खट्टे-मीठे अहसास के साथ डेमिटि्रयस जॉनसन के लिए तैयार है डैनी किंगड
फिलीपींस में एक मुश्किल रात में डैनी “द किंग” किंगड ने अपने देश को रोशनी से जगमग करने व देशवासियों को खुशियां देने के लिए एक और शानदार प्रदर्शन किया।
गत शुक्रवार, 2 अगस्त को 23 वर्षीय डैनी ने ONE फ्लाईवेट वर्ल्ड ग्रांड प्रिक्स फाइनल में अपना स्थान बनाने के लिए तीन राउंडों के शानदार नॉन-स्टॉप एक्शन के बाद रीस “लाइटनिंग” मक्लारेन को हरा दिया।
मनीला के मॉल ऑफ एशिया एरीना के ONE: डॉन ऑफ हीरोज पर किंगड अपने देश का एकमात्र चमकता सितारा साबित हुए, जहां उनके देश के चार साथियों को हार का सामना करना पड़ा था।
किंगड़ ने कहा कि वह अपने प्रदर्शन से बेहद खुश है, लेकिन यह एक खट्टी-मीठी खुशी देने वाला अहसास है। हम दोनों एक ही लक्ष्य यानी जीत के लिए रिंग में उतरे थे और शुक्र है कि उन्हें जीत नसीब हुई।
फाइट के दौरान एक समय ऐसा भी आया था जब लगा था कि किंगड़ को भी हार झेलने वाले अपने हमवतन साथियों की सूची में शामिल होना पड़ेगा। उसका कारण था कि उनके ऑस्ट्रेलियाई प्रतिद्वंद्वी ने बाउट की शुरुआत में ही किंगड़ पर जबरदस्त हमले बोल दिए थे।
ब्राज़ीलियाई जिउ-जित्सु ब्लैक बेल्ट धारी अपने ग्राउंड गेम से पहले राउंड में काफी आक्रामक थे। उस दौरान उन्होंने कुछ स्कोर भी किया था। उनकी आक्रामक शैली ने किंगड को आक्रमण करने का मौका ही नहीं दिया। ऐसे में किंगड़ को मजबूरन रक्षात्मक रुख अपना पड़ा।
उन्होंने कहा कि वह उसे शुरू से जमीनी खेल का पीछा करते हुए देखकर हैरान हो गए थे। उन्हें शुरुआत में आक्रामक रवैये की उम्मीद थी। वह अपने काउंटर अटैक लाने का विचार कर रहे थे, लेकिन रीस बिल्कुल भी आक्रामक नहीं था।
“लाइटनिंग” ने रियर नेक चोक से फाइट को जल्दी समाप्त करने की कोशिश की, लेकिन पिछले 18 महीनों में अपने बाकी मुकाबलों की तरह किंगड ने लंबे समय तक पिन किए जाने से इनकार कर दिया।
वह भगवान का शुक्र अदा करते हैं कि वह ग्राउंड पर उनसे नहीं मिले। यह वही होता, जो वह यकीनन तौर पर चाहता था। बाउट के दौरान कई ऐसे मौके भी आए, जहां उन्हें निराशा हाथ लगी थी। रीस उन्हें पीठ के बल पकड़कर गिराना चाह रहा था, लेकिन शुक्र है कि वह उनके दांव पेच में नहीं फंसे। इसके अलावा वह उसके रियन रेक चोक से भी जल्दी ही बाहर आ गए।
“द किंग” ने दूसरे राउंड में खुद को बाउट में शामिल किया और फिर अंतिम पांच मिनट में तीन जजों में से दो की नजर में मैच को अपने पक्ष में करने के लिए आक्रमण किया।
इसका मतलब है कि वह 13 अक्टूबर को जापान के टोक्यो में ONE: सेंचुरी में टूर्नामेंट के फाइनल में आगे बढ़ेगा, जहां उसका प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी मिश्रित मार्शल आर्ट आइकन डेमेट्रियस “माइटी माउस” जॉनसन होंगे। उन्होंने भी शुक्रवार को तत्सुमित्सु वड़ा को धूल चटाई थी।
12 बार के फ्लाईवेट विश्व चैंपियन इस विश्व ग्रांड प्रिक्स को जीतने के लिए पसंदीदा के रूप में वन चैम्पियनशिप में पहुंचे है, लेकिन उनके आगामी प्रतिद्वंद्वी उनका सामना करने से बिल्कुल भी नहीं डरते हैं।
वास्तव में बागुइयो सिटी का योद्घा शुरू से ही इस मौके की इंतजार में था। वह दिखाना चाहते हैं कि वह उनके लिए अब तक से सबके कठोर विरोधियों में से एक होंगे।
किंगड़ ने कहा कि वह जॉनसन की जीत से बहुत खुश हैं। वह यही चाहते थे कि जॉनसन जीते और फिर उन्हें उनसे दो-दो हाथ करने का मौका मिले। उस मैच में वह जॉनसन की जीत की ही दुआ कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि जॉनसन अब तक के सबसे महान एथलीट है, लेकिन उन्हें लगता है कि हम यह साबित कर रहे हैं कि एशियाई – विशेष रूप से छोटे कद के लोग भी विश्व स्तर पर बड़ा धमाका करते हैं।
यद्यपि किंगड “माइटी माउस” के खिलाफ अपनी संभावनाओं के बारे में आश्वस्त है, लेकिन वह जानता है कि वह उसका सामना करने के लिए अपनी तैयारी में कोई भी कोर कसर नहीं छोड़ी जा सकती है। इसका मतलब है कि लगातार छठी जीत का जश्न मनाने के लिए बहुत कम समय होगा।
अपने परिवार के साथ कुछ क्वालिटी टाइम के बाद “द किंग” टीम लाॅकी में मैट पर वापस आ जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उसके करियर की सबसे बड़ी चुनौती उसके कौशल से भी कहीं ज्यादा बड़ी है।
उन्होंने कहा कि वह अपने बच्चे के साथ कुछ दिन बिताएंगे और फिर डेमेट्रियस जॉनसन के खिलाफ मुकाबले की तैयारी के लिए जाएंगे। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वह फाइनल के लिए यहां पहुंचेंगे, लेकिन अब वह यहां पहुंच गए हैं तो उस चुनौती को पूरा करना चाहेंगे।