जियोर्जियो पेट्रोसियन ने विश्व ग्रां प्री किकबॉक्सिंग खिताब पर जमाया कब्जा

जियोर्जियो पेट्रोसियन “डॉक्टर” ने ONE: CENTURY PART II पर सैमी सना “एके47” को हराकर एक बार फिर साबित किया कि वह ग्रह पर सबसे बेहतरीन किकबॉक्सर है।
इटालियन एथलीट ने रविवार, 13 अक्टूबर को जापान के टोक्यो में सर्वसम्मत निर्णय से शानदार जीत हासिल करते हुए ONE फेदरवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड ग्रां प्री चैम्पियनशिप का फाइनल अपने नाम कर लिया।
पेट्रोसियन ने रयोगोकु कोकुगिकन में बाउट के पहले ही मिनट में सना के खिलाफ अपनी मजबूत किक्स का उपयोग शुरू कर दिया। राउंड के बीच में 33 वर्षीय ने अपने ट्रेडमार्क राइट हुक व राइट-लेफ्ट संयोजन के साथ अपने विरोधी को परेशान करना शुरू कर दिया।
पहले राउंड के दौरान अचानक आए लो ब्लो ने कुछ देर के लिए पेट्रोसियन की गति को कम कर दिया। इस दौरान सना ने उन पर अपनी बेहतरीन मुक्केबाजी से दबाव बनाना शुरू किया था।
मिलान के योद्घा ने दूसरे राउंड में बेहतरीन कौशल का मुजायरा पेश करते हुए बाजी अपने नाम कर ली मार ली। पांच बार के किकबॉक्सिंग विश्व चैंपियन ने अपनी स्ट्राइक से दूर रहकर सना को निराश करना जारी रखा और वह रात के सबसे शानदार संयोजन के साथ जुड़े रहे, क्योंकि हुक व अपनकट से उन्हें काफी लाभ मिल रहा था।
पेट्रोसियन ने फिर अपने मजबूत पंच व किक्स को एकसाथ काम में लेते हुए सना पर दबाव बनाने का प्रयास किया, लेकिन इसके बाद भी सना बाउट से बाहर नहीं हुए। उन्होंने प्रशंसकों को रोमांच देने के लिए खुद के बचाव के साथ राउंड खत्म कर दिया।
फ्रांसीसी जानते थे कि वह स्कोरकार्ड पर पीछे चल रहे हैं। ऐसे में अंतिम तीन मिनट में उन्होंने अपनी रफ्तार बढ़ाई और नॉकआउट का मौका तलाशने में जुट गए।
हालांकि, पेट्रोसियन बेहतरीन साबित हुए और उन्होंने अपने राइट-लेफ्ट हैंड संयोजन के साथ मुकाबला किया। “डॉक्टर” ने सर्वसम्मति से निर्णय हासिल करने के लिए अंतिम बेल बजने से ठीक पहले अपने हाथों से सना पर हमले किए थे।
इस जीत के साथ पेट्रोसियन ने अपने असाधारण रिकॉर्ड में 103-2-2 (2NC) से सुधार किया। इसके अलावा उन्हें 1 मिलिनयन यूएस डॉलर की पुरस्कार राशि भी मिली। यह किकबॉक्सिंग इतिहास में सबसे बड़ी इनामी राशि है, लेकिन पेट्रोसियन ने अपने पूरे करियर में सबसे अधिक स्टैक किए गए टूर्नामेंट जीतने पर अपना पूरा ध्यान केन्दि्रत किया था।
जीत के बाद उन्होंने कहा कि वह लाखों के बारे में नहीं सोचते हैं। वह सिर्फ नंबर एक होने के बारे में सोचता हैं। अगला टूर्नामेंट भी ऐसा ही होगा। कड़ी मेहनत और लक्ष्य पर ध्यान केन्दि्रत रखना चाहिए।