किकबॉक्सिंग ग्रां प्री में फाइट करने को लेकर उत्साहित हैं अलाज़ोव
चिंगिज़ “चिंगा” अलाज़ोव ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री में शामिल अन्य 7 में से 4 एथलीट्स का सामना कर चुके हैं, लेकिन सैमी “AK47” सना उनमें से एक नहीं हैं।
ये तथ्य शुक्रवार, 15 अक्टूबर को ONE: FIRST STRIKE में बदलने वाला है, जहां अलाज़ोव का सामना ग्रां प्री के क्वार्टरफाइनल मैच में सना से होगा। 28 वर्षीय स्टार मानते हैं कि उनके लिए इस किकबॉक्सिंग टूर्नामेंट का हिस्सा बनना सबसे ज्यादा सम्मान का विषय है।
उन्होंने बताया, “ONE Championship बहुत बड़े टूर्नामेंट का आयोजन कर रहा है, जिसमें कई बेस्ट फाइटर्स मौजूद हैं। इस टूर्नामेंट का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं और मेरा ध्यान केवल अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर है।”
“मुझे फर्क नहीं पड़ता कि मेरा विरोधी कौन है, मुझे केवल जीत से मतलब है। इस टूर्नामेंट में सभी उम्मीदवार बेहतरीन फाइटर्स हैं और सभी अपने आप में खास हैं।”
सना की चुनौती से पार पाना उनके लिए आसान नहीं होगा। वो 190 सेंटीमीटर लंबे हैं, जो उन्हें ग्रां प्री में शामिल सबसे लंबा एथलीट बना रही है। साथ ही अलाज़ोव के खिलाफ 9 सेंटीमीटर लंबे होने का फायदा उठाना चाहेंगे।
“AK47” किकबॉक्सिंग और मॉय थाई में बहुत खतरनाक एथलीट हैं। वो अभी #5 रैंक के फेदरवेट मॉय थाई कंटेंडर हैं और उनके स्टाइल में दोनों स्ट्राइकिंग आर्ट्स का मिश्रण है।
इन्हीं स्किल्स ने उन्हें 2019 ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री के फाइनल में पहुंचाया था, जहां उन्हें जियोर्जियो “द डॉक्टर” पेट्रोसियन के खिलाफ हार मिली थी। लेकिन इस बार वो सिल्वर बेल्ट को जीतने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहेंगे।
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अलाज़ोव जानते हैं कि उनके सामने कितनी कठिन चुनौती खड़ी है। पूर्व K-1 किकबॉक्सिंग चैंपियन अपने गेम प्लान को उजागर नहीं करना चाहते, लेकिन सना की चुनौती के लिए कमर कस चुके हैं।
अलाज़ोव ने कहा, “हमने इस फाइट के लिए कई तकनीकों पर ध्यान दिया है क्योंकि हम केवल एक चीज पर निर्भर नहीं रह सकते। कोई भी फाइटर आपके लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है, जिससे आपको तुरंत अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है।”
“चिंगा” ONE में पहले भी इस तरह की स्थिति से गुजर चुके हैं।
“ONE on TNT I” में अलाज़ोव का सामना एनरिको “द हरिकेन” केह्ल से हुआ था, जिसमें उन्हें विभाजित निर्णय से हार झेलनी पड़ी थी।
केह्ल और अलाज़ोव की प्रतिद्वंदिता अब 1-1 की बराबरी पर है। अगर दोनों अपने-अपने मैचों को जीतते रहे तो उनकी ट्रायलॉजी बाउट होने की संभावनाएं भी बढ़ जाएंगी।
फिलहाल के लिए अलाज़ोव का फोकस सना के खिलाफ मुकाबले पर है। अगर 15 अक्टूबर को उन्हें जीत मिली तो अगली कठिन चुनौतियों से पूर्व उनका आत्मविश्वास बहुत बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, “मैंने केह्ल के साथ अपने पिछले मैच से सबक लिया है। उस बाउट में मैं अपना 20 से 30% प्रदर्शन भी नहीं कर पाया था। मेरा ध्यान भटका हुआ था और ऐसा लग रहा था जैसे वो मेरे प्रोफेशनल करियर की पहली फाइट हो।”
“अब मैंने अपने ध्यान को सना के खिलाफ फाइट पर केंद्रित किया है और मुझे फर्क नहीं पड़ता कि उसके बाद मेरा प्रतिद्वंदी कौन होगा।”
एक चीज जरूर कही जा सकती है कि अगर अलाज़ोव को सना पर जीत मिली तो सिल्वर बेल्ट तक का सफर उनके लिए बिल्कुल भी आसान नहीं होगा।
टूर्नामेंट में महान पाउंड-फोर-पाउंड एथलीट मरात ग्रिगोरियन और थाई स्टार सिटीचाई सिटसोंगपीनोंग भी शामिल हैं, जो “चिंगा” को पहले भी मात दे चुके हैं।
अगर आप उनसे पूछेंगे तो वो भी कहेंगे कि ये मौका उन्हें किसी दूसरे तरीके से नहीं मिल सकता था।
अलाज़ोव ने कहा, “ONE Championship में पिछले 10 साल से सबसे बेस्ट एथलीट्स फाइट कर रहे हैं। 7 सबसे बेहतरीन फाइटर्स के खिलाफ परफॉर्म करने का मौका मिलना ही बहुत बड़े सम्मान का विषय है। उनमें से कुछ के साथ मेरा सामना पहले भी हुआ है, कुछ को हराया है तो किसी के खिलाफ हार भी मिली है।”
“यहां जीत दर्ज कर ही मैं अपनी और अपनी टीम की विरासत को आगे बढ़ा सकता हूं और ये भी साबित कर सकता हूं कि मैं दुनिया के बेस्ट एथलीट्स में से एक हूं। मेरी टीम ने पहले भी टूर्नामेंट जीते हैं, लेकिन इस बार टूर्नामेंट में दुनिया के सबसे बेस्ट फाइटर्स मौजूद हैं।”
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