सवास माइकल MMA में बढ़ाना चाहते हैं कदम – ‘मैं खुद को चुनौती देते रहना चाहता हूं’
सवास माइकल शनिवार, 27 अगस्त को होने वाले अपने ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड ग्रां प्री सेमीफाइनल मैच पर ध्यान लगा रहे हैं, लेकिन अपने साथी एथलीट्स की तरह वो भी दूसरे स्पोर्ट में जाने के बारे में सोच रहे हैं।
सिंगापुर इंडोर स्टेडियम में ONE Fight Night 1: Moraes vs. Johnson II में ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन रोडटंग जित्मुआंगनोन के खिलाफ टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में साइप्रस के स्ट्राइकर का मुकाबला तय है और वो अंतत: अब MMA में कदम बढ़ाना चाह रहे हैं।
थाई मेगास्टार और #2 रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर जोनाथन हैगर्टी दोनों भविष्य में MMA की ओर ही अपना बदलाव करने की इच्छा रखते हैं। ऐसे में माइकल भी उन्हीं के नक्शेकदम पर चलना चाह रहे हैं, ताकि वो अपनी स्किल्स को MMA में परख सकें।
उन्होंने कहा:
“मैं अब 23 साल को हो गया हूं और ONE Championship में फाइटिंग स्पोर्ट के शिखर पर हूं। मैं दुनिया के सबसे बेहरीन एथलीट्स से मुकाबला कर रहा हूं और वो भी MMA में जाने के लिए दिलचस्पी दिखा रहे हैं। मैं इसलिए भी MMA ट्राई करना चाहता हूं क्योंकि उसमें ऐसे और भी पहलू हैं, जिन पर आपको विचार करना है या सोचना है।”
माइकल को “द बेबी फेस किलर” के उपनाम से भी जाना जाता है और उन्हें थाईलैंड से बाहर जन्मे बेस्ट मॉय थाई फाइटर्स में से एक माना जाता है। साइप्रस एथलीट के नाम 44-4 का प्रोफेशनल रिकॉर्ड है। वर्तमान में वो #4 रैंक के फ्लाइवेट मॉय थाई कंटेंडर और पूर्व WBC व WMC मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियन भी हैं।
इससे पहले कि वो दूसरे स्पोर्ट में जाएं Petchyindee Academy के प्रतिनिधि ग्रां प्री जीतना, रोडटंग को ONE फ्लाइवेट मॉय थाई वर्ल्ड चैंपियनशिप में हराना और इसके बाद अपनी बेल्ट के तहत कुछ वर्ल्ड टाइटल डिफेंस करना चाहेंगे।
माइकल ने कहा:
“अगर मैं टाइटल जीतता हूं और कुछ बार उसका बचाव कर लेता हूं तो फिर मैं अगले चुनौती की ओर देखूंगा। मैं खुद को चुनौती देता रहना चाहता हूं और MMA से मुझे ये चुनौती मिलती रहेगी।”
अपने बेहतर माइंडसेट के लिए सवास माइकल Petchyindee Academy को देते हैं श्रेय
साइप्रस के सवास माइकल भविष्य में MMA के बेहतरीन एथलीट बनना चाहते हैं, लेकिन उससे पहले वो मॉय थाई के शिखर को पाना चाहते हैं और Petchyindee Academy वो जिम है, जो उनकी वहां तक पहुंचने में मदद कर सकता है।
“द बेबी फेस किलर” की हमेशा से ही चैंपियंस वाली मानसिकता रही है, लेकिन 5 साल पहले जब वो थाईलैंड में बैंकॉक के वर्ल्ड क्लास जिम कल्चर में शामिल हुए थे तो जल्द ही उनका दायरा काफी बढ़ गया था।
माइकल ने कहा:
“यूरोप की तुलना में थाईलैंड में ट्रेनिंग करने में काफी बड़ा अंतर है। यहां हम जिम में जीते हैं और सांस लेते हैं। सप्ताह के 6 दिन यहीं बीतते हैं और दोस्तों से मिलने के लिए कोई कॉफी ब्रेक भी नहीं होता है। वहीं अनुशासन के मामले में यूरोप के फाइटर थोड़े कम पाबंद हैं।
“थाईलैंड में ये किसी नौकरी पेशे जैसा है, जिससे लोग अपना परिवार चलाते हैं। ये काफी अलग दृष्टिकोष है, जिसने काफी कम उम्र में मेरी आंखें खोल दी थीं। मुझे किसी उद्देश के लिए फाइट करनी होती है और इसने मुझे उस तरह का फाइटर बनाया है, जो कि आज मैं हूं।”
इस दृष्टिकोष को अपनाने और खुद को जिम के इस कल्चर में ढालने के चलते माइकल को लगता है कि उन्होंने अपने गेम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। इसके बदले में उन्हें अपने करियर की सबसे बड़ी फाइट से पहले आवश्यक ऊर्जा मिली है।
23 साल के एथलीट रोडटंग की ख्याति को अच्छी तरह से जानते हैं और उनको ये भी पता है कि फ्लाइवेट किंग ने ONE Championship में अभी तक एक भी मॉय थाई या किकबॉक्सिंग मैच नहीं हारा है। हालांकि, Petchyindee Academy के साथियों ने उन पर भरोसा किया है और इससे उन्हें ताकत मिलती है।
माइकल ने कहा:
“मैंने इस मानसिकता को अपनाया है कि अगर मैं जीत नहीं पाया तो शायद टिका ना रह सकूं। यहां कुछ फाइटर्स को हर तीन हफ्ते में फाइट करनी होती है।
“थाईलैंड में ये काफी अलग तरह का खेल है और यही कारण है कि रोडटंग के साथ मुकाबले में शामिल होकर मुझे आत्मविश्वास महसूस हो रहा है क्योंकि मैं इन्हीं एथलीट्स के साथ रहता हूं और उनमें विश्वास करता हूं। अगर वो कहते हैं कि मैं ये कर सकता हूं तो मैं उनकी बात क्यों ना सुनूं? उन्होंने मुझे परिपक्व होते देखा है और मुझे भरोसा दिलाया है कि मैं ये कर सकता हूं।”