दक्षिण-पूर्व एशिया का उभरता हुआ मार्शल आर्ट्स सिलेट
सिलेट के अनोखे तरीके को सालों से अनदेखा किया जा रहा था लेकिन आज दक्षिण-पूर्व एशिया के इस पारंपरिक मार्शल आर्ट्स का अभ्यास मलेशिया, इंडोनेशिया, ब्रूनेई, थाईलैंड और फिलीपींस में होता है।
सिलेट अपने 1,000 से भी ज्यादा प्रकार की वजह से ऑस्ट्रिया, फ्रांस, यूनाइटेड किंगडम और यूनाइटेड स्टेट्स अमेरिका में भी फैल चुका है।
इस खेल के बारे में जानें और साथ ही इसके बदलाव, अलग-अलग स्टाइल्स और कैसे ये अभी भी विश्व स्तर पर प्रसिद्धि हासिल कर रहा है।
सिलेट का संक्षिप्त विवरण
आठवीं सदी में बोरोबुदुर मन्दिर, जावा, इंडोनेशिया में सिलेट के पुरातात्त्विक सबूत मिले थे। अन्य मार्शल आर्ट्स की तरह ही इसे भी युद्ध के समय पर खुद के बचाव के लिए बनाया गया था।
सिलेट में फुटवर्क और हाथ की मूवमेंट की तकनीक के साथ ही प्रेशर पॉइंट्स पर भी हमला किया जाता है।
इस अभ्यास में केरिस (चाकू), परंग (बरछा) और हथियारों से बचाव करने के तरीके शामिल हैं।
सिलेट में पहनावा और हथियार
सिलेट का विद्यार्थी काले कपड़े और बंडाना (सिर पर पकड़ा) पहनता है और काफी स्टूडेंट्स मानते हैं कि इसमें जादुई शक्तियां हैं। इन बंडाना पर अरबी शब्दों में लिखा होता है और साथ ही उस पर बाघ की तस्वीर बनी होती है।
सिलेट में अभ्यासों के अनुसार अलग-अलग हथियार उपयोग होते हैं लेकिन ज्यादातर हथियार खेती की सामग्री से आते हैं।
एक चाकू को 9 प्रकार के धातु से बनाया जाता है जिसमें लकड़ी, सोना या हाथी का दांत लगा हुआ रहता है। इसे 3 भागों में बांटा गया है: बिलाह (ब्लेड), हुलु (पकड़ने वाला हिस्सा) और वरंगका (मियान)।
बरछा सिलेट का अन्य हथियार है। इस हथियार की ब्लेड मुड़ी या सीधी रहती है और इसका आकार छोटे चाकू से लेकर एक असल तलवार जितना रह सकता है।
इसके बाद लेम्बिंग (भाला) का नाम आता है। ये बांस, स्टील या लकड़ी से बनता है। एक सेबिट (दरांती) सिलेट का सबसे प्रसिद्ध हथियार है।
सरोंग नाम के कपड़े को कमर पर लपेटा जाता है और इसके रोकने, चोकहोल्ड और झपटने के लिए उपयोग किया जा सकता है। ये ब्लेड के बने हथियारों से बचाव में भी मदद कर सकता है।
सिलेट के 3 प्रसिद्ध स्टाइल
सिलेट पुलुट के पारंपरिक स्टाइल का प्रदर्शन शादी समारोह में होता है जब दूल्हा और दुल्हन दोनों ही दूल्हे के घर आते हैं।
सारी मूवमेंट्स को उत्तम ढंग से किया जाता है जो सम्मान को दर्शाता है और इसे गुस्से में नहीं किया जा सकता। साथ ही पंचों या किक्स का भी उपयोग भी नए वर-वधु के सामने नहीं किया जा सकता।
भले ही मलेशिया की शादियों में इसके प्रदर्शन को सिलेट पुलुट कहा सकता है लेकिन जगह के अनुसार इसका नाम बदलता है। इंडोनेशिया के पश्चिम सुमात्रा में मौजूद मिनांगकबाउ जाति में इसे सिलेक गेलोमबैंग कहा जाता है, वहीं उत्तर सुमात्रा की बेटावी शादियों में इसे पेंटजेक सिलेट बेटावी कहा जाता है।
अंतरराष्ट्रीय सिलेट टूर्नामेंट्स के शुरुआती समारोह में भी सिलेट पुलुट का प्रदर्शन किया जाता है।
