सुपरगर्ल ONE Fight Night 16 में अपनी किशोरावस्था को अलविदा कहने के लिए तैयार – ‘मुझे किसी बात का पछतावा नहीं’
थाई स्टार एना “सुपरगर्ल” जारूनसाक अपनी किशोरावस्था की अंतिम फाइट से बस कुछ ही दिन दूर हैं।
इस शनिवार, 4 नवंबर को थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक के लुम्पिनी बॉक्सिंग स्टेडियम में आयोजित होने वाले ONE Fight Night 16: Haggerty vs. Andrade में युवा स्ट्राइकर स्पैनिश दिग्गज क्रिस्टीना मोरालेस का सामना करेंगी और एटमवेट किकबॉक्सिंग गोल्ड जीतने की दिशा में कदम बढ़ाएंगी।
एना नवंबर में 20 साल की हो जाएंगी, वो अब तक अपने करियर में 47 फाइट्स लड़ चुकी हैं, जिसमें ONE में किए गए चार रोमांचक प्रदर्शन भी शामिल हैं।
उन्होंने हाल ही में onefc.com से किशोरी (टीनेजर) के रूप में अपने अनोखे समय के बारे में बात की। विश्वस्तरीय मार्शल आर्टिस्ट बनने के लिए किए गए बलिदानों के बावजूद, वो कुछ भी बदलना नहीं चाहेंगी:
“मुझे अपनी किशोरावस्था में किए गए किसी भी काम या लिए गए निर्णय पर कोई पछतावा नहीं है। बेशक, कभी-कभी ये आसान नहीं होता था या मैं रोजमर्रा की परेशानी से बाहर निकलना चाहती थी। लेकिन आखिरकार, आज मेरे वो निर्णय सही साबित हो रहे हैं।”
बेशक, “सुपरगर्ल” की मेहनत रंग लाई है।
अब वो दुनिया के टॉप स्ट्राइकर्स में से एक के रूप में मजबूती से स्थापित हो चुकी हैं और इस शनिवार को तीन बार की किकबॉक्सिंग वर्ल्ड चैंपियन का सामना करेंगी। यहां ONE विमेंस एटमवेट किकबॉक्सिंग वर्ल्ड टाइटल की दौड़ में प्रवेश करने का वास्तविक मौका होगा।
पीछे मुड़कर देखने पर वो कहती हैं कि एक किशोरी के रूप में उनकी सबसे अच्छी याद दुनिया के सबसे बड़े मार्शल आर्ट्स संगठन में डेब्यू करना थी।
लेकिन जब उन्होंने अर्जेंटीना की मॉय थाई चैंपियन मिलाग्रोस लोपेज़ को पहले राउंड में शानदार नॉकआउट से हराकर फाइट जीती। Jaroonsak Muaythai की प्रतिनिधि ने स्वीकार किया कि जब भी वो विशिष्ट वयस्क स्ट्राइकर्स के खिलाफ मुकाबला करती हैं तो उन्हें कुछ घबराहट महसूस होती है:
“मेरी किशोरावस्था की सबसे पसंदीदा याद ये है कि जब मैं केवल 16 साल की थी तब मुझे ONE में लड़ने का मौका मिला था। भले ही मैं केवल 16 साल की थी, मैं लंबे समय से लड़ रही थी और मैं हमेशा हर फाइट में दृढ़ रहती हूं।
“जब मैं 16 साल की उम्र में ONE Championship में शामिल हुई तो मुझे बहुत गर्व महसूस हुआ। लेकिन साथ ही थोड़ा दबाव भी था क्योंकि अन्य प्रतिद्वंदी उम्र में बड़ी थीं। फाइट में उनमें मुझसे अधिक परिपक्वता है। लेकिन मुझे विश्वास है कि मेरा अनुभव और कड़ी मेहनत मुझे उनके बराबर बनाती है।”
महत्वाकांक्षी युवा फाइटर्स के लिए सुपरगर्ल की सलाह
अब एना जारूनसाक उम्रदराज फाइटर्स के खिलाफ मुकाबला करने वाली किशोरी नहीं रहीं, वो कॉम्बैट स्पोर्ट्स में दुनिया में टॉप पर पहुंचने की चाहत रखने वाले अन्य युवा प्रतिभावान एथलीट्स को सलाह दे सकती हैं।
“सुपरगर्ल” के अनुसार, सफलता की कुंजी धैर्य, समर्पण और हर बार रिंग में उतरकर दर्शकों को रोमांचक फाइट्स देने की इच्छा रखना है।
उन्होंने कहा:
“अगली पीढ़ी के फाइटर्स के लिए मेरी सलाह है कि चंद वर्षों में कुछ भी हासिल नहीं होता है। आपको खुद को समर्पित करने और हर दिन कड़ी मेहनत करने की जरूरत होती है। मेरे लिए ऐसा कोई रास्ता नहीं था कि केवल कुछ ही वर्षों के प्रशिक्षण से मैं ONE Championship में शामिल हो पाती, लेकिन मैं बचपन से ही लड़ रही थी।
“मैं हमेशा लड़ती हूं और मैं हर फाइट में हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करती हूं। छोटे से मुकाबले में भी हमें ऐसे लड़ना पड़ता है मानो ये बहुत बड़ी फाइट हो। मैं हमेशा सोचती हूं कि अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मुझे दर्शकों का मनोरंजन करना चाहिए। इसलिए मैं आपसे बस यही कहना चाहती हूं कि धैर्य रखें और आखिर में आपका दिन जरूर आएगा।”
किसी भी अन्य किशोरी की तरह इस युवा सनसनी ने अपनी किशोरावस्था के दौरान काफी गलतियां भी कीं।
लेकिन वो तुरंत दोहराती हैं कि उन्हें कोई पछतावा नहीं है बल्कि ये स्वीकार करती है कि किसी भी गलत कदम ने अंततः उन्हें ग्लोबल सुपरस्टार बना दिया:
“मुझे किसी बात का अफसोस नहीं है। मुझे ऐसा लगता है मैंने जो किया सो किया। हालांकि कुछ कठिनाइयां थीं, लेकिन इसने मुझे “सुपरगर्ल” बना दिया, जो मैं आज हूं। इसलिए मुझे निश्चित रूप से कोई पछतावा नहीं है।”