जिओंग को हराकर स्ट्रॉवेट वर्ल्ड चैंपियन बनना है मियूरा का लक्ष्य
अयाका “ज़ोम्बी” मियूरा ने ONE: DANGAL में हयानी बास्तोस को स्कार्फ-होल्ड अमेरिकाना लगाकर हराते हुए दिखा दिया है कि वो मार्शल आर्ट्स में सबसे बेहतरीन सबमिशन स्पेशलिस्ट्स में से एक हैं।
शानदार वापसी के बाद आई जीत ने जापानी स्टार को विमेंस स्ट्रॉवेट मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स डिविजन की टॉप कंटेंडर्स में से एक बना दिया है।
मियूरा ने ONE में अभी तक अपनी सभी जीत स्कार्फ-होल्ड अमेरिकाना के दम पर हासिल की हैं, लेकिन भविष्य में उन्हें अन्य स्किल्स में भी सुधार की जरूरत होगी।
ज़ोम्बी ने पिछले मैच के प्रदर्शन, उस मुकाबले के लिए की गई तैयारी और भविष्य में वर्ल्ड चैंपियनशिप मैच मिलने की उम्मीद के बारे में भी बात की।
ONE Championship: ONE:DANGAL में आपने हयानी बास्तोस को सबमिशन से हराया। ONE: KING OF THE JUNGLE में टिफनी “नो चिल” टियो के खिलाफ हार के बाद ये आपका पहला मैच रहा। दोनों मैचों के लिए आपकी ट्रेनिंग में क्या अंतर आया?
अयाका मियूरा: पिछली हार से सबक लेते हुए मैंने कई चीजों में सुधार करने की कोशिश की।
मेरी रीच (पहुंच) कम है फिर भी मैंने टियो की तरह फाइट करने की कोशिश की। इसलिए मैंने अपनी तकनीक में सुधार करते हुए अपने टेकडाउंस को बेहतर करने की कोशिश की।
उस हार ने मुझे खुद में सुधार करने का अवसर प्रदान किया था, हार से मुझे अच्छा प्रदर्शन करने का प्रोत्साहन मिला। हालांकि उस बुरे दौर से उबरना काफी कठिन रहा, फिर भी मैंने खुद में सुधार करना जारी रखा।
ONE: बास्तोस को आपने पहले राउंड में सबमिशन से हराया। क्या आपने ट्रेनिंग के दौरान सबमिशन का ही प्लान तैयार कर लिया था?
मियूरा: मेरे ट्रेनर ने मुझसे कहा कि मैच इतनी जल्दी समाप्त हो गया इसलिए इस बारे में कुछ कह पाना मुश्किल है, लेकिन मेरी मूवमेंट में जरूर सुधार हुआ है।
मैं अपनी विरोधी से दूरी को कम करने में सफल हो रही थी, अच्छी मूवमेंट, हेड पोजिशन और जल्दबाजी ना करते हुए अपनी विरोधी की मूवमेंट को मैं परख पा रही थी।
मैं अब स्कार्फ-होल्ड अमेरिकाना के अलावा भी अपनी अन्य तकनीकों को बेहतर करने पर ध्यान दे रही हूं, लेकिन इस बार भी अंत में मुझे उसी मूव की मदद से जीत मिली।
ONE: मैच से पहले कैसा महसूस कर रही थीं?
मियूरा: मुझे हर मैच से पहले घबराहट होती है। इस मैच के लिए मैं इसलिए परेशान थी क्योंकि पिछले मुकाबले में मुझे हार झेलनी पड़ी थी।
मेरी प्रतिद्वंदी भी ताकतवर थीं, मेरा वजन उनसे कम था इसलिए मुझे यही बात परेशान कर रही थी कि उनकी ताकत मुझपर हावी हो सकती है।
जब मैं इस 56 किलोग्राम की बाउट के लिए एरीना में दाखिल हुई, तब मैंने अपने ट्रेनर से कहा कि हमारे बीच वजन में करीब 4 किलो का अंतर होगा। मेरे कोच ने कहा, “वो लंबी जरूर हैं लेकिन तगड़ी नहीं हैं इसलिए ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है।” फिर भी मैं डरी हुई थी।
ONE: मैच के बाद आपने चिल्लाते हुए कहा, “मुझे कम मत आंकना।” क्या आप उसका मतलब बता सकती हैं?