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सिलेट का एक और प्रकार है सेनी गेयोंग जिसे बूगिस के लोगों द्वारा सुलावेसी, इंडोनेशिया के इलाके से लाया गया था। ये जोड़ों के लॉक्स पर निर्भर रहता है और ये ग्रैपलिंग की तकनीकों को तोड़ता है।
सेनी गेयोंग असल में सिलेट का उच्च स्तरीय प्रकार है और ये ताकत, लचीलेपन और हमलों को रोकने में मदद करता है।
खाली हाथों से फाइट की पहली स्टेज से शुरुआत करने के बाद सेनी गेयोंग के विद्यार्थी 6 और स्टेज को हथियारों के साथ पार करते हैं।
अंत में पेंटजक सिलेट आता है जिसमें ऊपर बताए गए दो प्रकार शामिल हैं। ये स्टाइल सिलेट से भी ज्यादा आक्रामक है और इसमें स्ट्राइक्स, किक्स, लॉक्स और हथियारों के उपयोग कर ध्यान दिया जाता है।
नौसिखिया सबसे पहले स्टांस (खड़े होने के तरीके) के बारे में सीखता है और बाद में तकनीक, स्फूर्ति और कंडिशनिंग का निर्माण करता है।
पेंटजक सिलेट के बारे में खास बात ये है कि ये जानवरों के गुणों से बनाया गया है। विद्यार्थी शेर, चील, साँप, मगरमच्छ, बिछु और ड्रैगन की मूवमेंट्स और स्टांस की नकल करते हैं।
पेंटजक सिलेट अमूमन जावा, सुमात्रा और बाली में पाया जाता है और ये सिलेट का सबसे प्रसिद्ध प्रकार है।
बड़ी स्क्रीन पर सिलेट का प्रदर्शन
सिलेट के अनोखे स्टाइल को बड़ी स्क्रीन पर पिछले सालों में कई बार दिखाया गया है।
मार्वल की 2018 में आई बॉक्स-ऑफिस हिट ब्लैक पैंथर में काम करने वाले अभिनेता चैडविक बोसमैन, जिन्होंने हीरो टी’छल्ला का किरदार निभाया था, उन्होंने कहा था कि अभिनेताओं को अपने किरदारों के लिए सिलेट, सेंगलीज़ रेसलिंग, कपोएरा और मॉय थाई की ट्रेनिंग करने के लिए कहा गया था।
1996 की हॉक वेंजेन्स में अंग्रेजी मार्शल आर्टिस्ट गैरी डेनियल्स ने सिलेट का उपयोग किया था। वहीं इंडोनेशिया की रैड और इसके अन्य पार्ट रैड 2 में सिलेट का शानदार बैटल दिखाया गया था।
हाल ही इंडोनेशियाई अभिनेता और सिलेट के विद्यार्थी ययन रुहीआन और सेसप आरिफ रहमान ने जॉन वीक: चैप्टर 3 – पैराबेलियम में मुख्य अभिनेता किआनू रीव्स के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई में सिलेट का उपयोग किया था।
आज के समय में सिलेट
1982 से नीदरलैंड्स, इंडोनेशिया, ऑस्ट्रिया, मलेशिया, सिंगापुर और थाईलैंड जैसे देशों ने वर्ल्ड पेंटजक सिलेट चैंपियनशिप को होस्ट किया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के अलावा सिलेट को प्रतियोगी खेल के रूप में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर भी आगे लाया जा रहा है। सिलेट 2001 से दक्षिण-पूर्व एशियाई गेम्स का भी हिस्सा है।
साथ ही इंटरनेशनल पेंटजक सिलेट फेडरेशन (PERSILAT) के पास 50 से ज्यादा देशों के एक हजार से ज्यादा सदस्य हैं। यूनाइटेड स्टेट्स, बेल्जियम, और फ्रांस ने कई सालों से ओपन पेंटजक सिलेट चैंपियनशिप आयोजित कराई है।
आखिर दिसंबर 2019 में UNESCO ने इंडोनेशियाई पेंटजक सिलेट और मलेशियाई सिलेट को अपने अटूट सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कर लिया गया।
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