केड रुओटोलो के साथ वर्ल्ड टाइटल फाइट से पहले माइकी मुसुमेची कड़ी ट्रेनिंग कर रहे हैं – ‘मैं बेहद आगे हूं’
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु (BJJ) सुपरस्टार माइकी “डार्थ रिगाटोनी” मुसुमेची अपने करियर की सबसे बड़ी चुनौती और सबसे बड़े अवसर की तैयारी में पूरा जोर लगा रहे हैं।
7 सितंबर को ONE 168: Denver में मुसुमेसी ONE लाइटवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड टाइटल के लिए हमवतन अमेरिकी सुपरस्टार केड रुओटोलो को चुनौती देंगे जहां वो तीन भार वर्गों की छलांग लगाएंगे, जिससे उन्हें 2-डिविजन किंग बनने का मौका मिलेगा।
ये ब्लॉकबस्टर मैच अमेरिका के डेनवर के बॉल एरीना में आयोजित किया जाएगा और सबमिशन ग्रैपलिंग के इतिहास में सबसे महत्वपूर्ण और दिलचस्प प्रतियोगिताओं में से एक होगा।
“डार्थ रिगाटोनी” लॉस वेगास में कई दिनों से ट्रेनिंग कर रहे हैं और अपने घरेलू गैरेज के जिम और Faito Tamashii Combat Club में अपने विश्वस्तरीय सबमिशन कौशल को पैना कर रहे हैं। इस दौरान वो कठिन ट्रेनिंग सेशन, ताकत और कंडीशनिंग और वीडियो विश्लेषण के बीच बारी-बारी से काम कर रहे हैं।
फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग किंग ने onefc.com से अपने गहन शेड्यूल के बारे में बात की:
“मैं अध्ययन, प्रशिक्षण, हर चीज में इन दिनों कुल मिलाकर लगभग 10 से 12 घंटे काम कर रहा हूं।”
जब वो लॉस वेगास में नहीं होते हैं, तब मुसुमेची लॉस एंजलिस में BJJ दिग्गज रूबेंस “कोब्रिनिया” चार्ल्स की निगरानी में ट्रेनिंग करते हैं।
उन सेशंस के लिए उनके प्राथमिक ट्रेनिंग पार्टनर “कोब्रिनिया” के बेटे एवं IBJJF यूरोपीय, पैन-अमेरिकन और वर्ल्ड चैंपियन कैनेडी मेसिएल हैं।
मुसुमेची का कहना है कि मेसिएल और “कोब्रिनिया” के साथ बिताया गया समय कठिन और तकनीकी रहा है:
“गुरुवार और शुक्रवार को कैनेडी और मैं कड़ी टक्कर लेते हैं। हम एक-दूसरे को बहुत मारते हैं। हम ‘कोब्रिनिया’ की निगरानी में तीन घंटों की ट्रेनिंग करते हैं, बस मैं और वो। लेकिन ये मूल रूप से हमारे बीच 10 मिनट के राउंड होते जहां हम एक-दूसरे को मारने की कोशिश करते हैं और नई-नई चीज़ें ढूंढते हैं।”
हमेशा की तरह 28 वर्षीय ग्रैपलर अपने प्रशिक्षण में अति सतर्क और विस्तृत रहते हैं क्योंकि वो रुओटोलो के खिलाफ किसी भी और हर तरह की स्थिति की जटिलता से निपटने पर काम कर रहे हैं।
“डार्थ रिगाटोनी” ने उस अनूठी पद्धति के बारे में बताया जिसका उपयोग वो “कोब्रिनिया” और मेसिएल के साथ कर रहे हैं:
“इस ट्रेनिंग में जिन तकनीकों का हम पता लगाते हैं वे दिलचस्प हैं क्योंकि हम चीजों को लगातार बदलते रहते हैं। मैं एक चीज पर काम कर रहा होता हूं, और फिर कैनेडी उस काम को रोकना शुरू कर देते हैं जिस पर मैं काम कर रहा होता हूं।
