Tip Tuesday: बिबियानो फर्नांडीस के ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में सफल होने के 3 राज
ONE बेंटमवेट वर्ल्ड चैंपियन बिबियानो “द फ्लैश” फर्नांडीस द्वारा प्राप्त की गई ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) में अपार सफलता से उन्हें अपने गेम में नियमित रूप से सुधार करने में भी मदद मिलती आई है।
जब से उन्होंने मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में कदम रखा है और ONE Championship के इतिहास के सबसे महान चैंपियंस में शुमार हुए हैं, वो IBJJF वर्ल्ड जिउ-जित्सु चैंपियनशिप्स में ब्लैक बेल्ट होल्डर रहते हुए 3 चैंपियनशिप्स अपने नाम कर चुके हैं।
फर्नांडीस का जीवन मुश्किलों भरा रहा है। ब्राजीलियाई स्टार जिम में ट्रेनिंग के लिए पैसा इकट्ठा करने हेतु मैट्स की सफाई करते थे, उन्होंने कड़ी मेहनत कर खुद को सफल बनाया है। उन्होंने जो भी चैंपियनशिप जीती है उसके लिए वो हमेशा से कड़ी मेहनत करते आए हैं।
इस हफ्ते के #TipTuesday में “द फ्लैश” ने अपने फैंस को बताया कि वो कैसे अपनी BJJ स्किल्स में सुधार ला सकते हैं।
#1 मैट पर ट्रेनिंग करना सबसे महत्वपूर्ण है
ये एक ऐसी दुनिया है जहाँ लोग जल्द से जल्द बड़ी चीजें हासिल करना चाहते हैं, “द फ्लैश” ने कहा कि इस खेल में सफल होने के लिए कड़ी मेहनत के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है।
कुछ लोगों के पास एथलेटिक गुण होते हैं जिससे उन्हें ट्रेनिंग के शुरुआती समय में चीजों को सीखने में थोड़ी आसानी होती है लेकिन उनका मानना है कि मैट पर कई घंटों की कड़ी मेहनत से होने वाले फायदे की बराबरी कोई नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा, “प्रतिबद्ध रहना सबसे ज्यादा जरूरी है। अच्छा स्कूल और अच्छा कोच ढूंढें और मैट पर ट्रेनिंग करने पर पूरा ध्यान लगाएं। आपको केवल ट्रेनिंग पर ही ध्यान केंद्रित रखना है।”
ग्रैपलिंग की दुनिया के टॉप पर पहुंचने के सफर में फर्नांडीस ने साल 2001 में पर्पल बेल्ट डिविजन में IBJJF वर्ल्ड चैंपियनशिप जीती, 2002 में ब्राउन बेल्ट डिविजन में और 2003, 2005 और 2006 में ब्लैक बेल्ट डिविजन में।
इस शानदार जीत के सिलसिले को पाने के लिए उन्हें हर दिन कई घंटों तक ड्रिलिंग और रॉलिंग करनी पड़ती थी और खुद अपने प्रदर्शन को स्टडी करते थे।
उन्होंने बताया, “मैं वर्ल्ड चैंपियन बनने के लिए पूरे दिन ट्रेनिंग करता रहता था। सुबह से लेकर शाम और रात को भी। हर रोज ट्रेनिंग करता था लेकिन वीकेंड में आराम करता क्योंकि मुझे कॉम्पिटिशन में भी हिस्सा लेना होता था, इसी मेहनत के बलबूते मेरा जिउ-जित्सु गेम इतना अच्छा है।”
“अपनी गलतियों को पहचानें। मैं जिस भी तकनीक का इस्तेमाल करता था, उसके बारे में दोबारा नहीं सोचता था लेकिन मुझे ये जरूर पता होता था कि मुझे आगे क्या करना है। जैसे अगर मैंने कोई गलती की, तो मैं उसे ठीक कैसे कर सकता हूँ?”
