भारतीय MMA फाइटर रोशन मैनम से जुड़ी 5 बेहद रोचक बातें
रोशन मैनम भारत के तेजी से उभरते हुए मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स में से एक हैं।
वो शुक्रवार, 19 मार्च को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम से प्रसारित होने वाले प्री-रिकॉर्डेड इवेंट ONE: FISTS OF FURY III की फ्लाइवेट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स फाइट में नजर आएंगे। उनका सामना 23 वर्षीय इंडोनेशियाई एथलीट अज़ीज़ “द क्रॉसर” कालिम से होगा।
साल 2019 में ONE Championship में डेब्यू करने वाले मैनम ने अभी तक अपने दोनों मुकाबलों में जीत हासिल की है और उनकी नजरें इस हफ्ते मैच जीतकर हैट्रिक लगाने पर हैं। वो अगली फाइट को सबमिशन या नॉकआउट से जीतना चाहते हैं।
आइए इस हफ्ते होने वाले मैच से पहले उनके बारे में कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।
रेसलिंग चैंपियन
24 वर्षीय रोशन मैनम रेसलिंग से मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स में आए हैं और उनका अभी तक का सफर बेहद शानदार रहा है।
रेसलर्स की जबरदस्त शारीरिक क्षमता को देखने के बाद नौ साल की उम्र में मणिपुरी स्टार का रेसलिंग के प्रति रुझान हुआ। उन्होंने इस खेल में शुरुआत से ही अच्छा प्रदर्शन किया और जल्द ही कामयाबी हासिल की। उन्हें जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया, लेकिन टखने में लगी चोट के कारण उनका मेडल जीतने का सपना टूट गया।
हालांकि, मैनम ने हार नहीं मानी और दिल्ली आकर भारत के सबसे प्रतिष्ठित और पुराने गुरु हनुमान अखाड़े को जॉइन किया। वहां उन्होंने दिग्गज रेसलर्स की निगरानी में ट्रेनिंग करते हुए चार बार दिल्ली स्टेट चैंपियनशिप जीती।
Evolve Fight Team का कॉन्ट्रैक्ट जीता
Evolve MMA एशिया का सबसे मशहूर मार्शल आर्ट्स संगठन है, जिसमें ट्रेनिंग करना बहुत सारे मार्शल आर्टिस्ट्स का सपना होता है। मैनम ने अपनी प्रतिभा के दम पर इस सपने को जिया।
नवंबर 2018 में Evolve द्वारा सिंगापुर में ट्राइआउट (ट्रायल) का आयोजन किया था। इसमें चुने जाने वाले एथलीट को तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट और करीब 50 हजार अमेरिकी डॉलर की सालाना सैलरी, वर्ल्ड चैंपियंस की निगरानी में ट्रेनिंग समेत कई तरह की सुविधाएं मिलेंगी।
दिल्ली स्टेट रेसलिंग चैंपियन अपने कुछ दोस्तों की मदद से ट्राइआउट में भाग लेने पहुंचे। उन्होंने अपने टैलेंट से कोचों व ट्रेनर्स का दिल जीता और मशहूर Evolve Fight Team का हिस्सा बने।
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खुद का जिम खोलने का सपना किया पूरा
24 वर्षीय स्टार ने काफी समय पहले सपना देखा था कि उनका अपने होमटाउन में खुद का जिम हो। 2020 में जाकर उन्होंने अपने इस सपने को हकीकत में बदला और RMX Mixed Martial Arts and Fitness Gym खोला।
इस जिम व ट्रेनिंग सेंटर को खोलने के पीछे उनका मकसद अपने शहर और आसपास के युवाओं को मार्शल आर्ट्स के प्रति प्रेरित करना और उन्हें एक अच्छा प्लेटफॉर्म देना है।
आज उनके इस जिम में बड़ी संख्या में युवा हैं, जो रोजाना अपनी स्किल्स में सुधार कर अपनी मंजिल तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
बाएं हाथ में दस्ताना पहले पहनते हैं
किसी भी खेल में कामयाबी हासिल करने के लिए खिलाड़ी को जी-तोड़ मेहनत और त्याग करना पड़ता है। खेलों की दुनिया में ढेरों खिलाड़ी हैं, जो किसी न किसी तरह के अंधविश्वास या पद्धति को हमेशा मानते हैं। उदाहरण के लिए, सचिन तेंदुलकर हमेशा बायां पैड पहले पहनते थे, क्रिस्टियानो रोनाल्डो मैदान पर अपना दायां पैर पहले रखते हैं और महान ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर स्टीव वॉ अपने बाईं जेब में लाल रंग का रुमाल रखते थे।
इस तरह ढेरों खिलाड़ी हैं, जो किसी न किसी अंधविश्वास या पद्धति को फॉलो करते हैं। उनका मानना होता है कि ये चीज उनके लिए शुभ साबित होती है।
उसी तरह भारतीय मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट मैनम भी सबसे पहले ग्लव को बाएं हाथ में पहनते हैं, उसके बाद फिर दाएं हाथ में। वो इस रुटीन को मैच और ट्रेनिंग के दौरान फॉलो करते हैं।
घूमने-फिरने की बजाय आराम करते हुए फाइट वीडियोज़ देखने में दिलचस्पी
ONE में लगातार दो मैच जीत चुके मैनम सिंगापुर में रहते हैं, जिसे दुनिया की सबसे खूबसूरत और फेमस टूरिस्ट डेस्टिनेशन में से एक माना जाता है। मणिपुर निवासी एथलीट को जब भी छुट्टी मिलती है तो वो घर पर रहकर आराम करना ज्यादा पसंद करते हैं।
वो ट्रेनिंग करने के अलावा Evolve MMA में ट्रेनर भी हैं। अधिकतर समय व्यस्त रहने वाले फ्लाइवेट स्टार रोजाना दौड़ लगाने के लिए बाहर जाते हैं। खाली समय पर उन्हें MMA फाइट्स, बॉक्सिंग मैचों आदि की वीडियोज़ के अलावा मॉटिवेशनल वीडियोज़ देखना काफी पसंद है।
सभी मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स शैडो बॉक्सिंग करते हैं। मैनम को भी शैडो बॉक्सिंग करना बहुत पसंद है। वो जिम के अंदर, घर, बाहर घूमते हुए भी शैडो बॉक्सिंग करते हैं।
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