“फिर अचानक मैं एक समायोजन करता हूं और ये फिर से काम करने लगता है। फिर कैनेडी इसे फिर से रोक देते हैं। तो फिर हम इसे बार-बार दोहराते रहते हैं, जब तक ये हमारे कौशल को दूसरे स्तर तक नहीं ले जाता। तो ये हमें ऐसी चीजें विकसित करने में सहायता करता है जिससे मैं अन्य लोगों से काफी आगे महसूस करता हूं, जो वो आज कर रहे होंगे।”
मुसुमेची का कहना है कि रिकवरी उनके ट्रेनिंग कैंप का सबसे चुनौतीपूर्ण हिस्सा है
माइकी मुसुमेची के कठोर और जटिल ट्रेनिंग कैंप ने उन्हें अपनी ग्रैपलिंग और शारीरिक कंडीशनिंग में पहले से कहीं अधिक आश्वस्त कर दिया है, लेकिन वो स्वीकार करते हैं कि उन्हें एक प्रमुख पहलू सेशंस से रिकवरी में परेशानी हो रही है।
न्यू जर्सी के निवासी ने समझाया:
“मुझे नहीं लगता कि मैं अभी जो कर रहा हूं, उससे बेहतर कुछ कर सकता हूं। मुझे ये पसंद है। एकमात्र चीज जिसके साथ मैं संघर्ष कर रहा हूं वो है मेरी रिकवरी।
“जब मैं इस तीव्रता से ट्रेनिंग कर रहा होता हूं तो इससे उबरना बहुत मुश्किल होता है और मुझे लाइटवेट होने की जरूरत है क्योंकि इसमें अधिक शक्ति होती है। लेकिन रिकवरी मुझे थोड़ा मार रही है। इसलिए मैं ये पता लगाने का प्रयास कर रहा हूं कि मैं कैसे जल्दी ठीक हो सकता हूं ताकि मैं इस प्रकार की कड़ी ट्रेनिंग जारी रख सकूं।”
दिन-ब-दिन घंटों तक उच्च स्तर ग्रैपलिंग से मुसुमेची के शरीर और तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि उससे निपटने के लिए वो क्या कर रहे हैं:
“मैं अपने शरीर में कोर्टिसोल (हॉर्मोन) को चरम पर महसूस कर रहा हूं और फिर मुझे सांस के साथ कोर्टिसोल को हटाने की कोशिश करनी पड़ती है, लेकिन ये एक निरंतर लड़ाई है। लेकिन मुझे उस स्तर तक पहुंचने के लिए यही करना होगा जो मैं बन रहा हूं और मैं इसे स्टेरॉइड के बिना स्वाभाविक रूप से करना चाहता हूं।
“प्रशिक्षण से मैं इतना थक जाता हूं कि अब रिकवरी बिल्कुल एक ट्रेनिंग सेशन जैसी हो गई है जिससे मैं अपनी तंत्रिका तंत्र को रिसेट करनी की कोशिश करता हूं।”
अब केड रुओटोलो के साथ अपने बहुप्रतीक्षित वर्ल्ड टाइटल मुकाबले से केवल एक महीना दूर मुसुमेची अपने जीवन के सबसे कठिन ट्रेनिंग कैंप में हैं:
“बहुत सोना, बहुत चलना, और बहुत सॉना, ये सभी चीजें मैं आजमा रहा हूं। मैं कभी-कभी अधिक चीनी भी खा रहा हूं, क्योंकि चीनी मुझे सोने में मदद करती है। जैसे कभी-कभी अगर मैं पर्याप्त चीनी नहीं खाता हूं तो फिर मैं भूख से जाग जाता हूं। तो ये एक निरंतर लड़ाई हैऔर हां सच कहूं तो मैं अभी यही हूं।”