मुश्किल परिस्थितियों में आई जीत को आदिवांग ने अपनी मां को समर्पित किया
COVID-19 महामारी के कारण साल 2020 सभी के लिए संघर्षपूर्ण रहा, लेकिन लिटो “थंडर किड” आदिवांग के लिए व्यक्तिगत तौर पर भी पिछला साल अच्छा नहीं रहा।
फिलीपीनो स्टार अपनी बीमार मां की देखभाल के कारण ट्रेनिंग नहीं कर पा रहे थे, इसी कारण नवंबर में उन्हें ONE में अपनी पहली हार झेलनी पड़ी।
वहीं 30 दिसंबर को उनकी मां लेटिसिया ज्यादा बीमार होने के चलते स्वर्ग सिधार गईं।
27 वर्षीय स्टार को अपनी मां को खोने के दर्द से बाहर आने के लिए समय चाहिए था, लेकिन वो 22 जनवरी को हुए ONE: UNBREAKABLE में मैच के ऑफर को स्वीकार कर चुके थे।
सौभाग्य से, कठिन परिस्थितियों में आदिवांग को अपने दोस्तों का साथ मिलता रहा।
उन्होंने कहा, “मां की मौत से पहले ही मैं जनवरी के लिए मैच के ऑफर को स्वीकार कर चुका था इसलिए मैं अपने वचन पर कायम रहना चाहता था।”
“परिस्थिति चाहे कैसी भी रही हो, लेकिन ट्रेनिंग मुझे व्यस्त रख रही थी। जब भी मैं अच्छा महसूस नहीं करता, तब मैं अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाता। अगर मैं व्यस्त ना रहता तो मां के बारे में सोच सोचकर परेशान रहता इसलिए मैच में भाग लेना मेरे लिए अच्छा ही रहा।
“Team Lakay में मेरे टीम मेंबर्स मेरे साथ बने हुए थे। कठिन परिस्थितियों में भी उन्होंने मेरा साथ दिया। वो मेरे लिए परिवार की तरह हैं और मैं उनका साथ पाकर बहुत अच्छा महसूस करता हूं।”
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दोस्तों के साथ ने ही उन्हें सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में नामिकी कावाहारा के खिलाफ दूसरे राउंड में नॉकआउट जीत दिलाने में मदद की।
हालांकि, समय बेहद चुनौतीपूर्ण था, लेकिन “थंडर किड” का मानना है कि इसने उन्हें और भी मजबूत बनाया है और ऐसा नहीं है कि उनकी जिंदगी पूरी तरह बिखर गई है।
उन्होंने कहा, “ट्रेनिंग कैम्प में मुझे पहले से कहीं अधिक कड़ी ट्रेनिंग करनी पड़ी।”
“भावनात्मक तौर पर उस हार से उबरना मेरे लिए बहुत कठिन रहा। मेरा आत्मविश्वास कमजोर पड़ चुका था और तभी मां भी स्वर्ग सिधार गईं इसलिए मैं अच्छा महसूस नहीं कर पा रहा था।”
“एक एथलीट के तौर पर और व्यक्तिगत तौर पर भी मुझे भावनात्मक रूप से मजबूती मिली है। कठिन परिस्थितियों में भी अब मैंने खुद को संभालना सीख लिया है। भावनाओं को खुद से दूर रखना ही अच्छा होता है।”
मैच से कुछ हफ्ते पहले ही आदिवांग को अहसास हो चुका था कि ये उनके करियर की सबसे बड़ी चुनौती होगी।
फिलीपीनो स्टार ने कहा, “मैं उस बाउट में कावाहारा से ज्यादा खुद से संघर्ष कर रहा था। मुझे खुशी है कि सभी चीजें मेरे लिए अच्छी गुजरीं।”
“मैच से पहले मुझे घबराहट हो रही थी। अपने प्रतिद्वंदी के कारण नहीं बल्कि परिस्थितियां भी मनोबल को गिरा रही थीं, लेकिन सर्कल में वापसी कर मैं बहुत अच्छा महसूस कर रहा था।”
बाउट के बाद इंटरव्यू में आदिवांग ने उस जीत को अपनी मां को समर्पित किया। “थंडर किड” जानते हैं कि उनकी मां अब उनके साथ नहीं हैं, फिर भी वो उन्हें एक प्रेरणा का स्त्रोत मानते हुए लगातार अच्छा प्रदर्शन करने का प्रयास करते रहेंगे।
अगर कभी ऐसी स्थिति दोबारा उनके सामने आई तो आदिवांग का कहना है कि मां के बारे में सोचकर ही उन्हें प्रोत्साहन मिल जाता है।
उन्होंने कहा, “दुनिया की हर एक मां अपने बच्चे को खुश और सफल होते देखना चाहती है।”
“मुझे इस खेल में सफलता प्राप्त करते देख वो बहुत खुश थीं। मैं जानता हूं कि उन्हें मुझ पर गर्व रहा और मैं अपने करियर को उन्हीं को समर्पित करते हुए आगे बढूंगा।”
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