ONE Fight Night 13 में मरात ग्रिगोरियन से बदला लेना चाहते हैं चिंगिज़ अलाज़ोव – ‘मैं लंबे समय से इंतज़ार कर रहा था’
चिंगिज़ “चिंगा” अलाज़ोव ने पिछले मैच की ऐतिहासिक जीत के बाद दुनिया के बेस्ट पाउंड-फोर-पाउंड किकबॉक्सर होने की उपाधि हासिल कर ली है, लेकिन वो अपनी सफलता से अभी संतुष्ट नहीं हैं।
नए ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन जानते हैं कि वो आराम नहीं फरमा सकते या लापरवाही करना भी उन्हें मुश्किल में डाल सकता है क्योंकि ONE Fight Night 13 में उनका सामना #2 रैंक के कंटेंडर मरात ग्रिगोरियन के रूप में एक बेहद खतरनाक चैलेंजर से होने वाला है।
इन 2 महान स्ट्राइकर्स की भिड़ंत 5 अगस्त को होगी। अलाज़ोव इसी साल थाई आइकॉन सुपरबोन सिंघा माविन को नॉकआउट कर वर्ल्ड चैंपियन बने थे और अब उनके सामने ग्रिगोरियन के रूप में एक और कठिन चुनौती होगी।
हालांकि वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद उनकी स्टार वैल्यू बढ़ी है, लेकिन अलाज़ोव की खुद में सुधार करने की चाह कम नहीं हुई है।
30 वर्षीय डिफेंडिंग चैंपियन अब भी प्रतिबद्ध हैं और लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में हर तरह की चुनौती के लिए तैयार रहेंगे:
“मैं दुनिया के सबसे लोकप्रिय फाइटर्स में से एक बन चुका हूं। मैं जब थाईलैंड में रहता हूं, तब यहां के काफी लोग मेरा सम्मान करने आते हैं। मेरे चाहने वालों की संख्या बढ़ी है, लेकिन इससे मेरी मानसिकता नहीं बदली है।
“मुझे ज्ञात था कि मैं सुपरबोन से बेहतर हूं, लेकिन मैंने खुद से कहा, ‘तो चलिए इस बात को असली फाइटिंग में सच साबित करके दिखाते हैं और अब देखिए मैं नंबर 1 बन चुका हूं।’
“जीत से अगले दिन मेरे कोच ने ट्रेनिंग के लिए बुलाया। मैंने पहले राउंड में एक बड़ी गलती की थी, जिसके बारे में हमें अगले दिन ट्रेनिंग के दौरान पता चला। हम हर रोज ट्रेनिंग करते हैं। मैंने कहा, ‘कोच, कृपया मुझे अगले प्रतिद्वंदी पर जीत दर्ज करने में मदद कीजिए।'”
उस समय तक अलाज़ोव को अंदाजा नहीं था कि ग्रिगोरियन उनके अगले प्रतिद्वंदी होंगे, लेकिन जब उनके सामने पहली बार टाइटल को डिफेंड करने की बारी आई तो स्थिति स्पष्ट थी।
2013 में “चिंगा” को अर्मेनियाई सुपरस्टार के खिलाफ हार मिली थी इसलिए वो ग्रिगोरियन से बदला लेने को बेताब थे। ये जीत उनकी फेदरवेट किकबॉक्सिंग डिविजन में विरासत को मजबूती दे रही होगी।
उन्होंने कहा:
“मैं इस फाइट के लिए लंबे समय से इंतज़ार कर रहा था। ONE ने पहले डिफेंस के लिए मेरे सामने 3 विकल्प रखे और मैंने ग्रिगोरियन का चुनाव किया। हमारी भिड़ंत 10 साल पहले हुई थी, वहीं सबसे पहला मैच नो-कॉन्टेस्ट करार दिया गया था। वहीं दूसरे मैच में मुझे हार मिली।
“उसके बाद हम दोनों ने इस खेल में खूब सफलता पाई है। हमने टूर्नामेंट्स के अलावा कई अन्य इवेंट जीते। हमने सभी फाइट्स जीतीं। मैं ONE Championship में नंबर 1 बन चुका हूं और ये दुनिया का सबसे बेहतरीन डिविजन है।”
चिंगिज़ अलाज़ोव के अनुसार मरात ग्रिगोरियन टेक्निकल फाइटिंग नहीं करते
चिंगिज़ अलाज़ोव जानते हैं कि मरात ग्रिगोरियन की चुनौती आसान नहीं होगी, लेकिन डिफेंडिंग चैंपियन मानते हैं कि उनकी रणनीति उन्हें जीत दिलाएगी।
अलाज़ोव बेलारूस में Gridin Gym में अभ्यास करते हैं। इस देश के एथलीट्स को चालाक और खतरनाक होने के लिए जाना जाता है। अलाज़ोव का मानना है कि वो अपने विरोधी के आक्रामक स्ट्राइकिंग गेम को टक्कर दे सकते हैं। सबसे अहम बात ये है कि वो चालाकी भरे मूव्स लगाकर बढ़त प्राप्त करते आए हैं।
“चिंगा” ने कहा:
“मेरी नज़र में मरात के पास टेक्निकल गेम नहीं है, वो सुपरबोन से बहुत अलग हैं। वो एक ताकतवर फाइटर हैं और फ्रंट-फुट पर रहना पसंद करते हैं। वो आक्रामक हैं, लेकिन तकनीक अच्छी नहीं है। क्लोज़ रेंज में आकर वो अधिक खतरनाक बन जाते हैं।
“उन्हें बॉक्सिंग पसंद है, लेकिन अब मैंने भी इसमें महारत हासिल कर ली है। उन्हें किक्स पसंद हैं और मैंने भी किकिंग गेम का रुख किया है। उनके पास स्पीड और पावर है, लेकिन मेरे चालाकी भरे मूव्स मुझे जीत दिलाएंगे।”
इसी बात को ध्यान में रखते हुए अलाज़ोव और उनके कोच ने चैंपियनशिप बेल्ट को अपने पास रखने के लिए गेम प्लान तैयार किया है।
“चिंगा” ने अपने पिछले 4 में से 3 मैच जीते हैं, लेकिन वो किसी हालत में लापरवाही नहीं बरतना चाहेंगे। इसके बजाय वो परिणाम की चिंता ना करते हुए केवल अपनी रणनीति पर अमल करेंगे।
उन्होंने कहा:
“मैंने आगे और पीछे मूव करने का प्लान बनाया है। हमारा गेम प्लान आपको फाइट के दौरान ही समझ आएगा।
“मैं अपनी फाइट में कभी नॉकआउट का प्लान नहीं बनाता। मैं फाइट के दौरान गलती ढूंढकर पंच लगाकर नॉकआउट स्कोर करने का प्रयास करता हूं। शायद मरात भी कोई गलती करें, जिससे मैं उन्हें नॉकआउट कर सकूं। मगर मेरी रणनीति नॉकआउट की नहीं है बल्कि चालाकी से अटैक करने की है। मैं मानसिक और शारीरिक रूप से इस फाइट के लिए तैयार हूं।”