मां बनने के बाद ऋतु फोगाट ONE 171 में वापसी के लिए अत्यधिक प्रेरित – ‘खुद के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चे के लिए फाइट करनी है’

जब भारतीय सुपरस्टार ऋतु “द इंडियन टाइग्रेस” फोगाट ONE 171: Qatar में लंबे समय बाद एक्शन में वापस लौटेंगी तो वो मां बनने के बाद पहली बार फाइट कर रही होंगी।
गुरुवार, 20 फरवरी को 30 वर्षीय रेसलिंग स्पेशलिस्ट का सामना #3 रैंक की कंटेंडर अयाका “ज़ोम्बी” मियूरा से एक अहम एटमवेट MMA फाइट में होगा।
ये साल 2022 के बाद से फोगाट की पहली फाइट होगी।
ONE में 7-1 का रिकॉर्ड कायम करने के बाद वो 2021 ONE विमेंस एटमवेट MMA वर्ल्ड ग्रां प्री के फाइनल में पहुंचीं और इतिहास रचने की कगार पर थीं।
हालांकि, उन्हें दो टॉप प्रतिद्वंदियों के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा और उन्होंने MMA करियर में ब्रेक लिया। फिर शादी और उसके बाद फोगाट के घर एक नन्हे मेहमान ने कदम रखे।
अब वो अपनी वापसी के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। “द इंडियन टाइग्रेस” ने onefc.com को बताया कि उन्हें मातृत्व से अतिरिक्त प्रेरणा मिल रही है:
“मां बनना एक सुखद अहसास है। लेकिन मेरा गेम को लेकर नजरिया आज भी वही है। हां, अब ये महसूस होता है कि मुझे अपने बच्चे के लिए आगे बढ़ना है।”
भले ही बीते कुछ सालों में वो मुकाबले नहीं कर पाईं, लेकिन फोगाट के जेहन में लगातार MMA का खेल बना हुआ था। उन्होंने प्रेग्नेंसी के दौरान, जितना संभव हो सकता था, ट्रेनिंग जारी रखी और अपने खेल को लगातार बेहतर करती रहीं।
उन्होंने माना है कि इस स्तर पर ट्रेनिंग करना और नवजात बच्चे को संभालना आसान काम नहीं होता। लेकिन अपने परिवार के समर्थन की वजह से वो ये कर पा रही हैं:
“बच्चे के साथ-साथ ट्रेनिंग हैंडल करना बहुत मुश्किल होता है। मैं शायद अकेली होती तो इतना हैंडल नहीं कर पाती, लेकिन मेरे परिवार ने मेरी बहुत मदद की है कि मैं प्रैक्टिस और फिर अपने गेम पर फोकस कर पाऊं।”
मातृत्व फोगाट के लक्ष्यों को हासिल करने में चुनौती नहीं बल्कि प्रेरणा बना है।
अब वो फाइटिंग करने लौट रही हैं और उनका सपना एक ONE वर्ल्ड चैंपियन बनना है ताकि वो अपनी मेहनत और लगन के दम पर अपने बेटे को प्रेरित कर सकें:
“अब मुझे खुद के लिए नहीं बल्कि अपने बच्चे के लिए फाइट करनी है। ये चीज मुझे मजबूत बनाती है। जब बच्चा बड़ा होगा तो उसे भी पता चलेगा कि उसकी मां ने कितनी मेहनत की है। यही चीज मुझे सबसे ज्यादा प्रेरित करती है।
“यहां परिवार का रोल भी बड़ा है। पहले मम्मी-पापा और बहनें थीं और अब शादी के बाद पति और उनकी फैमिली है। अब मेरे साथ दो परिवार का सपोर्ट है। ये चीजों को थोड़ा आसान कर देता है।”
फोगाट ने दूसरी मांओं और पूरे देश को प्रेरित करने का लक्ष्य बनाया
खेल से दूर रहने के बावजूद ऋतु फोगाट के दिमाग में हमेशा की तरह ही 26 पाउंड की ONE Championship गोल्ड बेल्ट जीतने का लक्ष्य रहा है।
ऐसा करते हुए फोगाट साबित करना चाहती हैं कि भारत से भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ मिक्स्ड मार्शल आर्टिस्ट्स निकल सकते हैं:
“मेरा लक्ष्य वही है कि मुझे भारत की पहली MMA वर्ल्ड चैंपियन बनना है। मैं पूरी दुनिया को दिखाना चाहती हूं कि इंडिया में भी बेस्ट फाइटर्स हैं। जब तक मैं इसे पूरा नहीं कर लेती तब तक मेहनत करती रहूंगी।”
इसके अतिरिक्त देश में मांओं को लेकर रूढ़िवादी नजरिए को बदलना भी फोगाट की प्राथमिकताओं में से एक है।
अपने बच्चे को प्रेरित करने के अलावा वो मांओं को ये भी दिखाना चाहती हैं कि मां बनने के बाद भी मेहनत कर सपनों को पूरी तरह हासिल किया जा सकता है:
“वापसी के लिए मेरी एक प्रेरणा ये भी है कि इंडिया में ऐसी सोच है कि बच्चा होने के बाद मां को घर पर ही रहना चाहिए। बच्चे की देखभाल करनी चाहिए। मुझे सभी को ये दिखाना है कि मां जो चाहे वो कर सकती है। तो फाइट करने का सबसे बड़ा कारण यही है।”