5 तरीके जिनसे क्रॉसफिट आपकी मार्शल आर्ट्स स्किल्स में सुधार ला सकता है
मार्शल आर्ट्स एक ऐसा स्पोर्ट है जहाँ समय के साथ बड़े से बड़े एथलीट को भी लगातार अपने स्किल सेट, मूव सेट में बदलाव करना जरुरी होता है। वैसे तो अनुभवी लोगों के साथ काम करने से ज्यादा सीख मिलती है लेकिन क्रॉसफिट ट्रेनिंग भी ज्यादातर मौकों पर कारगर साबित होती है।
सही तरीके से ट्रेनिंग करना और क्रॉसफिट ना केवल आपकी ताकत को बढ़ाती है बल्कि स्टेमिना और काफी अन्य चीजों में इससे फायदा पहुंचता है।
यहाँ आप पढ़ सकते हैं उन 5 तरीकों के बारे में कि किस तरह क्रॉसफिट आपको बेहतर मार्शल आर्टिस्ट बनने में मदद करता है।
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#1 तेज और ताकतवर किक्स
क्रॉसफिट में आमतौर पर ज्यादा ध्यान लेग वर्क पर दिया जाया है। अपने पैरों को मजबूत बनाने के लिए डेडलिफ्ट्स, क्लींस, स्क्वॉट, रोइंग, वॉल बॉल्स और भी कई एक्सरसाइज कर सकते हैं जो आपकी बॉडी के निचले हिस्से को मजबूत बनाए।
इस तरह की एक्सरसाइज से ना केवल पैरों की ताकत बढ़ती है बल्कि कुछ समय बाद आप महसूस करेंगे कि आप बेहद तेजी से अपने पैरों को मूव कर पा रहे हैं।
क्रॉसफिट शुरू करने के बाद कुछ ही महीनों में इसका असर दिखना शुरू हो जाता है। जैसे ताकत बढ़ना, शरीर और पैरों में चुस्ती जो किसी भी मार्शल आर्टिस्ट के लिए सबसे जरुरी होता है।
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#2 स्टांस में बदलाव ज़रूरी
किक्स के मजबूत होने के बाद दूसरा पड़ाव होता है कि किस तरह अपने स्टांस को बेहतर किया जाए। दुनिया में सभी तरह के मार्शल आर्ट में यह सबसे जरुरी होता है कि आप किस मुद्रा में खड़े हैं।
क्रॉसफिट करने से पहले आमतौर पार आर्टिस्ट हॉर्स स्टांस और ट्विस्ट स्टांस का ज्यादा प्रयोग करते हैं लेकिन क्रॉसफिट ट्रेनिंग शुरू करने के बाद एथलीट्स की पहुंच बढ़ जाती है जिससे वो बेहतर से भी बेहतर टेकडाउन से बचने में सक्षम हो जाते हैं।
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#3 शरीर में चुस्ती लाता है
लेग वर्क काफी हद तक आपकी किक्स और स्टांस को तगड़ा करने में मदद करता है। क्रॉसफिट इससे अलग कंधों को भी मजबूती देता है और साथ ही अच्छे एब्स बनाने में भी मदद मिलती है।
पुल-अप्स, पुश प्रेस, क्लीन एंड प्रेस और कंधों को मजबूत बनाने वाली एक्सरसाइज भी शरीर के उपरी हिस्से को मजबूती देते हैं।
सोचिए अगर आप एक पुल-अप बार पर लटक रहे हैं, इससे आपके शरीर के ऊपरी हिस्से को मजबूती और चुस्ती दोनों मिलती हैं।
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#4 डिफेंसिव तकनीक में सुधार
एक तरफ क्रॉसफिट से आप अपने पैरों को मजबूत करते हैं तो दूसरी तरफ कंधे और चेस्ट भी मजबूत होते जा रहे हैं। साथ ही आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि क्रॉसफिट मार्शल आर्टिस्ट की डिफेंसिव तकनीक को भी बेहतर बनाता है।
अगर किसी तरह फाइट के दौरान आप अपने प्रतिद्वंदी की स्ट्राइक को ब्लॉक करने में सफल नहीं हो पाए, तो भी क्रॉसफिट आपको उसे झेलने में मदद करता है।
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#5 धैर्य क्षमता और स्टेमिना को बढ़ाता है
किसी भी तरह की एक्सरसाइज से कोई भी व्यक्ति थका हुआ महसूस करने लगता है लेकिन मार्शल आर्ट्स में जल्दी थकने का सीधा मतलब हार होता है।
वहीँ क्रॉसफिट ट्रेनिंग की शुरुआत में भी थकान लाज़िमी है मगर जैसे-जैसे दिन बीतते जाएंगे आप अपने स्टेमिना में भी सुधार महसूस करने लगते हैं। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि फाइट के दौरान काफी एथलीट जल्दी थक जाते हैं लेकिन क्रॉसफिट ना केवल स्टेमिना बल्कि धैर्य रखने की क्षमता को भी बढ़ाता है।