3 बॉलीवुड फिल्में जिनकी कहानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर आधारित है
फिल्में समाज का आईना होती हैं। समाज में जो भी चीज़ें घटित हो रही होती हैं, फिल्मों की कहानी कहीं न कहीं उन्हीं के इर्द-गिर्द घूमती है। दुनिया की सबसे ज्यादा फिल्में भारत में ही बनती हैं जिन्हें देश-विदेश में करोड़ों लोगों द्वारा देखा जाता है।
इस दशक की बात करें तो लीक से हटकर काफी सारी फिल्में बड़े पर्दे पर आईं और उन्होंने फैंस के बीच खूब वाहवाही लूटी। पिछले कई सालों में खेल और खिलाड़ियों से जुड़ी काफी सारी फिल्में रिलीज़ हुईं। इन फिल्मों ने कई सारे रिकॉर्ड अपने नाम किए।
भारत में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के चाहने वालों की तादाद में लगातार इजाफा हो रहा है। बड़े पर्दे पर भी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स से जुड़ी कुछ बेहतरीन फिल्में आई हैं जिनकी कहानी और गाने आज भी फैंस की जुबान पर हैं।
आज हम उन तीन फिल्मों की बात करने जा रहे हैं जिनकी कहानी मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर आधारित है।
ब्रदर्स
तेरे हाथों में करम है तेरा और खून गरम है तेरा...इस गाने को सुनकर किसी भी शख्स में जोश भर सकता है। साल 2015 में आई ‘ब्रदर्स’ में अक्षय कुमार और सिद्धार्थ मल्होत्रा ने मुख्य भूमिका निभाई है। उनके अलावा फिल्म में जैकी श्रॉफ, जैकलीन फर्नांडिस भी हैं।
ये फिल्म मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स और परिवार की एक बेहद इमोशनल कहानी है। ‘ब्रदर्स’ में अक्षय कुमार और सिद्धार्थ मल्होत्रा सौतेले भाई और जैकी श्रॉफ उनके पिता होते हैं।
देश में एक मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स लीग की शुरुआत होती है। अक्षय अपनी बेटी के इलाज के लिए पैसा जुटाना चाहते हैं, इस वजह से वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स लीग का हिस्सा बनते हैं, जबकि सिद्धार्थ अपने पिता का सिर गर्व से ऊंचा करने के लिए इसमें आते हैं।
अक्षय, आशुतोष राणा की देखरेख और सिद्धार्थ अपने पिता जैकी श्रॉफ की देखरेख में मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग में लग जाते हैं। इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के जरिए रिश्तों में आई दूरी खत्म हो जाती है।
सुल्तान
मन्नै पहलवानी जरूरी छोड़ी है, मगर लड़ना नहीं भूला…रणदीप हुड्डा के सामने बोले गए सलमान खान के इस डायलॉग पर उनके फैंस ने जमकर तालियां और सीटी बजाई होंगी।
साल 2016 में आई ‘सुल्तान’ में सलमान खान और अनुष्का शर्मा मुख्य भूमिका में हैं। ये फिल्म रेसलिंग और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स पर आधारित है। इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर कमाई के झंडे गाड़ दिए थे।
फिल्म में एक रेसलर बनकर उन्होंने प्यार और नाम कमाया, मगर रेसलिंग में मिली बेशुमार प्रसिद्धि और अहंकार की वजह से वो सब कुछ खो बैठे।
लंबे समय तक अकेले रहने वाले सलमान बड़ी मुश्किल से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए राजी होते हैं ताकि फिर से अनुष्का का दिल जीत सकें। 40 की उम्र में सलमान सर्कल में उतरने का फैसला लेते हैं, उस समय उनका पेट भी काफी निकला हुआ होता है। काफी लोगों को लगता है कि ये कैसे मुकाबले में उतर पाएंगे। लेकिन अपने जुनून की वजह से वो सबको गलत साबित कर देते हैं।
अपने कोच रणदीप हुड्डा की देखरेख में वो मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स की कड़ी ट्रेनिंग में जुट जाते हैं। हुड्डा से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के दांव-पेंच सीखते हैं और टूर्नामेंट से पहले खुद को फिट बना लेते हैं।
एक दिलचस्प बात जो कम ही लोगों को पता है कि इस फिल्म में सलमान की टक्कर टायरन वुडली नाम के फाइटर से होती है, जो कि असल जिंदगी में भी फाइटर हैं और पूर्व वेल्टरवेट वर्ल्ड चैंपियन रह चुके हैं।
दो लफ़्ज़ों की कहानी
साल 2016 में रिलीज़ हुई ‘2 लफ़्ज़ों की कहानी’ में रणदीप हुड्डा और काजल अग्रवाल मुख्य भूमिका में हैं। फिल्म में काजल अंधी लड़की की भूमिका निभा रही हैं जबकि हुड्डा एक पूर्व बॉक्सर होते हैं।
मलेशिया में रणदीप हुड्डा ज्यादा से ज्यादा पैसे कमाने के लिए काम कर रहे होते हैं, तभी उनकी मुलाकात काजल से होती है। दोस्ती के साथ-साथ दोनों में प्यार हो जाता है।
हुड्डा को डॉक्टरों से पता चलता है कि काजल की आंखों की रोशनी वापस आ सकती है तो वो रूपयों के इंतजाम में लग जाते हैं। हुड्डा फाइट करने के लिए तैयार हो जाते हैं और यहीं से कहानी में ट्विस्ट आता है।
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