ONE 160 के लिए कांथाराज अगासा पूरी तरह से तैयार – ‘मेरा पहले से बेहतर रूप देखने को मिलेगा’
भारत के फ्लाइवेट MMA स्टार कांथाराज “कन्नाडिगा” अगासा सर्कल में वापसी करने जा रहे हैं।
शुक्रवार, 26 अगस्त को सिंगापुर इंडोर स्टेडियम से लाइव प्रसारित होने वाले ONE 160: Ok vs. Lee II के मेन कार्ड में उनका सामना ब्राजील के ग्रैपलिंग स्टार थालेस नकासू से होगा।
30 वर्षीय स्टार काफी पहले वापसी करने के लिए तैयार थे, लेकिन उनकी मां की तबीयत खराब होने और फिर उनके ऑपरेशन के चलते अगासा को तीन महीने का ब्रेक लेना पड़ा। अब वो पूरे जोश के साथ अपनी पहली ONE जीत हासिल करने के लिए तैयार हैं।
अगासा ने बताया:
“मुझे काफी समय से इंतज़ार था कि मेरी वापसी कब होगी। मैं पिछले साल दिसंबर में फाइट के लिए स्वस्थ महसूस करने लगा था।
“दुर्भाग्यवश, उस समय मेरी मां की तबीयत बिगड़ने लगी थी, जिसकी वजह से 3 महीनों तक घर पर रहना पड़ा। मार्च में दोबारा ट्रेनिंग शुरू की और अब फाइट के लिए पूरी तरह तैयार हूं।”
अगासा ने पिछले साल मई महीने में हुए ONE: FULL BLAST में चीनी फाइटर “द हंटर” शी वेई के खिलाफ अपना डेब्यू किया था।
दोनों के बीच दो राउंड्स का शानदार एक्शन देखने को मिला। दूसरे राउंड के अंतिम क्षणों में वेई का घुटना अगासा के सिर पर लगा और वो तीसरे राउंड की शुरुआत करने में असमर्थ दिखे। इस कारण उन्हें तकनीकी नॉकआउट से हार का सामना करना पड़ा। अब वो पिछली हार को भुलाकर नए आगाज की तरफ देख रहे हैं।
इस बार उनकी टक्कर उस एथलीट से हो रही है, जो कि ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) और जूडो में ब्लैक बेल्ट होल्डर हैं। वहीं अगासा की बात करें तो वो रेसलिंग बैकग्राउंड से आते हैं और उनके पास भी जूडो ब्लैक बेल्ट है।
“कन्नाडिगा” ने अपने प्रतिद्वंदी और खुद के गेम में समानता के बारे में बताया:
“हमारा गेम काफी हद तक एक जैसा रहने वाला है। मैं एक एथलीट के तौर पर उनका बहुत सम्मान करता हूं। मैंने उनकी फाइट्स को देखकर उनके गेम को परखा है।
“चूंकि मैं भी एक ग्रैपलर हूं इसलिए अंदाजा होता है कि मेरे ग्रैपलर प्रतिद्वंदी के दिमाग में क्या चल रहा होगा। मैं मानता हूं कि इस बार मैं अपने प्रतिद्वंदी से बेहतर रहूंगा क्योंकि वो केवल जूडो और जिउ-जित्सु बैकग्राउंड से हैं, लेकिन मैं बचपन से रेसलिंग से जुड़ा रहा हूं। रेसलिंग में ग्रैपलिंग और BJJ में ग्रैपलिंग काफी अलग होती है। मेरी नजर में BJJ के मुकाबले ग्रैपलिंग करने वाले रेसलर्स हमेशा डोमिनेट करते आए हैं।”
कांथाराज अगासा ने भारतीय फैंस को नया अवतार दिखाने का वादा किया
कांथाराज अगासा का प्रोफेशनल मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स रिकॉर्ड 11-3 का है। करियर के शुरुआत में उन्होंने 10 लगातार मुकाबले अपने नाम किए थे, जो कि उनकी प्रतिभा को दर्शाते हैं।
उनके प्रतिद्वंदी की बात करें तो नकासू ने अपनी आखिरी MMA फाइट 2014 में की थी और MMA में उनका रिकॉर्ड 5-1 का है। ऐसे में दोनों फाइटर्स में Indian Combat Sports Academy के स्टार अनुभव के मामले में काफी आगे नजर आ रहे हैं और यही मुकाबले में अंतर पैदा कर सकता है।
कर्नाटक राज्य में जन्मे स्टार ने कहा:
“अनुभव हमेशा हर एक फाइटर को फायदा पहुंचाता आया है क्योंकि इससे आप कठिन परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रख पाते हैं। समय के ऊपर सही से नियंत्रण रख पाते हैं और स्कोरकार्ड्स में बराबरी की स्थिति में आप तय कर पाते हैं कि आपको किस समय आक्रामक रवैया अपनाना है।
“ऐसा नहीं है कि 2014 में MMA छोड़ने के बाद उन्होंने ट्रेनिंग करनी छोड़ दी होगी। उन्होंने ग्रैपलिंग टूर्नामेंट्स में हिस्सा लिया होगा और वो अभी फेमस जिम (Evolve MMA) में ट्रेनिंग कर रहे हैं, जहां उन्हें अच्छे फाइटर्स के साथ ट्रेनिंग का मौका मिल रहा होगा। मेरे हिसाब से सफलता प्राप्त करना आपकी मानसिकता पर निर्भर करता है।”
डेब्यू मैच में हाथ लगी निराशा के बाद से भारतीय स्टार ने अपनी स्किल्स में काफी सुधार कर लिया है। ग्रैपलर बनाम ग्रैपलर के इस मुकाबले में वो अपनी सबमिशन स्किल्स को बड़ी ताकत मानते हैं।
मैच किस दिशा में आगे बढ़ेगा, इस बात को लेकर “कन्नाडिगा” काफी आश्वस्त लग रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने भारतीय फैंस ने अपना प्यार और आशीर्वाद बनाए रखने की अपील भी की है।
उन्होंने कहा:
“मैं BJJ गेम और सबमिशन स्किल्स को उनकी सबसे बड़ी ताकत मानता हूं। मेरी ग्रैपलिंग अच्छी है और पिछले एक साल में स्ट्राइकिंग में भी काफी सुधार किया है इसलिए उम्मीद है कि इस बार लोगों को मेरा पहले से बेहतर रूप देखने को मिलेगा। हर बार लोग कहते होंगे कि कांथाराज अगासा केवल ग्रैपलिंग और ग्राउंड गेम पर निर्भर रहते हैं, लेकिन मैं इस बार एक अलग रूप में नजर आकर भारतीयों के लिए एक बड़ी जीत दर्ज करूंगा।
“मुझे भरोसा है कि मैं सबमिशन से नहीं हारने वाला और उम्मीद है कि इस फाइट का परिणाम जजों के स्कोरकार्ड्स से आएगा। अगर स्कोरकार्ड्स नहीं तो परिणाम तकनीकी नॉकआउट से आएगा।
“जब भी कोई भारतीय फाइटर बाहर जाकर खेलता है तो वो भारत का प्रतिनिधित्व करता है। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि वो देश के किस कोने से आया है। फैंस अपना प्यार देते रहें ताकि वो अच्छी फाइट कर पाए। इंडिया को सपोर्ट करते रहें।
अब भरपूर आत्मविश्वास के साथ अगासा दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में जीत का खाता खोल खिताब जीतने के अपने सपने की ओर अग्रसर होने का भरपूर प्रयास करेंगे।