3 मार्शल आर्ट्स मास्टर्स जिन्होंने वर्ल्ड चैंपियंस को आगे बढ़ने की प्रेरणा दी
अगर आप ONE Championship के फैन हैं तो आप जानते होंगे कि यहां कितने तरीकों के मार्शल आर्ट्स इस्तेमाल में लाए जाते हैं।
मॉय थाई हो, किकबॉक्सिंग, ब्राजीलियन जिउ-जित्सु, वुशु या कोई अन्य मार्शल आर्ट, यहां आपको एथलीट्स अपने-अपने पसंदीदा मार्शल आर्ट में परफॉर्म करते नजर आ ही जाएंगे। इन्हीं अलग-अलग तरह के मार्शल आर्ट्स से कई महान ONE वर्ल्ड चैंपियंस भी उभरकर सामने आए।
यहां जानिए ऐसे 3 मार्शल आर्ट्स मास्टर्स के बारे में जो नई जनरेशन के एथलीट्स के लिए एक प्रेरणा का स्त्रोत हैं।
ग्रैंडमास्टर हीलियो ग्रेसी
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में शायद ही कोई ग्रैंडमास्टर हीलियो ग्रेसी से ज्यादा छाप छोड़ पाया हो, जो 10 डिग्री रेड बेल्ट होल्डर हैं।
स्वर्ग सिधार चुके ब्राजीलियाई स्टार ने 16 साल की उम्र में ट्रेनिंग शुरू की और BJJ में आने से पहले जूडो और कैच रेसलिंग में अनुभव प्राप्त किया।
ग्रेसी अपने करियर में कुल 20 ही मैचों का हिस्सा रहे, लेकिन उनका एक मॉय थाई गुरु बनना दुनिया को एक अलग राह दिखाने वाला था। उन्होंने अपने बेटों को भी तैयार किया। मौजूदा समय में BJJ का स्तर अब ग्रेसी के सिद्धांतों से भी आगे बढ़ चुका है।
ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन बिबियानो “द फ्लैश” फर्नांडीस एक अच्छे BJJ आर्टिस्ट हैं। अपने करियर में ब्राजीलियाई एथलीट 5 वर्ल्ड चैंपियनशिप जीत चुके हैं।
योडकाइकेउ “Y2K” फेयरटेक्स वैसे तो स्ट्राइकिंग बैकग्राउंड से आते हैं लेकिन मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आने के बाद ग्रेसी के ग्राउंड गेम के सिद्धांतों से उन्हें भी फायदा पहुंचा है।
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अजार्न योटोंग सेनानन
अजार्न योटोंग सेनानन ने थाईलैंड में कई महान मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियंस को ट्रेनिंग दी हुई है। लेकिन उनका सबसे अच्छा समय 1990 के दशक यानी मॉय थाई के गोल्डन एरा में आया।
स्वर्ग सिधार चुके मॉय थाई मास्टर ने 14 साल की उम्र में ही ट्रेनिंग शुरू कर दी थी, लेकिन उस समय अपने देश के अधिकतर एथलीट्स की तरह उन्होंने भी केवल 21 साल की उम्र में रिटायरमेंट ली।
इस खेल के बड़े प्रशंसक रहे सेनानन साल 1959 में चोनबुरी नाम के शहर में Sityodtong Gym की, स्थापना से पहले ही ट्रेनिंग देने लगे थे। जिम खोलने के बाद उन्होंने सामार्ट पयाकरून और कोंगतोरनी पयाकरून जैसे लैजेंड्स को तैयार किया।
यहां तक कि नीकी “द नेचुरल” होल्ज़कन के गुरु रहे रामोन डेकर्स और सेंटिनो वर्बीक के कोच अर्नेस्टो हूस्ट ने भी सेनानन की निगरानी में ट्रेनिंग ली थी। वहीं ONE Championship के चेयरमैन और सीईओ चाट्री सिटयोटोंग ने भी महान मॉय थाई मास्टर की निगरानी में मार्शल आर्ट्स सीखना शुरू किया था।
सेनानन के पास दुनिया भर से लोग मॉय थाई सीखने आते थे इसलिए ऐसा भी संभव है कि सभी मॉय थाई आर्टिस्ट्स का उनके साथ कुछ ना कुछ संबंध रहा हो।
वांग्जी युआन वेन किंग
युआन वेन किंग को किसी कारण से ही “द प्रिंस ऑफ वुशु” कहा जाता है।
चीनी लैजेंड के मार्शल आर्ट सफर की शुरुआत 9 साल की उम्र में हुई और आज भी वो वुशु से जुड़े हुए हैं। वो चीन की नेशनल वुशु टीम में नई जनरेशन के स्ट्राइकर्स को तैयार कर रहे हैं।
अपने करियर में युआन ने एशियाई खेलों में 2 बार स्वर्ण पदक जीता, पहला 1990 में बीजिंग में और दूसरा 1994 के हीरोशिमा खेलों में आया। इसके अलावा उन्होंने 1990 में कुआलालंपुर और 1997 में रोम में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था।
अब उनके शिक्षा देने के सिद्धांत पूरी दुनिया में फैल चुके हैं। खासतौर पर फिलीपींस में, जहां Team lakay के स्टार्स जैसे एडुअर्ड “लैंडस्लाइड” फोलायंग, ONE स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन जोशुआ “द पैशन” पैचीओ और पूर्व बेंटमवेट चैंपियन केविन “द सायलेन्सर” बेलिंगोन अपनी वुशु स्ट्राइकिंग स्किल्स की मदद से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में सफलता प्राप्त कर सके हैं।
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