कैसे मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग दिमाग को मुसीबतों का सामना करने के लिए तैयार करती है
मार्शल आर्ट्स ट्रेनिंग से जितने शारीरिक फायदे होते हैं, उतने ही मानसिक भी। लगातार प्रैक्टिस करने की वजह से दिमाग में दिक्कतों का निपटारा करने की एक मानसिकता बन जाती है, जो आपको भविष्य में आने वाले परेशानियों को दूर करने में मददगार बना सकता है।
यकीनन, हर कोई अलग होता है लेकिन मार्शल आर्ट्स लाइफ स्टाइल के लिए प्रतिबद्धता और लगातार ट्रेनिंग की वजह से पॉजिटिव प्रभाव जरूर होते हैं।
हम आपको बताने जा रहे हैं कि कैसे मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग के कारण आने वाले मानसिक बदलावों से जिंदगी की चुनौतियों से पार पाया जा सकता है।
मानसिक सहन-शक्ति को बढ़ाने में मददगार
एक कड़े ट्रेनिंग सेशन के बाद आपको ये एहसास होता है कि आप कांच के नहीं बने हैं, ये एक तरह से आंख खोलने का काम करते हैं। अक्सर हम जितना खुद के बारे में सोचते हैं, उससे कहीं ज्यादा मजबूत होते हैं।
जिम में की गई कड़ी मेहनत और लगातार शारीरिक चैलेंजों को पार करने के बाद एहसास होता है कि रास्ते में आने वाली सभी बाधाओं को पार किया जा सकता है। हम इससे आगे बढ़ने और फिर से कड़ी मेहनत में जुट जाने के लिए प्रेरित होते हैं।
ऐसे में मार्शल आर्ट्स की ट्रेनिंग की वजह से लचीलापन और मानसिक मजबूती मिलती है, क्योंकि आप लगातार मुश्किलों को पार करते हुए आगे बढ़ते रहते हैं। पहले जिन बाधाओं की वजह से आप रुक जाते थे, अब वो आपके सफर तक पहुंच जाने तक नहीं रोक पाएंगी।
आपको समस्याओं का समाधान करना सिखाएगा
जिंदगी में मु्श्किलें कहीं और कभी भी आ सकती हैं। ये थोड़ी मुसीबत से लेकर भारी दिक्कत पैदा कर सकती हैं। ऐसे हालात में हम किस तरह से उस मुसीबत के प्रति रिएक्ट करता है, ये सबसे महत्वपूर्ण चीज़ बन जाता है।
फोकस और थोड़ी सी सोच की वजह से मार्शल आर्ट्स की प्रैक्टिस करने वाले अंदाजा लगा सकते हैं कि वो जैब सही तरह से क्यों नहीं लगा पा रहे हैं या फिर मैट पर किसी एक पोजिशन में आकर क्यों अटक गए हैं। इस वजह से आप समस्या पर काम करना शुरु कर देते हैं। ऐसा ज्यादा दबाव वाले हालात में हो सकता है, इस कारण हम तुरंत फैसले कर सकते हैं।
अगर कोई जिम में सही मौकों पर ये कर अच्छे नतीजे पा सकता है तो फिर असल जिंदगी में भी इन चीजों को लागू किया जा सकता है।
धैर्य बनाने में मददगार
कभी-कभी जिंदगी में मुसीबत हर तरफ से आ जाती है और हम बिना कुछ सोचे समझे उन्हें ठीक करने में लग जाते हैं। लेकिन मार्शल आर्ट्स में इस तरह की अप्रोच मुसीबत का सबब बन सकती है और इस वजह से बिना सोचे-समझे कुछ करने से मुसीबत और बढ़ सकती है।
इस वजह से बहुत जरूरी है कि कदम पीछे लें, पूरे हालात के बारे में आराम से सोचें और फिर कुछ करने का विचार करें।
अक्सर एक कदम पीछे लेने से उस चीज़ का असर थोड़ा कम दिखने लगता है। काफी कदम पीछे करने की वजह से आपको पूरा हालात समझ में आ जाता है। धैर्य रखने से यही होता है और आप सही-गलत का फैसला कर पाने में समर्थ होंगे।
मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा
जब हम शारीरिक रूप से बीमार पड़ते हैं, तो अंदाजा होता है कि किस तरह से इसका इलाज संभव है। ऐसा ही हाल मानसिक बीमारी में हो सकता है।
कई सारी स्टडी में पाया गया है कि मार्शल आर्ट्स की वजह से डिप्रेशन और चिंता कम हो सकती है।
सामाजिक मेल-जोल और फिजिकल एक्टिविटी करने के कारण दिमाग पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ता है, जिसे जिम में अपने दोस्तों और ट्रेनिंग पार्टनर्स के साथ हासिल किया जा सकता है। हालांकि, ये सबके लिए कारगर हो, ऐसा कतई जरूरी नहीं है। ये इलाज का एक माध्यम जरूर बन सकता है।