एड्रियन मैथिस इंडोनेशिया का बेस्ट एथलीट बनने के लिए रीमैच में खुद को साबित करना चाहते हैं
एड्रियन “पापुआ बैडबॉय” मैथिस जब सर्कल में वापसी करेंगे तो उनकी सबसे बड़ी प्रेरणा ये होगी कि वो खुद को इंडोनेशिया का सबसे बड़ा मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट साबित करना चाहेंगे।
अपने कई सारे साथियों की तरह ही Tigershark Fighting Academy के प्रतिनिधि को भी COVID-19 महामारी के चलते जिम से बाहर ही ट्रेनिंग करनी पड़ रही है।
हालांकि, इस स्ट्रॉवेट एथलीट को पता है कि शेप में कैसा बना रहा जाता है। वो ONE Championship के 2020 में दोबारा अपने कार्यक्रम शुरू करते ही फिर से एक्शन में दिखाई देंगे।
उनकी योजना के पहले चरण में एक जाना-पहचाना विरोधी शामिल है।
मैथिस ने बताया, “कोच जुली (सिलावांटो) वो इस माहौल में भी व्यक्तिगत तौर पर हमें प्रोत्साहित कर रहे हैं, ताकि मैं ट्रेनिंग करते वक्त अपनी स्थिति बरकरार रख सकूं।”
“जब चीजें ठीक होनी शुरू हो जाएंगी तो मैं स्टेफ़र (रहार्डियन) का सामना इस साल एक बार फिर से करना चाहूंगा। वो इंडोनेशिया में सीनियर एथलीट हैं। मुझे अपना स्तर बढ़ाने के लिए उनको पीछे छोड़ना ही होगा।”
ये दोनों एथलीट पिछले अक्टूबर जकार्ता में हुए ONE: DAWN OF VALOR में बाउट कर चुके हैं।
उस मैच में “पापुआ बैडबॉय” ने अपनी ताकतवर स्ट्राइकिंग की झलक दिखाई थी लेकिन अंत में रहार्डियन की ग्रैपलिंग क्षमता ने मैच का रुख बदलकर रख दिया था।
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मैथिस को अच्छे से पता है कि चीजें कहां गलत हुई थीं।
अपने ट्रेनिंग कैंप के दौरान वो फिलीपींस के मनीला में होने वाले प्रतिष्ठित साउथ-ईस्ट एशियन गेम्स के लिए भी तैयारी कर रहे थे। जहां उन्होंने किकबॉक्सिंग में कांस्य पदक जीता था और उनका मानना है कि वो अपने विरोधी की ग्रैपलिंग से बचने के लिए अच्छी तरह से तैयार नहीं थे।
उन्होंने माना, “पिछली बार जब हमारी फाइट हुई थी तो मैं काफी टाइट शेड्यूल पर था और साउथ-ईस्ट एशियन गेम्स के लिए तैयारी कर रहा था।”
“अपने ट्रेनिंग कैंप में मैंने किकबॉक्सिंग पर ज्यादा ध्यान दिया था। मैच से पहले मैंने उन्हें मजाक में कहा था कि पूरी तरह से स्ट्राइकिंग बैटल करूंगा। इसमें ग्रैपलिंग व क्लिंचिंग शामिल नहीं रहेगी। सिर्फ स्ट्राइकिंग होगी लेकिन ये सब मजाक ही रह गया।”
“मैं उनका सम्मान इसलिए करता हूं क्योंकि वो मेरे सीनियर हैं। मैं ये भी मानता हूं कि उस समय वो बेहतर एथलीट थे लेकिन अगर हमारी मुलाकात फिर होगी तो मुझे उम्मीद है कि परिणाम अलग आएगा।”
26 साल के जकार्ता में रहने वाले एथलीट वो मैच जरूर हार गए थे लेकिन इंडोनेशिया के प्रमुख सबमिशन स्पेशलिस्ट के सामने तीन राउंड तक टिक कर उन्होंने कुछ आत्मविश्वास जरूर बटोरा होगा।
