5 तरीके जिनसे मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग स्थिरता प्रदान करती है
लोग मार्शल आर्ट्स से कई कारणों से जुड़ते हैं।
ये वजह फिजिकल फिटनेस, सेल्फ डिफेंस या खेल में मुकाबला करने के लिए हो सकती हैं। इससे आपका आत्मविश्वास बढ़ता है, तनाव कम होता है और आप रिलेक्स रहते हैं।
मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग काफी कठिन और थकाने वाली हो सकती है। किसी भी चीज को सीखने में बिताया गया वक्त शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक तौर पर संतुलन बनाकर आपके अंदर शांति प्राप्त करने में मदद कर सकता है।
आइए जानते हैं कि आप मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग से किस तरह स्थिरता प्राप्त कर सकते हैं।
#1 मार्शल आर्ट्स से अच्छा महसूस होता है
असुरक्षा की भावना कई तरह की समस्याओं को जन्म दे सकती है।
दुनिया में होने वाली काफी सारी दबंगई और हिंसा, असुरक्षा के कारण ही होती है।
शायद ही कभी किसी सच्चे मार्शल आर्टिस्ट ने आक्रामक होकर किसी एक पर दबंगई दिखाई होगी क्योंकि वो किसी से भी लड़ाई में ज्यादा काबिल और ताकतवर हो जाते है। इस वजह से उनमें असुरक्षा की भावना काफी कम हो जाती है।
ऐसे में जिसके जो कंफर्ट में रहता है, उसके आक्रामक होने की संभावना कम रहती है।
जब आप मार्शल आर्ट्स को जानने की कोशिश करते हैं, तब आप में असुरक्षा की भावना अपना घर नहीं बना पाती है और न ही इससे परेशान होकर आप किसी को तकलीफ देते हैं। तब आपको खुद पर विश्वास होता है।
ONE Championship बेंटमवेट के दावेदार “द अंडरडॉग” ली काई वेन ने प्रशंसकों को बताया कि कैसे मार्शल आर्ट्स ने उन्हें बदमाशों से निपटने और कम आक्रामक होने में मदद की।
वो बताते हैं, “मार्शल आर्टिस्ट किसी को भी लड़ाई के लिए नहीं उकसाते और विवादों से दूर रहते हैं।”
“जीवन में सम्मान, इज्जत, दृढ़ता और दृढ़ संकल्प जैसे कई महत्वपूर्ण मूल्यों की शिक्षा मार्शल आर्ट्स के अभ्यास से सीखी जा सकती है।”
#2 मार्शल आर्ट्स से अहंकार दूर करने में मिलती है मदद
अहंकार भले ही असुरक्षा से अलग हो लेकिन इसका प्रभाव भी हमारे मन पर काफी कुछ उसी की तरह पड़ता है।
ये आपको अंदर से खाता जाता है और आपके अच्छे दिमाग को बर्बाद कर देता है।
जब आप खुद को बेहतर बनाने के लिए कई बारे फेल होते हैं या अनुभवी बनने के लिए किसी स्किल का रोजाना अभ्यास करते हैं, तो ऐसे में अहंकार जल्दी ही मर जाता है, वरना आप वहां ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएंगे।
आपको ये स्वीकार करना पड़ता है कि दुनिया आपके चारों ओर नहीं घूम रही और आप उसके केंद्र में नहीं हैं। ऐसे में आपको भी उसी रास्ते पर चलना होता है, जिस पर बाकी सब लोग चल रहे होते हैं।
ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग “द आयरन मैन” जित्मुआंगनोन का ONE Super Series में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रहा है। वो अपने फैंस को बताना चाहते हैं कि सबसे अच्छे स्तर पर आने के बाद भी क्यों अहंकार आपको नुकसान पहुंचा सकता है।
उन्होंने कहा, “अहंकार होने से आपका भला कभी नहीं हो सकता है। अगर आपमें जरा सा भी अहंकार बचा है तो आप सफल नहीं हो पाएंगे।”
“मैं सभी एथलीट्स से ये कहना चाहता हूं कि अगर आप लोकप्रिय हो जाएं तो ये कभी न भूलें कि आप कौन थे, कहां से आए थे और जिम में आपका पहला दिन कितना कठिन था।”
#3 मार्शल आर्ट्स से आप अपनी कमियां और ताकत पहचान पाते हैं
इसकी ट्रेनिंग और इस पर चर्चा करके आप जल्द ही जान जाएंगे कि वो कौन सी चीजें हैं, जिनमें आपने सफलता हासिल कर ली है और किसमें विफल रहे हैं।
