हैं। इस वर्तमान में 11 ONE वर्ल्ड टाइटल्स हैं।
इसके अलावा, ONE में मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स ने सबसे बड़े नॉकआउट और सबसे अच्छे सबमिशन के जरिए जीत हासिल की है।
कुन खमेर
कुन खमेर का इतिहास 9वीं शताब्दी से शुरु होता है।
इस मार्शल आर्ट का उपयोग कम्बोडिया को अन्य देशों से बचाने और आसपास के देशों पर आक्रमण और जीत के लिए किया गया था। इसमें स्ट्राइक्स और क्लिंचिंग पर ध्यान दिया जाता है। इसमें जमीन पर ग्रैप्लिंग करने की अनुमति नहीं दी जाती।
द होम ऑफ मार्शल आर्ट्स में प्रतिस्पर्धा करने वाले कम्बोडियन एथलीटों में से कई कुन खमेर पृष्ठभूमि से आते हैं। इनमें चान रोथना, खॉन सिचान, और सोक थय शामिल हैं।
लेथवेई
यह प्राचीन कला दूसरी शताब्दी की है, तब म्यांमार प्यू साम्राज्य के नियंत्रण में था। इसके मैचों को केवल मनोरंजन के लिए आयोजित किया जाता था।
यह तब तक नहीं विकसित हुआ था, जब तक 1952 के मुक्केबाजी ओलंपियन क्यार बा नायन ने उस खेल के नियमों को स्थापित करने के लिए पूरे म्यांमार की यात्रा की थी।
इसे “9 अंगों की कला” कहा जाता है। लेथवेई में घूंसे, घुटने, कोहनी, किक और हेडबट जैसे अटैक शामिल हैं। इसके कुछ चर्चित गोल्ड बेल्ट चैंपियन माइट याइन और ये थॉ ने हैं।
सांडा (वुशु)
सांडा कई नामों से पहचाना जाता है, जिसमें वुशु और सैंशु शामिल हैं। इन सभी चीनी किकबॉक्सिंग आर्ट्स में एक चीज समान है कि वे सब मूलरूप से चीनी सेना द्वारा विकसित किए गए थे।
यह खेल पंचिंग, किकिंग, स्टैंड-अप रेसलिंग, थ्रो, स्वीप और टेकडाउन पर केंद्रित है।
इस आर्ट का उपयोग करने वाले सबसे प्रमुख एथलीटों में से वुशु वर्ल्ड चैंपियन रेने “द चैलेंजर” कैटलन, चीनी नेशनल सांडा चैंपियन झाओ झी कांग और पूर्व लाइटवेट वर्ल्ड चैंपियन व तीन बार के स्वर्ण पदक विजेता एडुअर्ड फोलायंग “लैंडस्लाइड” हैं।
जूडो
जूडो 1882 में जापानी पॉलीमैथ कानो जिगोरो के जेहन में आया था। उन्होंने मूल रूप से शारीरिक और मानसिक कल्याण के साथ नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए इसको बनाया।
कई साल से यह मार्शल आर्ट विकसित हुआ और एक ओलंपिक खेल बन गया है। इसमें ध्यान थ्रोज, टेकडाउन्स, पिन्स, जॉइंट लॉक और चोक्स में रहता है।
जापानी सुपरस्टार युशिन ओकामी, योशीहिरो “सेक्सी यामा” अकिआमा, अयाका मियूरा, केन हसेगावा, और शिन्या एओकी ने इसमें महारत हासिल की है।
कराटे
कराटे 20वीं सदी के शुरुआती दिनों में जापान में शुरु हुआ।
1920 और 1930 के दशक में कराटे को “द लैंड ऑफ द राइजिंग सन” जापान में एक सिस्टमैटिक तरीके से सिखाया गया। 2016 में टोक्यो में होने वाले 2020 के ओलंपिक खेलों में अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने इस खेल को शामिल करने के पक्ष में फैसला सुनाया था।
कराटे का कुंग फू पर प्रभाव रहा है। इसमें जोरदार पंचिंग, किकिंग, एल्बो मारने, घुटना मारने और ओपन हैंड स्ट्राइक शामिल हैं।
