कैसे ग्रैपलिंग के जुनून ने मागोमेद अब्दुलकादिरोव को ऐतिहासिक वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच दिलाया

MagomedAbdulkadirov 1200X800

रूसी ग्रैपलर मागोमेद अब्दुलकादिरोव जल्द अपना ONE Championship डेब्यू करने जा रहे हैं और ये उनके प्रोफेशनल करियर का सबसे बड़ा मौका होगा।

4 नवंबर को ONE Fight Night 16: Haggerty vs. Andrade के को-मेन इवेंट में 32 वर्षीय स्टार का सामना ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) सुपरस्टार टाय रुओटोलो से पहले ONE वेल्टरवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए होगा।

इस इवेंट का लाइव प्रसारण 190 से ज्यादा देशों में होगा, ऐसे में अब्दुलकादिरोव दमदार प्रदर्शन से रातों-रात ग्लोबल सुपरस्टार बन सकते हैं।

अपने करियर से सबसे बड़े मुकाबले की तैयारी कर रहे स्टार ने onefc.com से बात करते हुए अपनी मार्शल आर्ट्स यात्रा के बारे में विस्तार से बात की।

दागेस्तान में कठिन जीवन

अब्दुलकादिरोव रूस के दागेस्तान इलाके से आते हैं, जिसे कॉम्बैट स्पोर्ट्स में शानदार एथलीट्स बनाने के लिए जाना जाता है।

उन्होंने मार्शल आर्ट्स और फाइटिंग के जीवन का अहम हिस्सा होने के बारे में बताया:

“मैं दागेस्तान के माखाचकला में पला-बढ़ा। वहां के बाकी बच्चों की तरह ही मेरा बचपन काफी मुश्किलों में गुजरा। हमारे शहर में हमें खुद के लिए खड़े होने और सामान्य मार्शल आर्ट्स स्किल्स सीखना जरूरी है। मैं ये नहीं कहूंगा कि माखाचकला एक आपराधिक शहर है, लेकिन युवावस्था के दिनों में गलियों में लड़ाइयां होती थीं।”

उन्होंने फ्रीस्टाइल रेसलिंग से ग्रैपलिंग का सफर शुरु किया। इससे उनके शानदार टेकडाउंस और टॉप पोजिशंस से विरोधियों को पस्त करने की नींव पड़ी।

उन्होंने अपनी रेसलिंग का तालमेल जिउ-जित्सु ट्रेनिंग से बैठाया और जल्द ही उन्हें वो मिल गया, जिसकी हमेशा से तलाश थी:

“मेरे लगभग सभी दोस्तों ने एक ही समय पर जिउ-जित्सु और ग्रैपलिंग को सीखा, एक साथ मार्शल आर्ट्स स्कूल में गए और इस खेल में पूरी ताकत लगा दी। और अब 10-15 साल बाद सब ब्लैक बेल्ट और अच्छे नतीजे हासिल कर चुके हैं।”

एक नया जुनून

अब्दुलकादिरोव को ग्रैपलिंग से खासा लगाव हो गया था। उन्हें मैट पर अपने विरोधियों को कंट्रोल और सबमिट करने का जुनून सवार हो गया।

यहां तक कि एक बार ट्रेनिंग सेशन के लिए वो घर से भाग गए थे। उस घटना की वजह से उनकी मां बहुत ही ज्यादा चिंतित हो गई थीं:

“मेरी मां को आज भी वो किस्सा याद है, जब मैं सो रहा था तो उन्होंने मुझे कमरे में बंद कर दिया था। मैं अपने दोस्तों के साथ ट्रेनिंग सेशन के लिए जाना चाहता था। जब मैं दोपहर में उठा तो पाया कि मुझे कमरे में बंद किया हुआ है। तब हम पहली मंजिल पर रहते थे तो मैंने कूदकर जिम जाने का फैसला किया।

“मां घर पर वापस आईं और वहां मुझे ना पाकर बहुत डर गईं। उन्होंने मुझे ढ़ूंढ़ना शुरु किया, रिश्तेदारों, हॉस्पिटल और पुलिस को फोन किया। स्पोर्ट्स के लिए मेरा जुनून कुछ ऐसा था। उस घटना के बाद मुझे कभी घर पर लॉक नहीं किया गया।”

जीवन भर का समर्पण

अब्दुलकादिरोव का ग्रैपलिंग के लिए जुनून बचपन से कहीं आगे गया।

उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई की और ग्रेजुएट हुए, लेकिन कभी भी ट्रेनिंग से ब्रेक नहीं लिया। उनका मानना है कि इस प्रतिबद्धता के कारण वो एक वर्ल्ड क्लास सबमिशन स्पेशलिस्ट बन पाए हैं:

“शिक्षा के लिहाज से, मैं एक पर्यावरण विशेषज्ञ हूं। मैंने दागेस्तान स्टेट यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया है। कॉलेज की पढ़ाई के दिनों में भी मेरा ज्यादा ध्यान स्पोर्ट्स और प्रतियोगिताओं पर था। अगर मैं खेलों में नहीं होता तो कुछ बिजनेस कर रहा होता।”

जिउ-जित्सु और ग्रैपलिंग के प्रति अपने समर्पण की वजह से अब्दुलकादिरोव ने खुद को यूरोप के सबसे प्रतिभाशाली ग्राउंड फाइटर्स में से एक बना लिया।

उन्होंने कई बार UWW वर्ल्ड ग्रैपलिंग चैंपियनशिप जीती और 2015 में ADCC यूरोपियन ट्रायल्स को जीतकर प्रतिष्ठित ADCC वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्थान हासिल किया।

अब पीछे मुड़कर देखने पर ब्राजीलियन जिउ-जित्सु ब्लैक बेल्ट एथलीट किसी भी चीज को बदलना नहीं चाहते:

“मुझे इस बात का कोई पछतावा नहीं है कि खेल मेरे जीवन का अभिन्न हिस्सा है। यहीं मेरी आत्मा रची गई और यहीं मैंने बहुत सारे दोस्त बनाए, जिनको मैं अपना भाई मानता हूं।”

परिवार से मिली प्रेरणा

अपने करियर के दौरान अब्दुलकादिरोव को अपने परिवारजनों खासकर पिता से प्रेरणा और प्रोत्साहन मिला।

दागेस्तानी एथलीट ने बताया कि प्रोफेशनल ग्रैपलर के रूप में उनके विकास में पिता का बहुत ही अहम योगदान रहा है:

“मेरे स्वर्गीय पिता मेरे सबसे बड़े समर्थक थे। वो 2020 में गुजर गए थे। उन्होंने मेरी सभी फाइट्स देखी थीं। उनको हमेशा मेरे प्लान, यात्राओं और लक्ष्यों के बारे में पता रहता था।

“उनकी रूचि और समर्थन ने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। मैं ये साबित करना चाहता था कि मैं हाई लेवल पर जीत सकता हूं। मुझे लगता है कि उन्हें मुझ पर गर्व था।”

भले ही दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में उनका डेब्यू देखने के लिए पिता नहीं होंगे, लेकिन अब्दुलकादिरोव का परिवार है, जो उन्हें तरक्की करते हुए देखना चाहता है।

एक पति और दो बच्चों के पिता ने कहा:

“अब मेरे परिवार के लोग मुझे प्रोत्साहित करते हैं। मैं अपने बेटे को खेल से प्यार करना सिखा रहा हूंं।”

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