हालांकि, वो हमवतन एथलीट को अपने ग्राउंड डिफेंस के लिए खतरा मानते हैं लेकिन मैथिस शांत रहे और बाउट के अंत तक टिके रहे। इससे इस्तोरा सेनयन में अंदर बैठे फैंस काफी खुश हो गए।
उन्होंने बताया, “मुझे लगता है कि वो मैच मेरे विरोधी ने रेजर की धार जितने अंतर से जीता था। हालांकि, मैं हार गया लेकिन मैंने कई लोगों का दिल जरूर जीत लिया था।”
“वहां कई लोग मुझे चीयर कर रहे थे। मैंने उनका मंनोरजन करने की पूरी कोशिश भी की लेकिन जो हुआ वो अच्छा हुआ। इसका सीधा मतलब ये है कि मुझे सुधार की जरूरत है। मुझे लगता है कि ये वो अच्छी चीज़ है, जो अंत में मुझे इस मैच से मिली इसलिए मुझे बस कुछ समय चाहिए।”
अगर मैथिस खुद को देश के नंबर एक स्ट्रॉवेट एथलीट बना सकें तो वो अपनी ग्लोबल रैंकिंग में टॉप पर आ जाएंगे।
रहार्डियन जिस स्पॉट पर हैं, वो उनका मनचाहा स्टार्टिंग पॉइंट है लेकिन “पापुआ बैडबॉय” उनसे आगे जाना चाहते हैं। उन्होंने अपनी नजरें डिविजन के ऊपर वाले एथलीट्स पर गड़ा रखी हैं।
उन्होंने बताया, “स्टेफर शायद इस समय इंडोनेशिया में सबसे बेहतरीन एथलीट हैं। ऐसे में अगर मैं ऊपर उठना चाहता हूं और खुद को विश्व में सबसे अच्छा बनाना चाहता हूं तो पहले मुझे उनके विरुद्ध अपने आपको साबित करना होगा। इसके बाद मुझे जीत की राह पर कायम रहना होगा।”
“मैं वर्ल्ड टाइटल बाउट का लक्ष्य बना रहा हूं। उम्मीद करता हूं कि ऐसा जल्द से जल्द हो जाए। मुझे किसी ऐसे एथलीट से बाउट करनी होगी, जो मेरी रैंक सुधार सके और मुझे परख सके कि मैं वर्ल्ड चैंपियन का सामना करने के लायक हूं या नहीं।
“मुझे लगता है कि एलेक्स सिल्वा बढ़िया विरोधी रहेंगे क्योंकि उन्होंने हाल ही में वर्ल्ड टाइटल फाइट हासिल कर ली है और उनका ग्राउंड गेम बहुत अच्छा है। अगर मैं उनसे हारा तो इसका मतलब होगा कि मुझे और कड़ी ट्रेनिंग की जरूरत है।”
मैथिस अपने आपको पिछले कुछ साल की तुलना में एकदम अलग एथलीट साबित करना चाहते हैं।
उनके पास पिछली नौ बाउट में से सात जीत हैं। उन्होंने The Home Of Martial Arts में अपने प्रदर्शन में लगातार सुधार दिखाया है।
अब उन्हें लगता है कि वो डिविजन के सबसे बेहतरीन एथलीट को एक बार फिर से चुनौती दे सकते हैं लेकिन अगर उन्हें चोटी पर पहुंचना है तो और सफलता हासिल करनी होगी।
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि मैं मानिसक रूप से अब और ज्यादा अपने डिविजन के बेस्ट एथलीट का सामना करने के लिए तैयार हूं।”
“डेडामरोंग सोर अम्नोयसिरीचोक और रेने कैटलन जैसे एथलीट्स का सामना करना मुझे अच्छा लगा लेकिन ये ONE में मेरे शुरुआती दिनों की बात है। मुझे लगता है कि अब इसका नतीजा अलग होगा क्योंकि अब मैं एक बेहतर एथलीट हो गया हूं।”
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