ONE चैंपियनशिप में शामिल कराटे के कई बड़े नामों में एलेन “द पैंथर” नगालानी, रामोन गोंजालेस और अनातपोंग बनरड हैं।
कुंग फू
कुंग फू पूरे एशिया में कई मार्शल आर्ट्स के बनने के लिए जिम्मेदार है।
यह स्टाइल पुराने चीन में आत्मरक्षा, शिकार और सैन्य प्रशिक्षण के लिए बनाई गई था। इसमें स्ट्राइक, थ्रो, जॉइंट मैनिपुलेशन और प्रेशर पॉइंट अटैक पर ध्यान दिया जाता है।
इस तकनीक का इस्तेमाल करने वाले कुछ एथलीटों में पूर्व ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन एलेक्स “लिटिल रॉक” सिल्वा, दिग्गज “द हंटर” पेंग और किकबॉक्सिंग सेंसेशन एनरिको “द हरिकेन” केहल शामिल हैं।
मॉय थाई
मॉय थाई को आमतौर पर थाईलैंड का राष्ट्रीय खेल कहा जाता है। यह एक मार्शल आर्ट है, जो सियाम में कोनबोंग राजवंश के दिनों से है।
19वीं शताब्दी में राजा चुलालांगकोर्न ने मार्शल आर्ट को एक खेल में बदल दिया था। आने वाले दिनों में इसमें कई नियम और कानून जोड़े गए। प्रतिस्पर्धा के अलावा मॉय थाई को आत्मरक्षा, स्वास्थ्य और खुद की बेहतरी के लिए सीखा जाता है।
“आठ अंगों की कला” में घूंसे, किक, घुटने और कोहनी पर जोर दिया जाता है। इसमें स्वीप और क्लिंच भी शामिल होते हैं।
वर्तमान में तीन मॉय थाई वर्ल्ड टाइटल बेल्ट्स ONE Super Series में हैं। इनके चैंपियन नोंग-ओ ग्यांगडाओ, रोडटंग जित्मुआंगनोन और स्टैम्प फेयरटेक्स हैं।
टायक्वोंडो
टायक्वोंडो कोरिया में 1940 और 1950 के दशक के बीच मार्शल आर्टिस्ट्स द्वारा विकसित किया गया था, जिन्होंने जापानी और चीनी मार्शल आर्ट्स का अध्ययन किया था।
यह शैली हैड किक्स, जंपिंग किक्स, स्पिनिंग किक्स और अन्य किकिंग तकनीकों पर केंद्रित है।
टायक्वोंडो का इस्तेमाल करने वाले कुछ एथलीटों में डे ह्वान किम “ओट्टोगी”, क्वोन वोन इल “प्रीटी बॉय” और ONE लाइटवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन रेगिअन इरसल “द इम्मोर्टल” शामिल हैं।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु को BJJ के रूप में जाना जाता है। इसको जूडो के एक ऑफशूट (हिस्से) के रूप में विकसित किया गया था, जब 1914 में जिगोरो के प्रमुख नेवाजा छात्र मित्सुयो माएडा ने ब्राजील की यात्रा की थी।
माएडा ने कार्लोस ग्रेसी को अपनी प्रभावी तकनीकें सिखाईं। हालांकि, उनके छोेटे भाई हीलियो ग्रेसी को इसे आगे बढ़ाने का श्रेय जाता है।
स्टैंडअप एलिमेंट्स बीजेजे का हिस्सा हैं। हालांकि, इसमें विरोधियों के जॉइंट लोक्स और चोक्स को तोड़ने की तकनीकों पर काम होता है।
यह 1980 और 1990 के दशक में एक प्रभावी मार्शल आर्ट के रूप में प्रसिद्ध हुआ था। दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में BJJ में महारथ हासिल किए हुए कई ONE वर्ल्ड चैंपियंस हैं, जिनमें बिबियानो “द फ्लैश” फर्नांडीस, एड्रियानो मोरेस “मिकीन्यो” और “अनस्टॉपेबल” एंजेला ली शामिल हैं।
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