ऐसा आप अपने पार्टनर में भी नोटिस करेंगे और ये जरूरी है कि आप इससे समझें कि ये सामान्य बात है।
समय के साथ आप ये भी सीखते जाते हैं कि कोई भी परफेक्ट नहीं होता है। ऐसा ही आप हर दूसरे व्यक्ति में भी देख पाएंगे।
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अपनी ताकत और कमजोरियों को स्वीकार करते हुए आपको सांत्वना और शांति का अनुभव होगा। साथ ही आपको ये भी पता हो सकेगा कि आगे बढ़ने के लिए क्या करना होगा।
इस ज्ञान को Team Lakay के मुख्य कोच मार्क सांगियाओ अपने फिलीपीनी एथलीट्स को समझाने के लिए इस्तेमाल करते हैं।
सांगियाओ बताते हैं, “हार से आपको सबसे ज्यादा सीखने का मौका मिलता है। कई बार जीत में आप अपनी गलतियां नहीं देख पाते हैं। ऐसे में हार के बाद हमारे एथलीट अपना आंकलन करके अपनी क्षमताओं और कमजोरियों का मूल्यांकन करते हैं और ऐसे तरीके निकालते हैं जिनसे वे बेहतर हो सकें।”
#4 मार्शल आर्ट्स ध्यान लगाने में मदद करता है
जब पूरी दुनिया का ध्यान आप पर हो तो ऐसे में खुद का ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो जाता है।
सुबह उठते ही आप अपनी चीजों में रम जाते हैं। पूरा दिन आपका इसी में बीत जाता है और दिन खत्म होते-होते फोन और ईमेल पर भी इसी की बातें हो रही होती हैं।
कुछ न कुछ चीजें आपका ध्यान खींचने की कोशिश कर रही होती हैं।
लेकिन जब आप जिम में होते हैं, तब आप अपना ध्यान पूरे मन से अपनी तकनीक और खेल पर लगाते हैं। उस दौरान आप अपनी मीटिंग, टेस्ट, रिलेशनशिप को लेकर परेशान नहीं होते। ऐसे में आपका पूरा ध्यान उसमें लगा होता है, जो काम आप कर रहे होते हैं।
मार्शल आर्ट्स की पकड़ बहुत मजबूत होती है और इसमें ध्यान लगाकर आप खो से जाते हैं। आपको ऐसा अहसास और आनंद किसी भी अन्य चीज को करने में नहीं आता, जितना मार्शल आर्ट्स को करने में आता है।
यहां तक कि जापानी ग्रैपलर शिन्या “टोबीकन जुडन” एओकी भी मार्शल आर्ट्स की तारीफ करते हुए इसे ट्रेनिंग की सबसे अच्छी चीज बताते हैं।
उन्होंने बताया, “मार्शल आर्ट्स सीखने और समझने की चीज है।”
“जब आप मुकाबले की तैयार करने के लिए किसी चीज पर ध्यान लगा रहे होते हैं, तब उसमें सुधार जरूर आता है। मैंने भी इस तरीके से अपने खेल में तरक्की की, नई तकनीकें सीखीं और उनमें सुधार लाया।”
#5 मार्शल आर्ट्स बुद्धिमानी से समस्याओं को हल करना सिखाता है
जिम में सीखते समय जब दवाब ज्यादा बढ़ जाता है तो आपको अपनी भावनाओं पर नहीं बल्कि बुद्धिमानी, काबिलियत और दांव-पेंच पर भरोसा करना होता है।
उदाहरण के लिए, जब आप किसी ऐसे से मुकाबला कर रहे होते हैं, जो मॉय थाई में नया है तो ऐसे में वो भावनाओं में बहकर प्रतिक्रिया करने लगता है, जबकि आपको पूरी तरह से अपनी रणनीति पर टिके रहना होता है। अगर आप भावनाओं में बहकर प्रतिक्रिया करेंगे तो उससे अधिक गलतियां करेंगे और धीमे पड़ जाएंगे।
ऐसा आपके साथ जीवनभर हो सकता है। ऐसे में आप भावनाओं को उस परिस्थितियों से हटा सकते हैं क्योंकि उनकी वहां कोई जरूरत नहीं होती है और ट्रेनिंग के दौरान जो सीखा है, उसके इस्तेमाल से चीजें बेहतर हो सकती हैं।
इस तरह से आप अपनी भावनाओं पर ज्यादा काबू रखकर स्थिर रह सकते हैं। इससे आपके अंदर चल रही उथल-पुथल शांति में बदल जाती है।
बेंटमवेट सुपरस्टार रदीम रहमान हमें याद दिलाते हैं कि स्मार्ट लोग जिम में अपनी भावनाओं पर किस तरह से हावी रहते हैं।
“स्मार्ट तरीके से ट्रेनिंग करने से चोटिल होने की संभावना कम हो जाती है। इस तरह से आप ज्यादा सतर्क रहते हैं और अपनी तकनीक व काबिलियत बेहतर कर पाते हैं। वहीं, भावनाएं आपको ट्रेनिंग या मुकाबले के दौरान हार की ओर ले जा सकती हैं।”
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