मॉय थाई चैंपियन मां के नक्शे-कदम पर चल रहीं इमान बारलौ – ‘मैं बस उनकी तरह बनना चाहती थी’
इमान “प्रीटी किलर” बारलौ को अपनी मार्शल आर्ट्स की यात्रा शुरू करने के लिए किसी प्रेरणा की आवश्यकता नहीं थी।
दरअसल, ब्रिटिश फाइटर की परवरिश ही एक मॉय थाई परिवार में हुई थी। उनको बचपन के वो दिन याद हैं, जब उनकी मां मैक्सीन फाइट के लिए जिम में पसीना बहाया करती थीं। ऐसे में इमान अब 25 मार्च को ONE Fight Night 8 की एक स्ट्रॉवेट बाउट में एकातेरिना “बार्बी” वंडरीएवा से भिड़ने जा रही हैं।
मां को ट्रेनिंग और मुकाबले करते देखने का मतलब था कि बारलौ के भी उसी रास्ते पर चलने की क्षमता पर सवाल नहीं किया जा सकता था।
उन शुरुआती दिनों को याद करते हुए 29 साल की एथलीट कहती हैं कि वो तुरंत ही मां के पदचिह्नों पर चलने के लिए प्रेरित हो गई थींः
“मेरी मां ही हैं, जिन्होंने मुझे इस रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित किया। मां ब्रिटिश चैंपियन थीं। वो मुझे ट्रेनिंग में ले जाया करती थीं। मैं उनकी ट्रेनिंग और फाइटिंग देखते हुए ही बड़ी हुई थी।
“पता है कि वो मुझ पर गर्व करती हैं, लेकिन निश्चित रूप से वो मेरी प्रेरणाओं में से एक थीं। ये मेरे लिए बहुत अच्छी बात थी।”
बारलौ ने अपनी ट्रेनिंग तब शुरू की, जब वो महज 2 साल की थीं। उन्होंने कुछ समय बाद ही प्रतिस्पर्धा करनी शुरू कर दी थी। वो स्थानीय शोज़ के अंडरकार्ड पर जूनियर मुकाबलों में भाग लेने लगी थीं।
वहीं, एक ऐसी घटना घटी, जिसे वो आज तक नहीं भूल पाई हैं और हमेशा याद रखती हैं।
“प्रीटी किलर” ने अपनी मां के साथ मंच साझा किया था और अपने रोल मॉडल को नाटकीय अंदाज में रिंग में वॉक करते देखा था। यही चीज़ हमेशा उनकी उनकी यादों में बस गई।
उन्होंने बतायाः
“मां और मैंने एक बार एक ही कार्ड पर मुकाबला किया था। उस वक्त मैं 5 साल की थी। मेरे पास पुरुषों के क्लब में होने की बहुत अच्छी यादें हैं। मेरी मां फाइट के लिए बाहर आ रही थीं और आने से पहले उनकी एक छाया पड़ी, जिसने मेरे अंदर एक गहरी छाप छोड़ दी।
“मैंने उस वक्त बस यही सोचा कि वाह, कितना अच्छा नज़ारा है। उसके बाद आसपास से धुआं उठा और वो वहां आ गईं। उन्हें देखकर मैं बस उनकी तरह ही बनना चाहती थी।”
‘मां ही मेरे लिए सबकुछ हैं’
मॉय थाई में जब सफलता प्राप्त करने की बात आई तो इमान बारलौ के पास हमेशा से एक गुरु था, जो उनके बेहद करीब रहा, लेकिन उनकी मां ने थाली में सजाकर उन्हें सारी चीजें आसानी से नहीं दे दीं।
उन्होंने कहने की बजाय, वो चीजें करके दिखाने पर भरोसा जताया। अगर उनकी बेटी सफलता का स्वाद चखना चाहती थीं तो बस उन्हें उनके बताए रास्ते पर चलने की आवश्यकता थी।
“प्रीटी किलर” ने बतायाः
“मुझे लगता है कि उन्होंने सिर्फ रास्ता दिखाया। मुझे बस यही बताया गया कि ये रास्ता है और इस पर आगे बढ़ते जाओ। ऐसे कई मौके होते हैं, जब आपको परेशान नहीं किया जा सकता या आप थके होते हैं, लेकिन आप उसके साथ ही बढ़ते रहते हैं। मैंने कभी भी ट्रेनिंग का एक सत्र भी मिस नहीं किया। मां ने मुझे हर चीज पर ज्यादा से ज्यादा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाने का नज़रिया दिया।
“उन्होंने कहा था कि अगर आप कुछ करना चाहती हैं तो त्याग भी आपको ही करना पड़ेगा। अगर आप इसे नहीं करना चाहती हैं तो कोई दबाव नहीं है। आप मत करिए, लेकिन एक साथ दो चीजें नहीं हो सकती हैं। आपको खुद को मजबूत बनाना होगा या इसको छोड़ने होगा।”
बहुत पहले ही रिटायर हो चुकीं मैक्सीन अब इसमें सक्रिय नहीं हैं, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि वो अपनी बेटी के करियर में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका नहीं निभा रही हैं।
अभी उनको बहुत करना है और “प्रीटी किलर” भी ये बात अच्छे से जानती हैं कि वो अपनी मां की मदद के बिना पता नहीं कहां होंगी। वो उनके जीवन में कई तरह की महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाती हैं।
एक बात तो तय है कि युवा स्ट्राइकर अपनी मां के लिए बहुत कुछ करना चाहती हैं और वो इसे कभी भी हल्के में नहीं लेंगी।
बारलौ ने कहाः
“मां ही बस मेरी प्रेरणा हैं। मां वो हैं, जिनके सामने मैं रो सकती हूं। मां वो हैं, जिनके पास मैं अपनी ट्रेनिंग या जीवन के बारे में बात करने जाऊंगी तो वो इत्मिनान से मेरी बात सुनेंगी। उन्हीं की बदौलत मैं यहां तक पहुंची हूं। वो मेरा पूरा ध्यान रखती हैं। मुझे अगर किसी भी चीज़ की जरूरत होगी तो बेझिझक मैं उनके पास जा सकती हूं। वो मेरे लिए सबकुछ हैं।”