मियूरा: मैं एंट्री के समय बहुत उत्साहित महसूस कर रही थी। जब मेरी प्रतिद्वंदी की एंट्री हुई, तब मुझे ऐसा लगा जैसे वो कह रही थीं कि, “सब ठीक ही होगा।” तब मुझे अहसास हुआ कि मैं उन्हें हरा सकती हूं।
मेरी विरोधी ने इंस्टाग्राम पर अपने बॉयफ्रेंड के साथ तस्वीर शेयर की थी। उसे देखने के बाद मैंने सोचा, “मैं पिछले साल से केवल अपनी ट्रेनिंग कर ध्यान दे रही हूं।”
मेरी उम्र 30 साल से अधिक है, पिछले साल हार झेलनी पड़ी और उससे उबरने के लिए मैंने कड़ी मेहनत की है। इसलिए उस मैच को जीतने के लिए मैंने अपनी पूरी ताकत लगा दी।
ONE: मैच जीतने के बाद कैसा महसूस कर रही थीं?
मियूरा: मुझे बहुत राहत मिली और आंखों से आंसू भी आ रहे थे, लेकिन मेरे कोच ने मुझसे चुप होने के लिए कहा क्योंकि हर जीत अपने आप में खास होती है।
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ONE: कोच चोनान को अपने सख्त रवैये के लिए जाना जाता है?
मियूरा: उनका रवैया सख्त है, लेकिन वो बहुत अच्छे इंसान भी हैं।
मार्शल आर्ट्स के अभ्यास के दौरान वो बहुत सख्त होते हैं, लेकिन वो मुझे जीत दिलाने के लिए भी बहुत मेहनत करते हैं। इसे उत्पीड़न के तौर पर ना देखें क्योंकि उनका सख्त रवैया मेरे लिए ही फायदेमंद है।
मैच से पहले मैं उनके साथ सफर करती हूं और हर तरीके से वो मुझे सपोर्ट करते हैं। पिछले मैच के लिए उन्होंने मुझे एयरपोर्ट छोड़ा और वापस लेने भी आए।
वो फाइटर्स के गेम को परखना अच्छे से जानते हैं और हर एथलीट का पैडवर्क अलग होता है। इसलिए वो अलग-अलग फाइटर्स को उन्हीं के हिसाब से ट्रेनिंग करवाते हैं।
ONE: आपने पहले स्ट्रॉवेट से एटमवेट डिविजन में आने के बारे में कहा था?
मियूरा: मैं किसी भी डिविजन में परफॉर्म करने के लिए तैयार हूं। जब ONE विमेंस एटमवेट वर्ल्ड ग्रां प्री की घोषणा हुई, तब मैंने एटमवेट डिविजन में जाने के बारे में सोचा था। लेकिन मैं खुद को इस तरीके से ट्रेन कर रही थी कि मेरे प्रदर्शन पर बदलाव के बाद भी कोई फर्क ना पड़े।
मगर अंत में मैंने स्ट्रॉवेट डिविजन में ही बने रहने का निर्णय लिया और मेरी प्राथमिकता स्ट्रॉवेट डिविजन की वर्ल्ड चैंपियन बनना है।
ONE: आप विशिष्ट तौर पर किसके खिलाफ मैच चाहती हैं?
मियूरा: मैं जिओंग जिंग नान से भिड़ना चाहती हूं। अभी तक मेरी सभी प्रतिद्वंदी वर्ल्ड चैंपियनशिप मैचों का हिस्सा रही हैं, लेकिन मुझे ऐसा मौका अभी तक नहीं मिला है।
जिओंग एक अच्छी फाइटर हैं, लेकिन मुझे तब तक उनकी स्किल्स पर विश्वास नहीं होगा जब तक वो मेरे ग्रैपलिंग गेम का सामना नहीं कर लेतीं। उनकी बॉक्सिंग काफी अच्छी है और हर किसी को पंचों से क्षति पहुंचाती आई हैं। इसलिए मुझे उनकी बॉक्सिंग को कमजोर करने का रास्ता ढूंढना होगा।
मैं देखना चाहती हूं कि अगले मैच में वो BJJ वर्ल्ड चैंपियन मिशेल निकोलिनी के ग्राउंड गेम के खिलाफ कैसा प्रदर्शन करती हैं। मेरे हिसाब से मैं उन्हें कड़ी टक्कर दे सकती हूं।
ONE: जिओंग और निकोलिनी के मैच से आपको क्या उम्मीद है?
मियूरा: मैच की गति इसी बात पर निर्भर करेगा कि जिंग नान अपनी विरोधी के करीब आ पाती हैं या नहीं। वहीं एक ग्रैपलर और स्ट्राइकर की भिड़ंत को देखने के लिए भी मैं बहुत उत्साहित हूं।
ONE: अपने फैंस से क्या कहना चाहती हैं?
मियूरा: मुझे सपोर्ट करने के लिए सभी का धन्यवाद। मैं नहीं जानती कि मेरा अगला मैच कब होगा, लेकिन मैंने कड़ी मेहनत करनी नहीं छोड़ी है। इसलिए मुझे सपोर्ट करते हुए प्रोत्साहन देते रहिए।
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