साइकलिंग से मार्शल आर्टिस्ट्स को मिलने वाले 5 बड़े फायदे
दुनिया में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि टूर डी फ्रांस चैंपियन बनने के लिए ही लोग साइकलिंग करते हैं। साइकलिंग के अपने ढ़ेरों फायदे हैं जिनसे अभी तक लोग अंजान हैं।
सच्चाई यह है कि साइकलिंग आपकी स्ट्रेंथ को बढ़ाती है और लोगों को फिट भी रखती है। साथ ही यह आपको अच्छा मार्शल आर्टिस्ट बनने में भी काफी मददगार है।
कैलोरी बर्न करने और वातावरण को प्रदूषण से बचाए रखने के अलावा एक दिन में कुछ समय के लिए साइकलिंग करने से कुछ ही दिन में आपको इसका फायदा नजर आने लगेगा।
इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 5 तरीकों से अवगत कराने वाले हैं जिनसे साइकलिंग आपको अच्छा मार्शल आर्टिस्ट बनने में मदद करती है।
#1 लेग मसल्स को मजबूत बनाती है
साइकलिंग का आधे से ज्यादा काम हमारे पैर ही करते हैं इसलिए इससे हैमस्ट्रिंग, कॉल्फ(पिंडली), थाई मसल्स और यहाँ तक कि पांव को भी मजबूत बनाती है। एक बार साइकलिंग करने से आपके शरीर का निचला हिस्सा स्वस्थ रह सकता है और इससे लोअर बैक पर भी काफी असर पड़ता है।
ताकतवर पैरों से कोई भी मार्शल आर्टिस्ट एक ही किक से अपने प्रतिद्वंदी को काफी चोट पहुंचा सकता है। ONE बेंटमवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन नोंग-ओ ग्यांगडाओ की तरह आप भी ताकतवर किक्स लगा सकेंगे।
#2 बॉडी के ऊपरी हिस्से पर भी असर डालती है
यह तो देखने भर से ही पता चल जाता है कि इससे शरीर के निचले हिस्से को ज्यादा फायदा पहुंचता है लेकिन आप यह जानकर चौंक उठेंगे कि साइकलिंग बॉडी के ऊपरी हिस्से पर भी असर करती है।
अगर सही पोजीशन में रहकर साइकलिंग की जाए तो इससे रीढ़ को भी मजबूती मिलती है। सही ढंग से हैंडल को पकड़ा जाए तो इससे बाइसेप और ट्राइसेप मसल्स को भी फायदा पहुंचता है।
किसी फाइट के दौरान अपनी बॉडी को स्थिर रखने के लिए किसी भी मार्शल आर्टिस्ट को अपनी बॉडी के ऊपरी हिस्से पर भी ध्यान केंद्रित करना होता है। इससे प्रतिद्वंदी के अटैक को झेलने में काफी मदद मिलती है।
#3 शरीर को स्थिर रखती है और डिफेंस/अटैक करने में भी मददगार है
चाहे आपने अभी मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग शुरू की हो या फिर आपके पास कई साल का अनुभव हो, यह चीज सभी के लिए अनिवार्य है कि किसी फाइट के दौरान अपनी बॉडी को स्थिर कैसे रखें।
जैसा कि हम पहले भी बता चुके हैं कि साइकलिंग से लोअर बैक पर भी असर पड़ता है। इससे बॉडी बैलेंस रहती है, डिफेंस और अटैक करने में भी काफी मदद मिलती है।
रिंग में की गई आपकी एक गलती से ही प्रतिद्वंदी हावी होने लगता है इसलिए बॉडी को बैलेंस रखना बेहद ज़रूरी है।
#4 स्टेमिना बढ़ता है
दुनिया में ऐसी कई एक्सरसाइज हैं जो स्टेमिना बढ़ाने में मदद करती हैं और साइकलिंग भी उन्हीं में से एक है। अगर आप रोज एक घंटे धीमी गति में साइकलिंग करते हैं तो कुछ ही दिनों में आपको महसूस होने लगेगा कि आपका स्टेमिना अब बढ़ रहा है।
साथ ही यह रक्तचाप और दिल की गति को भी स्वस्थ रखता है जिससे आप बिना थके लंबा सफर तय कर सकते हैं।
आमतौर पर देखा जाता है कि फाइटर्स बाउट के दूसरे राउंड में ही काफी थके हुए नजर आने लगते हैं, इसलिए आपके स्टेमिना का अच्छा होना बेहद ज़रूरी है। सोचिए डिमिट्रियस जॉनसन किस तरह 12 बार वर्ल्ड चैंपियन बने होंगे, जाहिर तौर पर उन्हें इस दौरान लंबी लंबी फाइट लड़नी पड़ी होंगी जिसके लिए अच्छे स्टेमिना का होना बेहद ज़रूरी है।
#5 मानसिक रूप से मजबूती प्रदान करता है
साइकलिंग एक ऐसा वर्कआउट या एक्सरसाइज है जिसे ज्यादा समय तक करने से बहुत ज्यादा थकान महसूस होने लगती है लेकिन आपको यह भी समझना होगा कि चुनौतियों से पार पाने वाले को ही सबसे बड़ा विजेता माना जाता है।
एक बार आप साइकलिंग करने में दिलचस्पी दिखाने लगेंगे तो थकान आपको दूर-दूर तक नहीं पकड़ पाएगी। मार्शल आर्टिस्ट के लिए तो ऐसी चुनौतियों से पार पाना अनिवार्य होता है, क्योंकि ऐसा कहा जाता है कि यह खेल 90% मानसिक रूप से खेला जाता है।
रेगिअन इरसल ‘द इम्मोर्टल’ सबसे बड़ा उदाहरण है कि क्योंकि छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी फाइट के दौरान भी वो अपनी मानसिक मजबूती को बनाए रखते हैं।