कैसे परिवार ने अर्जन भुल्लर को रेसलिंग और MMA के शिखर पर पहुंचने में मदद की

Arjan Bhullar Brandon Vera ONE DANGAL

अर्जन भुल्लर 23 जून को ONE Friday Fights 22 में आखिरकार पहली बार अपने ONE हेवीवेट वर्ल्ड टाइटल को डिफेंड करने रिंग में उतरेंगे।

उनका सामना थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के मशहूर लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में होने वाले वर्ल्ड टाइटल यूनिफिकेशन मैच में हेवीवेट डिविजन के अंतरिम वर्ल्ड चैंपियन एनातोली मालिकिन से होगा, जो अभी तक अपने करियर में हारे नहीं हैं।

अब कनाडाई-भारतीय फाइटर के सामने अपनी चैंपियनशिप बेल्ट को डिफेंड करने की कठिन चुनौती है।

उन्होंने अपने पिता के नक्शे-कदम पर चलकर रेसलिंग में कामयाबी हासिल की और उसके बाद MMA में कदम रखा। उनकी खेलों में कामयाबी के पीछे खुद की मेहनत, लगन के अलावा एक मजबूत परिवार का साथ भी रहा।

पत्नी ने हर मोड़ पर दिया साथ

कहते हैं कि हर कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है, ये कहावत भारत के पहले MMA वर्ल्ड चैंपियन के लिए एकदम सही है।

खतरनाक हेवीवेट एथलीट भुल्लर और उनकी पत्नी की मुलाकात दोस्तों के कारण हुई थी। अपनी पहली मुलाकात, प्यार और फिर शादी की कहानी बयां करते हुए भुल्लर ने बताया:

“मेरी पत्नी का नाम नीनू भुल्लर है और हम काफी सालों तक एक ही फ्रेंड सर्कल का हिस्सा रहे, लेकिन हमारी मुलाकत एक ऐसे व्यक्ति ने करवाई, जो हम दोनों को जानता था। हमारी लव मैरेज हुई। हमारी शादी को अब 6 साल पूरे हो चुके हैं।

“वो बहुत मेहनत करती हैं और मैं अपने सपनों को पूरा कर सकूं इसलिए खुद से जुड़ी कई चीज़ों का त्याग करती हैं। ये बात मुझे प्रेरित करती है। मुझे लगता है कि हम दोनों एक-दूसरे को बेहतर बनने में मदद करते हैं।”

एक MMA फाइटर होना आसान नहीं है। इसी कारण भुल्लर को भी ऐसी कई समस्याओं से जूझना पड़ा है, जो उनपर मानसिक दबाव डाल सकती थीं।

फाइट्स के लिए परिवार से दूर जाना, हमेशा चोट लगने की संभावना बने रहना और खुद को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने जैसी चीज़ें एक फाइटर के लिए परेशानी का सबब बन सकती हैं।

कनाडाई-भारतीय फाइटर ने इस बारे में कहा:

“MMA फाइटर होना चुनौतीपूर्ण है। ऐसे कई मौके रहे जब मैं फाइट चाहता था, तब मुझे नहीं मिल पाई इसलिए ये सफर बहुत चुनौतियों भरा रहा है। आप फाइट के लिए तैयार हो रहे हों, तब ख्याल आए कि आपकी पत्नी और पूरे परिवार को इसके लिए त्याग करना पड़ा है। हमारे बच्चे भी हैं। मैं ट्रेनिंग कर पाऊं इसलिए सबको मेरे कारण कुछ ना कुछ त्याग करना पड़ता है लेकिन इस सबके बावजूद फाइट ना हो तो उससे उबर पाना आपको मानसिक रूप से झकझोर देता है।

“उस समय भावनाओं पर काबू रख पाना मुश्किल होता है, लेकिन अच्छी बात ये है कि मैं इस खेल में सफल रहा हूं। इस खेल में बने रहने के दौरान हमेशा चोट की संभावना बनी रहती है, किसी भी क्षण कुछ भी हो सकता है। इसलिए MMA फाइटर होना बहुत चुनौतीपूर्ण है।”

जॉइंट फैमिली से पाई सफलता की कुंजी

अर्जन भुल्लर का परिवार दशकों पहले पंजाब से जाकर कनाडा में बस गया था और उनका जन्म वहीं पर हुआ। पूर्व कॉमनवेल्थ रेसलिंग गोल्ड मेडल विजेता का पालन-पोषण एक बड़े परिवार में हुआ, जिसे वो जीवन जीने का एक अनोखा तरीका बताते हैं।

हालांकि जॉइंट फैमिली में रहना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन भुल्लर इस अनुभव को आनंद देने वाला समझते हैं।

American Kickboxing Academy के प्रतिनिधि भुल्लर ने कहा:

“हां, मैं जॉइंट फैमिली में रहता हूं, जिसका मतलब यहां मेरे परिवार की कई पीढ़ियों से जुड़े लोग रहते हैं। पहले मेरे दादा-दादी और माता-पिता इस घर में रहते थे।

यहां आंटी, अंकल और कज़िन बहन-भाई भी रहते हैं। मेरे पिता, उनके 3 भाई और उनके बच्चे, जो अब शादी कर चुके हैं और उनके बच्चे भी हैं। ये किसी पुराने और बड़े फार्महाउस की तरह है और जीवन जीने का एक अनोखा तरीका है। मगर हम सबको एक-दूसरे का साथ पसंद है और खूब मजा भी करते हैं।”

MMA में 11-1 का रिकॉर्ड रखने वाले भुल्लर का मानना है कि परिवार के सपोर्ट के बिना कोई एथलीट सफलता प्राप्त नहीं कर सकता।

वो मानते हैं कि अपने करीबियों का साथ होना आपको कठिन से कठिन चुनौती को पार करने में मदद करता है। भुल्लर ने अपने परिवार से मिली उस सलाह के बारे में बताया, जो उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

भुल्लर ने अपने परिवार से मिले सपोर्ट के बारे में बताते हुए कहा:

“अगर परिवार का सपोर्ट ना हो तो कोई एथलीट सफलता प्राप्त नहीं कर सकता। उनका विफलता और सफलता के समय भी साथ आपके लिए जरूरी है। हमारा परिवार बहुत बड़ा है इसलिए मुझे किसी आम व्यक्ति से ज्यादा सपोर्ट मिलता आया है और यही बात मुझे प्रोत्साहित करती है। मुझे उनसे प्रेरणा, कुछ हासिल करने का जुनून और अपने जीवन का महत्व समझ आता है।

“मेरे परिवार ने मुझे सलाह दी कि जब आप किसी चीज़ से लगाव महसूस करें तो उसे हासिल करने के लिए पूरी ताकत लगा दें। इससे फर्क नहीं पड़ता आप क्या करते हैं, लेकिन उसमें बेस्ट बनने के लिए पूरी जान झोंक देनी होती है। ऐसा आप तभी कर पाते हैं, जब आपको किसी विशेष चीज़ से लगाव महसूस हो। इसलिए दुनिया में जो भी व्यक्ति कुछ हासिल करने के इरादे से आगे बढ़ रहा है, उसके लिए ये बहुत अच्छी सलाह है। जब आप जान लेंगे कि आपको क्या हासिल करना है, तब उसमें महारत हासिल करना आसान हो जाता है और मेरी नजर में ऐसा करना बहुत जरूरी है।”

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