अपने फेदरवेट MMA डेब्यू में गैरी टोनन को बड़ी परेशानी में डालने की योजना बना रहे जॉनी नुनेज
ONE Championship में अपनी पहली और एकमात्र उपस्थिति के 3 साल से अधिक समय बाद जॉनी नुनेज आखिरकार सर्कल में वापसी करने को तैयार हैं।
Prime Video पर होने वाले ONE Fight Night 6: Superbon vs. Allazov में “जॉनी बॉय” का सामना पूर्व ONE फेदरवेट वर्ल्ड टाइटल चैलेंजर गैरी टोनन से एक ऐसी बाउट में होगा, जिसका डिविजन पर गहरा असर पड़ने वाला है।
MMA का ये मुकाबला 14 जनवरी को थाइलैंड के बैंकॉक के इम्पैक्ट एरीना में होगा और वास्तव में ये नुनेज के प्रोफेशनल करियर की सबसे कड़ी परीक्षा होगी।
टोनन ना सिर्फ #2 रैंक के फेदरवेट कंटेंडर हैं बल्कि उन्हें व्यापक तौर पर MMA के सबसे खतरनाक ग्राउंड फाइटर्स में से एक माना जाता है। वो एक दिग्गज BJJ ब्लैक बेल्ट एथलीट हैं, जो दुनिया के किसी भी दूसरे एथलीट को सबमिट करने की क्षमता रखते हैं।
ऐसे में नुनेज अपनी ट्रेनिंग पर पूरा भरोसा करते हैं।
एक पूर्व डिविजन 1 कॉलिजिएट रेसलर व Xtreme Couture टीम के प्रतिनिधि लगातार दिग्गज ग्राउंड फाइटर्स के साथ ग्रैपलिंग करते रहते हैं और ऊंचे स्तर के BJJ स्पेशलिस्ट्स के खिलाफ अपने सबमिशन डिफेंस को परखते रहते हैं।
उन्होंने ONEFC.com को बताया:
“मैं कई सारे ग्रैपलर्स से घिरा हुआ हूं। पूरे करियर में मैं अपने जिम और लॉस वेगास के आसपास के अन्य दूसरे जिम के बहुत से हाई-लेवल ग्रैपलर्स से मिलता रहता हूं।”
“द लॉयन किलर” से मुकाबला करने के लिए बेशक नुनेज को काफी सारे ग्रैपलर्स के अनुभव का सहारा लेना पड़ेगा, जो कि फाइट के दौरान किसी भी समय उनके लिए खतरा बन सकते हैं।
ऐसे में “जॉनी बॉय” का मानना है कि उनके प्रतिद्वंदी द्वारा लेग लॉक लगाने की उत्सुकता के चलते उन्हें तगड़े ग्राउंड स्ट्राइक्स लगाने का मौका मिल जाएगा। ये उसी तरह की स्थिति है, जिसके चलते थान ली के खिलाफ टोनन को MMA की इकलौती हार झेलनी पड़ी थी।
इस बात को ध्यान में रखते हुए कि अगर प्रतिद्वंदी उनकी पीठ के जरिए सबमिशन का प्रयास खोजने की कोशिश करते हैं तो नुनेज के पास इसका करारा जवाब मौजूद रहेगा।
उन्होंने कहा:
“मैं एथलीट्स को लॉक करके गिराने और घूमकर पैरों के नीचे से निकलकर टॉप पर आते हुए स्थिति को नियंत्रित करने में बहुत बेहतर हूं। मुझे लगता है कि ये फाइट है और इसमें कुछ भी हो सकता है। हर फाइट अलग होती है। ऐसे में कुछ भी एक जैसा नहीं घटित होता है।
“मैं उम्मीद करता हूं कि वो मुझ पर नीचे से झपटने की कोशिश करेंगे और मैं उन्हें वहीं पर रोक लूंगा। फिर उन्हें टॉप से होल्ड करते हुए कुछ तगड़े हमले करूंगा।”
जाहिर है कि टोनन के सबमिशन का बचाव करना पूरी पहेली का केवल एक हिस्सा है।
“जॉनी बॉय” के अनुसार, वो अपने दबाव और रफ्तार का इस्तेमाल करने की योजना बना रहे हैं, जिसे उन्होंने रेसलिंग रूम में कई साल के अभ्यास और कड़ी मेहनत से हासिल किया है। इस तरह से वो अपने प्रतिद्वंदी को बाउट के अंतिम समय में रोक पाएंगे।
अमेरिकी एथलीट ने कहा:
“सबसे सही तरीका तो उन्हें बड़ी मुश्किल में फंसाकर तीसरे राउंड में फिनिश करना होगा। मुझे दूसरे एथलीट्स को परेशानी में डालकर हराने में मजा आया था। मुझे पता है कि मेरे पास किसी दूसरे एथलीट से कहीं ज्यादा पूरी फाइट करने की क्षमता है और मुझे चीजें ऐसी ही होती नजर आ रही हैं।”
जॉनी ने खुश रहने वाली मानसिकता और बेहतर ट्रेनिंग को दिया श्रेय
14 जनवरी को सर्कल में वापसी करते हुए नुनेज फेदरवेट डिविजन में अपना डेब्यू करेंगे।
पहले लाइटवेट डिविजन में मुकाबला करने बाद अब नई दिशा में कदम बढ़ाते हुए उन्हें अपना वजन घटाने में किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा।
“मुझे ऐसा करने में काफी अच्छा महसूस हुआ। मेरा वजन काफी कम हो चुका है। अगले कुछ समय में होने वाली फाइट से पहले बस मुझे कुछ चीजों को फाइन ट्यून करना बाकी है।”
ट्रेनिंग के लिए नुनेज के बदले हुए दृष्टिकोण ने उनके नए डिविजन में प्रवेश को काफी कुछ आसान बना दिया है।
जीवनभर रेसलिंग करने के बाद प्रोफेशनल MMA करियर की जटिलता और अब पिता बनने के बाद उन्होंने आखिरकार ट्रेनिंग माइंडसेट के लिए सही मंत्र हासिल कर लिया है।
इन सबके अलावा, 37 साल के एथलीट का कहना है कि जीवन के कई तनावों को दिमाग पर हावी ना होने देना ही सबसे अहम बात होती है। इससे उन्हें ध्यान लगाने और वास्तव में ट्रेनिंग का मजा लेने में मदद मिलती है।
नुनेज ने आगे बताया:
“मेरा ट्रेनिंग प्रॉसेस काफी सारे तरीकों से विकसित हुआ है, जिसमें मुख्यतः मानसिक चीजें शामिल हैं। अब जब मेरे पास पालने के लिए दो बच्चे हैं तो मेरे लिए ट्रेनिंग के लिए बेहतर जगह पर रहने और पैसा बनाने या अपने बच्चों की अच्छी परवरिश करने को लेकर तनाव महसूस नहीं करने की मानसिकता बन चुकी है।
“अब चीजों के साथ मजा करने और पूरी प्रक्रिया का लुत्फ उठाने की आदत बन गई है, ताकि जीवन यात्रा का आनंद उठाया जा सके।”