3 कारण क्यों ऑफिस के साथियों के साथ मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग अच्छी रहेगी
पिछले कुछ सालों में कॉरपोरेट ग्रुप एक्टिविटी के तौर पर मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग काफी लोकप्रिय हुई है। ऐसे में अगर आपकी कंपनी इस तरह की चीजें कराती है तो इससे अच्छा और कुछ नहीं हो सकता है।
अगर आपकी कंपनी ऐसा नहीं भी कराती है तो आप खुद अपने ऑफिस ग्रुप के साथ इसकी ट्रेनिंग पर जाने का विचार कर सकते हैं। ऐसे में आपको जाने-पहचाने लोगों के साथ समय गुजारने और ट्रेनिंग का शानदार मौका मिलेगा।
अपने को-वर्कर्स के साथ मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस करने के कई फायदे होते हैं। इससे टीम वर्क बेहतर होता है, सहयोग बढ़ता है और काम के बाद मजा करने के लिए एक एक्टिविटी भी मिल जाती है।
#1 इससे दोस्ती और अच्छी हो जाती है
सहयोग बढ़ाने के लिए ग्रुप एक्टिविटी हमेशा अच्छी रहती है।
गहरी दोस्ती से अच्छा और कोई रिश्ता नहीं होता है। ये ऐसी केमिस्ट्री होती है, जो लोगों को एक-दूसरे के साथ समय गुजारने का मौका देती है। इस तरह से कोई भी कर्मचारी अपनी क्षमताओं से कहीं ज्यादा अच्छा प्रदर्शन कर पता है। इस वजह से टीम के लोगों के बीच दोस्ती होना जरूरी होता है।
क्योंकि मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस ग्रुप में ही की जाती है। ऐसे में एक-दूसरे से घुलने-मिलने के लिए ज्यादा समय मिल पाता है। आप एक जैसे अनुभव साझा करते हैं, एक तरह की चीजें करते हैं और मजबूत रिश्ते बनाते है, जो कई बार समय की कसौटी पर खरे उतरते हैं। कई बार एक जैसे अनुभव होने पर ये आपको अपने सहयोगी से पर्सनल बातें करने और विश्वास बनाने का मौका भी देते हैं।
इसके अलावा साथ में ट्रेनिंग करने से आपको एक जैसी चीजें पसंद आने लगती हैं। लंच के दौरान भी आप मनपसंद चीजों पर बातें कर सकते हैं और पुराने दोस्तों के साथ नया फ्रेंड सर्कल भी मिल जाता है।
#2 पूरे दिन के बाद रिलेक्स होने के लिए सबसे अच्छी एक्टिविटी
पूरे दिन काम करने के बाद थकान और तनाव आना लाजमी है।
प्रोफेशनल लाइफ में समस्याएं कभी खत्म नहीं होती हैं। ऐसे में काफी तनाव हो सकता है लेकिन अगर ये पता चल जाए कि इसे कैसे दूर भगाना है तो ऑफिस में काम करने में मजा आने लगता है।
पूरे दिन काम करने के बाद मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग से लोगों को साथ आकर चीजें करने का मौका मिलता है। साथ ही ये तनाव दूर करने की शानदार एक्टिविटी भी है, जो वो साथ मिलकर कर सकते हैं।
तनाव दूर करने के लिए एक्सरसाइज को सबसे अच्छा माना जाता है। इससे शरीर को फिर से तरोताजा होने में मदद मिलती है। मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग में जो दांव-पेच सीखने को मिलते हैं, उनसे दिनभर काम करने के बाद होने वाले तनाव को दूर करने में मदद मिलती है।
को-वर्कर्स के साथ ट्रेनिंग करने से दिमाग पर हावी ऑफिस को दूर करने में मदद मिलती है। जब आप मार्शल आर्ट्स के जिम में होते हैं, तब आपको ऑफिस के तौर-तरीकों और डेडलाइन की फिक्र नहीं सताती है। आपका पूरा ध्यान अपनी तकनीक सुधारने पर लगा रहता है।
मार्शल आर्ट्स में हर कोई हिस्सा ले सकता है और ये सबके लिए है। हर कोई अपनी क्षमता के हिसाब से ट्रेनिंग कर सकता है। नाइट आउट और ड्रिंक करने जैसी चीजों की तरह ये किसी खास ग्रुप तक सीमित नहीं रहता है। मार्शल आर्ट्स में ऑफिस के लोगों के साथ जिम जाना वैसा ही है, जैसा उनके साथ बार जाकर मौज करना है। इसमें आपके साथ कोई भी जा सकता है।
#3 एक-दूसरे की मदद करके मिलती है मंजिल
को-वर्कर्स के साथ मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस करने से टीमवर्क का सबसे ज्यादा फायदा मिलता है।
दोस्तों के साथ हाथ बंटाने से टीम एक यूनिट की तरह काम करती है, जिससे सबकी क्षमताएं बढ़ती हैं। मार्शल आर्ट्स सीखते समय लोगों को एक जैसे लक्ष्य दिए जाते हैं, ताकि इस दौरान वे एक टीम वर्क को बढ़ावा दे सकें।
मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग में अक्सर स्टूडेंट्स को ऐसी परिस्थितियों में डाला जाता है, जहां उन्हें एक दूसरे की सहायता करनी होती है। खासकर कि दांव-पेच सीखते समय। इस तरह से स्टूडेंट अकेले ट्रेनिंग करके ज्यादा नहीं सीख पाते हैं, जबकि ग्रुप में वो निखरकर आते हैं। मार्शल आर्ट्स में एक ही तरीके के काम पूरे करने और एक तरह के लक्ष्य पाने से टीमवर्क बढ़ता है।
मार्शल आर्ट्स में साथ की गई ट्रेनिंग का फायदा आपको वर्कप्लेस पर भी दिखाई देता है। साथ ही एक टीम के तौर पर आपकी और ऑफिस के साथियों की क्षमताओं का विकास होता है। ऐसे में बिजनेस की समस्याओं को सुलझाने में हर कर्मी अपनी भूमिका बेहतर ढ़ंग से निभा पाता है।
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