शिन्या एओकी को फिनिश कर सबको जिउ-जित्सु का महत्व समझाना चाहते हैं माइकी मुसुमेची
7 अक्टूबर को ONE Fight Night 15: Tawanchai vs. Superbon में फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियन माइकी मुसुमेची अपने ONE करियर की सबसे कठिन चुनौती का सामना करने वाले हैं।
इस इवेंट में “डार्थ रिगाटोनी” का सामना ओपनवेट सबमिशन ग्रैपलिंग मुकाबले में पूर्व ONE लाइटवेट MMA वर्ल्ड चैंपियन शिन्या “टोबीकन जुडन” एओकी से होगा, जिनका वजन मुसुमेची से 30 पाउंड्स अधिक है।
एओकी को MMA इतिहास के सबसे खतरनाक सबमिशन आर्टिस्ट्स में से एक माना जाता है और टॉप लेवल ग्रैपलिंग से अच्छी तरह वाकिफ हैं क्योंकि उन्होंने ADCC वर्ल्ड चैंपियनशिप और ONE में 3 ग्रैपलिंग बाउट्स का अनुभव हासिल किया है।
अपने पिछले सबमिशन ग्रैपलिंग मुकाबले में जापानी दिग्गज ने मौजूदा ONE लाइटवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड चैंपियन और दुनिया के टॉप पाउंड-फोर-पाउंड ग्रैपलर्स में से एक केड रुओटोलो को कड़ी टक्कर दी थी।
उस मैच ने मुसुमेची को अहसास कराया कि उनके लिए एओकी की चुनौती आसान नहीं रहेगी।
अमेरिकी स्टार ने onefc.com से कहा:
“केड रुओटोलो, 170 पाउंड के चैंपियन, ने उनसे मुकाबला किया और हरा नहीं पाए। वहीं अब मैं अपना वजन बढ़ाकर एक ऐसे फाइटर का सामना करने वाला हूं, जिसे चैंपियन फिनिश नहीं कर पाया था। शिन्या को फिनिश करना आसान नहीं है इसलिए ये दिलचस्प मुकाबला रहने वाला है।”
“डार्थ रिगाटोनी” कभी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटते और एओकी से बॉडी साइज़ कम होने के कारण उन्हें अच्छा करने की प्रेरणा मिल रही है।
ब्राजीलियन जिउ-जित्सु में सटीक पोजिशन में आना महत्वपूर्ण होता है। 27 वर्षीय मुसुमेची अगले मैच में इसी रणनीति पर काम करेंगे:
“मैं ऐसी राह पर हूं, जहां मैं सबसे अधिक तकनीकी फिनिश हासिल करना चाहता हूं। जहां मैं अपनी बॉडी का भरपूर फायदा उठाते हुए खुद से तगड़े फाइटर को फिनिश कर पाऊं। इसलिए ये चुनौती मेरे लिए आसान नहीं होगी, जिसे विज्ञान का एक परीक्षण कहना सही होगा। क्या मेरी सबमिशन तकनीक शिन्या के रूप में एक ज्यादा ताकतवर एथलीट को फिनिश कर पाएगी?”
मुसुमेची का लक्ष्य सबमिशन ग्रैपलिंग और जिउ-जित्सु के खेल को बढ़ावा देना है। ऐसे में वो “टोबीकन जुडन” के खिलाफ मैच को बहुत बड़े अवसर के रूप में देख रहे हैं।
मुसुमेची ने कहा:
“मुझे लगता है कि मैं हर बार अपने जिउ-जित्सु गेम का अच्छा प्रदर्शन कर पाया हूं और इस बार भी ऐसा ही करने का प्रयास करूंगा। मैं अब एक खुद से तगड़े फाइटर के खिलाफ ऐसा करना चाहता हूं। जिउ-जित्सु का महत्व यही तो है, जहां आप खुद से ताकतवर एथलीट को हराने की काबिलियत रखते हों।”
मुसुमेची के अनुसार, परफेक्ट तकनीक से एओकी को फिनिश किया जा सकता है
माइकी मुसुमेची को स्कोरकार्ड्स से आई जीत कभी संतुष्ट नहीं करती। उनके लिए सबमिशन फिनिश ना आना असफलता के समान है।
BJJ सुपरस्टार जानते हैं कि शिन्या एओकी जैसे अनुभवी एथलीट के खिलाफ “माइकी लॉक”, रीयर-नेकेड चोक या अन्य कोई सबमिशन मूव लगाना बहुत बड़ी चुनौती के समान होगा।
मगर गी (मैच के दौरान पहने जाने वाली कॉस्ट्यूम) जिउ-जित्सु से नो-गी सबमिशन ग्रैपलिंग में आने के बाद 5 बार के IBJJF ब्लैक बेल्ट वर्ल्ड चैंपियन ने पिछले कुछ सालों में अपनी फिनिशिंग तकनीक पर काफी ध्यान दिया है।
उन्होंने कहा:
“मैंने नो-गी सबमिशन ग्रैपलिंग में आने के बाद सबमिशन मूव से फिनिश करने की तकनीक पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया है। साल 2021 में मैंने पहली बार नो-गी फाइट की थी। अब उस बात को 2 साल बीत चुके हैं और अब भी नो-गी तकनीकों में काफी सुधार कर रहा हूं। हां, ये गी कॉम्पिटिशन से काफी अलग है क्योंकि आपको फिनिश हासिल करने के लिए परफेक्ट तरीके से मूव्स को लगाना होता है।”
मुसुमेची की मेहनत रंग लाई है क्योंकि वो पिछले 2 ONE फ्लाइवेट सबमिशन ग्रैपलिंग वर्ल्ड टाइटल डिफेंस में फिनिश हासिल करने में सफल रहे हैं।
मगर एओकी अपने 58 मैचों के प्रोफेशनल MMA करियर में कभी सबमिशन से नहीं हारे हैं। जापानी आइकॉन के डिफेंसिव गेम और बॉडी साइज़ में बड़े होने को लेकर “डार्थ रिगाटोनी” का मानना है कि 7 अक्टूबर को सबमिशन फिनिश हासिल करना उनके लिए बड़ी उपलब्धि के समान होगा।
मुसुमेची ने कहा:
“ये जीत साबित कर देगी कि मेरी फिनिशिंग तकनीक एकदम सटीक है और मैं उनका सही तरीके से इस्तेमाल कर रहा हूं। मगर मैं शिन्या के खिलाफ ताकत के मामले कमजोर रहूंगा।”