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#2 ज्यादा से ज्यादा मुकाबलों में हिस्सा लेने की कोशिश करें
गलतियों को सुधारने का एक तरीका ये है कि आप जिम में ट्रेनिंग के दौरान उन कमजोरियों को ढूंढने की कोशिश करें, साथ ही फर्नांडीस का ये भी मानना है कि ट्रेनिंग के अलावा लगातार कॉम्पिटिशन का हिस्सा बनकर भी कमजोरियों को दूर किया जा सकता है।
जिम में आपको अपने ट्रेनिंग पार्टनर्स के गेम प्लान के बारे में पता होता है और इसी कारण आप उनके साथ मैच से घबराते नहीं हैं। लेकिन असली बाउट में परिस्थितियाँ इससे पूरी तरह अलग होती हैं और दबाव का स्तर आपके प्रदर्शन के स्तर को नीचे धकेलने की कोशिश कर रहा होता है।
उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि किसी एथलीट को मैट पर ज्यादा समय व्यतीत करना चाहिए और कॉम्पिटिशन पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।”
“असली फाइट काफी दिलचस्प होती है क्योंकि वहाँ आपका सामना घबराहट और मानसिक दबाव से होता है और BJJ के लिए ये चीजें बेहद अहम हैं। जब आप नियमित रूप से फाइट्स का हिस्सा बनते हैं तो आपका आत्मविश्वास बढ़ने लगता है।
“मुझे लगता है कि ऐसा करने से आप घबराहट, परेशानी और मानसिक दबाव पर कंट्रोल रख सकते हैं और साथ ही आपकी बॉडी भी आपका साथ देने लगती है। जिउ-जित्सु स्कूल में हमें ये सब सीखने को नहीं मिलता लेकिन असल फाइट में मिलता है। इसी से आप अपनी तकनीक में सुधार ला सकते हैं।
“ये ही एकमात्र कारण है जिसकी वजह से मानता हूँ कि फाइट करना बहुत जरूरी है। आपको अपनी गलतियों के बारे में पता चलता है और उन्हें सुधार करने का मौका भी मिलता है।”
#3 अच्छे ट्रेनिंग पार्टनर बनें
अच्छे ट्रेनिंग पार्टनर्स के बिना BJJ जैसे कठिन कॉम्बैट स्पोर्ट के टॉप पर पहुंचना लगभग नामुमकिन है। साथ ही आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि अगर आप लोगों के साथ लगातार ट्रेनिंग सेशंस का हिस्सा बनना चाहते हैं तो ये सुनिश्चित करें कि आप उनके लिए एक अच्छे ट्रेनिंग पार्टनर हैं।
इसका मतलब ये है कि अपने अहंकार को दूर करें, दूसरों के प्रति सहानुभूति रखें और ऐसा पार्टनर चुनें जो आपको कड़ी चुनौती दे सके।
उन्होंने बताया, “ऐसे कई तरीके हैं जिनसे आप एक अच्छे ट्रेनिंग पार्टनर बन सकते हैं और साथ में ड्रिल्स कर सकते हैं लेकिन ये बात भी ध्यान रखनी चाहिए कि आप अपने दोस्त को क्षति ना पहुँचाएं क्योंकि आगे चलकर आपको उनके साथ की जरूरत पड़ने वाली है।”
“अगर आप अच्छी पोजिशन में भी हैं तो सावधानी बरतें। अपने दोस्त के हाथ को टूटने से बचाएं और अगर आप उन्हें चोक कर रहे हैं तो चोक का दबाव ज्यादा ना हो। उन्हें ऐसा एहसास ना होने दें कि आप खुद को ज्यादा ताकतवर दिखाने की कोशिश कर रहे हैं। वो आपके पार्टनर हैं और उन्हें समझना बहुत जरूरी है। अगर आप इन नियमों का पालन करते हैं तो दोनों के लिए एक साथ ट्रेनिंग करना आसान होगा।”
हालांकि, ये चीजें केवल आक्रामक रवैये पर ही लागू नहीं होती हैं। डिफेंस करते समय भी अहंकार को हमेशा दूर ही रखना चाहिए, अगर आप ऐसा नहीं करेंगे तो किसी को भी चोट लग सकती है।
फर्नांडीस ने आगे कहा, “कभी-कभी आपको टैप-आउट करना पसंद नहीं होता लेकिन आपको खुद में सुधार भी करना होगा। मान लीजिए अगर आप आर्मलॉक में फंस चुके हैं तो एक अच्छे ट्रेनिंग पार्टनर होने के नाते चोटिल होने से पहले टैप कर दें।”
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